अमरावतीमुख्य समाचार

सीहोर की भगदड में जलगांव के बच्चे समेत तीन की मौत

73 लोग जख्मी

* 10 लाख की अपेक्षा, दुगनी संख्या में पहुंचे भाविक
* 5 लाख रुद्राक्ष वितरण, आज रोक दिया गया
* पं. मिश्रा ने कहा सभी को स्पेशल ट्रिटमेंट नहीं दे सकते
सीहोर/दि.17- सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान शुक्रवार को तीन साल के बच्चे की मौत हो गई. महाराष्ट्र के जलगांव से माता-पिता बच्चे को लेकर कुबेरेश्वर धाम पहुंचे थे. इस बीच एक अन्य महिला की मौत भी जिला अस्पताल में हो गई. दो दिन के दौरान कुल दो महिलाओं समेत तीन मौतें हो चुकी हैं, जबकि 73 लोग बीमार हुए हैं. महोत्सव के पहले दिन ही गुरुवार को लाखों लोगों की भीड़ के कारण कार्यक्रम स्थल पर हालात बेकाबू हो गए थे. शुक्रवार को भी भारी भीड़ के बाद रुद्राक्ष वितरण का कार्यक्रम रोक दिया गया. जिसके बाद रुद्राक्ष लेने के लिए देशभर से आए लोग खाली हाथ लौटने लगे.
कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा आयोजित रुद्राक्ष महोत्सव में जलगांव के विवेक विनोद भट्ट पत्नी और दो बेटों के साथ गुरुवार को आए थे. भट्ट ने बताया कि 3 साल के बेटे अमोघ भट्ट की तबीयत पहले से थोड़ी खराब थी. गाड़ी की सुविधा नहीं होने से हम पैदल ही आए. रास्ते में बच्चे की तबीयत और खराब हो गई. हम उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां आईसीयू में भर्ती कर लिया गया. शुक्रवार सुबह डॉक्टरों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया.
अकोला की रहने वाली 40 वर्षीय मंगला गुरुवार शाम को चक्कर खाकर गिर पड़ी थीं. उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए थे, जहां देर रात उनकी मौत हो गई. इससे पहले गुरुवार दोपहर को भी मालेगांव की रहने वाली 50 वर्षीय मंगला बाई ने भी दम तोड़ दिया था.
* रुद्राक्ष बांटना रोका
रुद्राक्ष महोत्सव का शुक्रवार को दूसरा दिन है. लाखों की संख्या में श्रद्धालु सुबह से ही रुद्राक्ष के लिए लाइन में लगे हैं. हालांकि, फिलहाल रुद्राक्ष का वितरण रोक दिया गया है. आयोजन के पहले दिन भारी अव्यवस्थाओं का आलम दिखा. रुद्राक्ष की आस में दिनभर लोग लाइन में लगे रहे, लेकिन रुद्राक्ष नसीब नहीं हो पाया. रातभर भक्तों की आवाजाही लगी रही. शुक्रवार सुबह से ही धाम पर फिर से रुद्राक्ष लेने वाले लाइन में लग गए. भीड़ इतनी कि पैर रखने तक की जगह नहीं है. हालात यह हैं कि लाखों लोग आयोजन स्थल पर मौजूद हैं. हालांकि कल से उलट आज इंदौर-भोपाल हाईवे पर ट्रैफिक जाम के हालात नहीं हैं.
* पंडित मिश्रा बोले- सबको स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दे सकते
शुक्रवार को श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि आप लोग यहां आए हैं, भगवान शंकर आप सब की मनोकामनाएं पूर्ण करें, मेरी यही विनती है. हमारे यहां 10 बजे से भोजन शुरू हो रहा है, 7 बजे तक चलता है, घबराने की आवश्यकता नहीं है. 22 कुओं का पानी यहां आ रहा है, लाइट चले जाने पर थोड़ी दिक्कत हो जाती है, इसके लिए माफी चाहता हूं. उन्होंने कहा कि दुनिया के लोग तो कुछ भी कहेंगे, इसके बाद उन्होंने कहा, आग लगे बस्ती में… सामने खड़े लोग बोले- हम अपनी मस्ती में. प्रदीप मिश्रा ने कहा हम सभी को स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दे सकते.
* 5 लाख रुद्राक्ष बांटे
कुबेरेश्वर धाम और आसपास अभी करीब डेढ़ लाख लोग मौजूद हैं. बीते 2 दिनों में लगभग 5 लाख रुद्राक्ष बांटे गए हैं. गुरुवार को भोपाल-इंदौर रोड पर भारी जाम लगा था, लेकिन रात से सुबह तक पुलिस ने पूरा जाम खुलवा दिया है. भोपाल-इंदौर रोड पर और इंदौर रोड पर यातायात चल रहा है. श्रद्धालुओं का कहना है कि अभी महोत्सव में रुद्राक्ष नहीं बंट रहे हैं. बैरिकेटिंग टूटने के कारण समिति ने फिलहाल वितरण बंद करने का फैसला लिया है. अब बैरिकेटिंग सही होने के बाद ही दोबारा से रुद्राक्ष का वितरण शुरू किया जाएगा.
* दोनों ओर 15 किमी लंबी कतार
भोपाल से सीहोर तक सड़क की दोनों ओर 15 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार दिख रही है. लेकिन भोपाल से सीहोर और भोपाल से आष्टा की ओर सड़क पर वाहनों की आवाजाही जारी है. हालांकि वाहन 10 से 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल पा रहे हैं. इसकी वजह कुबेरेश्वर धाम जा रहे श्रद्धालुओं की भीड़ का सड़क पर होना है. गुरुवार को लगभग 20 से 25 लोग अपनों से बिछड़ गए थे. आज स्थिति नियंत्रण में है. गुरुवार को भारी भीड़ के कारण रुद्राक्ष वितरण केंद्र के पास लगे बैरिकेड्स टूट गए थे, जिसके कारण आज रुद्राक्ष वितरण नहीं किया जा रहा है.
* गुम लोगों की खोज में हो रहा अनाउंसमेंट
हेलो, हेलो… गीता, लक्ष्मी और रिंकू की मम्मी, भोपाल वाले . गेट नंबर 1 पर पुलिस सहायता केंद्र पर आ जाइए. हम लोग यहां आपका इंतजार कर रहे हैं. पूरी रात से खोज रहे हैं, लेकिन आप नहीं मिले. यह अनाउंसमेंट सीहोर के पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर आश्रम पर गुरुवार को शुरू हुए रुद्राक्ष महोत्सव एवं महाकुंभ कार्यक्रम स्थल पर हो रहा है. यह केवल एक अकेला अनाउंसमेंट नहीं है, इस तरह की घोषणाओं का सिलसिला गुरुवार रात 12:00 से लगातार जारी है. इसकी वजह रुद्राक्ष महोत्सव में श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ होना है. महोत्सव में शामिल होने आए लाखों श्रद्धालु रुद्राक्ष मिलने की आस में शुक्रवार सुबह तक भी कुबेरेश्वर धाम परिसर में डेरा जमाए बैठे हैं.
* सुबह से लाइन में, रात को खाली हाथ
हैदराबाद से आई महिला भक्त ने कहा- इतनी अव्यवस्था होगी यह सोचा नहीं था. पीने का पानी तो छोड़िए बाथरूम में लॉक लगे थे. रुद्राक्ष फेंककर दिए तो बुजुर्ग समेत कई लोग दब गए. कोई पूजा वाले रुद्राक्षों को ऐसा फेंकता है क्या. पूरी पब्लिक परेशान है. मैं खुद चार दिन से परेशान हूं, फिर भी रुद्राक्ष नहीं मिला. जब 16 तारीख से रुद्राक्ष देने की बात कही थी, तो 15 तारीख को क्यों बांटना शुरू कर दिया. अब बिना रुद्राक्ष के लौट रहे हैं. पिछले साल भी महाराज जी ने ऐसा ही किया था. ऑटो वाले एक-एक व्यक्ति से 500-500 रुपए ले रहे हैं. कुबेरेश्वर धाम आए श्रद्धालु रुद्राक्ष नहीं मिलने से मायूस होकर घर लौट गए. शुक्रवार को भी इंदौर-भोपाल हाईवे पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही. कुबेरेश्वर धाम आए श्रद्धालु रुद्राक्ष नहीं मिलने से मायूस होकर घर लौट गए. शुक्रवार को भी इंदौर-भोपाल हाईवे पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रही.
* पिता की तबीयत बिगड़ी, इलाज मिला न दवाइयां
रायपुर छत्तीसगढ़ से आए आरके राठौड़ ने बताया दोपहर में पिता जीएल राठौड़ की तबीयत खराब है. मैं दवाइयां लेने कुबेरेश्वर धाम के स्वास्थ्य केंद्र पर आया था, लेकिन डॉक्टर मिला न दवाइयां. यही हाल अन्य बीमार श्रद्धालुओं का भी था. वो दिन से परेशान दिखे. श्रद्धालुओं को रात में जहां जगह मिली वहीं पर उन्होंने अपना डेरा जमा लिया था. जगह के अभाव में लोग खुले में सोते नजर आए. श्रद्धालुओं को रात में जहां जगह मिली वहीं पर उन्होंने अपना डेरा जमा लिया था. जगह के अभाव में लोग खुले में सोते नजर आए.
* प्रशासन की व्यवस्था पर सवाल
पिछली बार हुई अव्यवस्थाओं से भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया. इस साल भी हाईवे पर जाम के हालात बने हुए हैं. हाईवे पर वाहनों की कतारें लगी रहीं. लोगों को कई किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा. जाम से हो रही परेशानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस मार्ग से आ जा रहीं कई एम्बुलेंस भी फंस गईं.
* 10 लाख की व्यवस्था, पहुंचे 20 लाख
सीहोर कलेक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि पुराण कथा के नाम पर अनुमति ली गई थी. समिति ने 5 से 6 लाख लोगों के आने का अनुमान बताया था, फिर भी हमने 10 लाख लोगों के लिए धाम में जाने और बाहर आने के इंतजाम किए थे. सुबह से भीड़ बढ़ती गई और दोपहर 12 बजे तक करीब 20 लाख लोग पहुंच गए. ये अनुमान से दोगुना है. इसे कंट्रोल करना मुश्किल हो गया है. 5 पार्किंग रात में फुल हो गईं थीं. सुबह जो लोग पहुंचे उन्होंने सड़क पर गाड़ियां लगा दीं. 95% लोग चार पहिया वाहन से पहुंचे. महोत्सव के लिए समिति ने सोशल मीडिया के जरिए आमंत्रण दिया. जिसे जो जानकारी मिली, वो पहुंच गया.
* साड़ी-चद्दर बिछाकर खुले आसमान में सोए
हालत यह थी कि डोम फुल हुआ, तो लोगों ने मैदान में ही साड़ी, चद्दर का बसेरा बनाकर सामान जमा लिया, जिसे जहां जगह मिली वह वहीं पर बैठ गया. खुले मैदान में धूप बढ़ी तो श्रद्धालुओं ने चादर व साड़ी से छोटे-छोटे तंबू बना लिए. पैदल आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या लगातार बढ़ती देख पुलिस ने धाम तक पहुंचने के मुख्य द्वार को भी खोल दिया है. महोत्सव में ज्यादातर श्रद्धालु रुद्राक्ष लेने ही आए हैं.
* पानी की बोतल तक नहीं खरीद सके
गुरुवार को पेट्रोल- डीजल और खाद्य सामग्री का ऑनलाइन भुगतान करने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ा. हालत ये भी कि वह पानी की बोतल तक नहीं खरीद पा रहे थे. नेटवर्क नहीं होने से उनका मोबाइल काम नहीं कर रहा था और केश लेकर कई श्रद्धालु नहीं आए थे. कुबेरेश्वर आश्रम परिसर में बड़ी संख्या में भक्त लोग पहुंचे. जिसके चलते गुरुवार और शुक्रवार को यहां पैर रखने तक की जगह नहीं मिली.
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि जो लोग यहां रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, तो वे न आएं. टिकट कैंसिल करा लो. यहां आना है, तो महादेव के लिए आओ. उनसे क्या मिलेगा, उसके लालच में ना आओ. रुद्राक्ष के लिए आने की आवश्यकता नहीं है.
कुबेरेश्वर धाम में खाने की कमी के बाद बस स्टैंड पर श्रद्धालु खाने की तलाश में दुकानें ढूंढते नजर आए. इस दौरान स्थानीय रेस्टोरेंट पर भारी भीड़ देखी गई.
* 2 शिफ्ट में काम कर रही पुलिस
महोत्सव में तैनात पुलिस 2 शिफ्ट में काम कर रही है. पहली शिफ्ट सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी शिफ्ट दोपहर 2 बजे से लेकर रात 8 बजे तक है. 700 जवान तैनात किए गए हैं. सीहोर मयंक अवस्थी के साथ 12 जवान लगे हैं. सीहोर के साथ 8-8 जवान लगे हैं, जबकि 100 जवानों को रिजर्व रखा गया है. ट्रैफिक पुलिस के जवान भी व्यवस्था संभाल रहे हैं.

* परतवाडा के 8, अकोला के 6, बुलढाणा के 19, यवतमाल के 6 लापता
महाशिवरात्रि पर्व पर सीहोर के कुबेरेश्वर धाम जाकर पंडित मिश्रा से रुद्राक्ष प्राप्त करने की लालसा में पश्चिम विदर्भ के लगभग सभी जिलों से सैकडों वाहनों से हजारो भाविक गए थे. हाल के महीनों मे ंदेश के अन्य हिस्सों की तरह पंडित मिश्रा का जादू भाविकों पर सिर चढकर बोल रहा था. इसी कारण भारी संख्या में लोग सीहोर के लिए प्रस्थान कर गए थे. परतवाडा से ही करीब 2 हजार लोग 16 फरवरी की सुबह सीहोर गए थे. उनमें से 8 लोगों के भारी भीड में गुम हो जाने का समाचार मिल रहा है. ऐसे ही अकोला जिले से 3 महिलाओं सहित 6, बुलढाणा के 19 और यवतमाल से भी 6 भाविक लापता बताए जा रहे है. तथापि अमरावती शहर से सीहोर गया 150 लोगों का एक बडा जत्था संजय शर्मा के नेतृत्व में थोडी मुसीबत में फंस गया था. किंतु शर्मा से आज दोपहर हुई फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया कि सभी लोगों को एकत्र कर सीहोर के बडे ट्राफिक से बाहर निकालने में सफलता मिली है. भाग्यवश सभी सकुशल हैं. लोगों को एकत्र करने में रात ढाई बज गए. किंतु सभी को समझाया गया था. इस जत्थे में महिलाएं भी थी. उन्हें दर्शन और रुद्राक्ष के लिए जरुरी सूचनाएं दी गई थी. मोबाइल नंबर शेअर कर दिए थे. जिससे सभी सही सलामत हैैं और लौटने की यात्रा पर बैतूल पहुंच गए हैं.
* अकोला की तीन महिलाएं लापता
अकोट शहर की कुछ महिलाएं सीहोर गई थी. जिसमें से संगीता गजानन घुगे लापता हो गई है. उनके साथ दो महिलाओं का भी कुछ पता नहीं लग पाने की जानकारी मिल रही है. अनेक के फोन नॉट रिचेबल आने से घर के लोग चिंतातुर हो गए है. खो गए लोगों में नागपुर, बुलढाणा, धुलिया मालेगांव के अनेक भाविक होने की जानकारी आज दोपहर प्राप्त हो रही थी.
* सोशल मीडिया ने बढाई चिंता
सीहोर में भगदड मचने की सोशल मीडिया पर बढाचढाकर आ रही अपडेट ने भी सभी की चिंता बढा देने का आलम रहा. सोशल मीडिया के कारण ही सीहोर में अनपेक्षित रुप से भीड बढी. उसके बाद अव्यवस्था का आलम होने पर उसका भी बखान बढाचढाकर किया गया. जिससे भागमभाग और चिंता बढ जाने की भी हर तरफ चर्चा हो रही है.

 

Related Articles

Back to top button