* नेर हत्याकांड तीन वर्ष बाद सुलझा
यवतमाल/ दि. 5– प्रेमिका का पति संबंध में बाधा बन रहा इस वजह से प्रेमी ने दोस्तों की सहायता से उसकी हत्या कर डाली. मगर इस हत्या का दिखावा हुबहू दुर्घटना की तरह किया गया. जिसके कारण तीन वर्ष बीतने के बाद इस हत्याकांड का पर्दाफाश हुआ. उसमें भी मृतका की बहन ने सामने आकर आरोपियों पर संदेह व्यक्त किया. पुलिस ने भी जेैसे-तैसे आगे बढकर मामले का पर्दाफाश करते हुए इस हत्याकांत में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी.
अनिल सुखदेव बोरकर (40) की 29 फरवरी 2020 को गोंडगव्हाण रास्ते पर लाश मिली थी. अनिल के शरीर पर खरोच के निशान थे. कुछ जख्म भी दिखाई दिये. परंतु यह हत्या या दुर्घटना इस उलझन में पुलिस फंसी हुई थी. हत्या का पर्दाफाश नहीं हुआ, पुलिस ने आकस्मिक मौत का मामला दर्ज किया. इस बीच संजय अंबरसिंग आडे (27, मांगुल, हमु. हनुमान नगर नेर) यह अनिल की पत्नी के साथ रहने लगा. उसने अनिल की पत्नी के नाम पर रहने वाले खेत पर कर्ज लेकर वाहन खरीदा. इसपर अनिल की बहन शालू नरेश मेश्राम (भीमनगर, नेर) को संदेह हुआ. उसने इसकी जानकारी उपविभागीय पुलिस अधिकारी आदित्य मिरखेलकर को दी. पुलिस ने गहन तहकीकात कर बात में दम होना समझ में आते ही आरोपी संजय आडे, उसके मित्र शुभम नारायण तडसकर (आसेगांव देवी), योगेश अशोक घावडे (अंतरगांव, तहसील बाभुलगांव) को गिरफ्तार किया. कडी पूछताछ करने पर आरोपी ने अपराध कबुल कर लिया.
ऐसे की हत्या
अनिल बोरकर को 28 फरवरी 2020 के दिन यवतमाल साथ में ले गए. वापस लौटते समय आरोपियों ने वाहन में दुपट्टे से गला घोटकर हत्या कर दी. बाद में बोंडगव्हाण परिसर में लाश फेंककर दुर्घटना का दिखावा किया, ऐसा आरोपियों ने पुलिस के समक्ष कबुल किया है.