* ग्राम जामगांव में लठ से पीट-पीटकर व्यक्ति को मार डाला
अमरावती/ दि.13– बेनोडा पुलिस थाना क्षेत्र के जामगांव में पुरानी दुश्मनी के चलते शिकायतकर्ता के पति को आरोपियों ने लठ से पीट-पीटकर मार डाला. हत्या का अपराध सिध्द होने पर जिला न्यायालय क्रमांक 1 के न्यायमूर्ति एस. एस. अडकर की अदालत ने रविंद्र पांडे, आशिष पांडे व वैभव पांडे को उम्रकैद की सजा सुनाई. जबकि एक महिला को संदेह का लाभ देते हुए अदालत ने बाईज्जत बरी कर दिया.
रविंद्र भीमराव पांडे (60), आशिष रविंद्र पांडे (36), वैभव रविंद्र पांडे (34) यह दफा 302, 34 के तहत उम्रकैद व 10 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर एक वर्ष अतिरिक्त कारावास. इसी तरह दफा 324, 34 के तहत एक माह कारावास, 3 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना न भरने पर सात दिन अतिरिक्त कारावास, धारा 506, 34 के तहत एक वर्ष कारावास, 5 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई. जबकि आरोपी महिला को संदेह का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी किया. जुर्माने की रकम में से 10 हजार रुपए शिकायतकर्ता महिला का नुकसान भरपाई के रुप में देने के आदेश अदालत ने दिये.
जानकारी के अनुसार आरोपी और शिकायतकर्ता महिला पडोस में रहते है. काफी दिनों से उनके बीच मनमुठाव था. आपसी विवाद के कारण 22 नवंबर 2014 की सुबह 11 बजे शिकायतकर्ता संगीता प्रमोद वानखडे (49) व पडोसी राजकन्या वानखडे यह दोनों बाहरगांव जाने के लिए घर के सामने आंगन में खडे थे. शिकायतकर्ता संगीता के पति प्रमोद ने मोटरसाइकिल घर से बाहर निकाली. इसके बाद जुते पहनने के लिए घर में गया. इतने में आरोपी रविंद्र पांडे, आशिष पांडे व वैभव पांडे शिकायतकर्ता संगीता के घर के सामने आये. संगीता के पति प्रमोद को गालीगलौज कर घर के बाहर आओ, तुझे देख लेंगे ऐसा कहा, यह सुनकर प्रमोद घर के पास रास्ते पर आया. आरोपी पांडे ने प्रमोद के साथ विवाद किया. आरोपी वैभव ने प्रमोद के शरीर पर मिर्च पावडर फेंका और तीनों ने प्रमोद को लाठी से बेहोश होने तक मारा. इस समय संगीता और उसकी 17 वर्षीय बेटी क्रांती बीच बचाव करने के लिए दौडी, मगर चौथी महिला आरोपी ने कहा कि सभी को मारों. आज देख लेंगे, तब दोनों मां बेटी को भी आरोपियों ने लठ से पीटा.
इस घटना के बाद प्रमोद वानखडे को सबसे पहले वरुड के सरकारी अस्पताल ले जाया गया. सिर में गहरी चोट होने के कारण नागपुर के मेडिकल रेफर किया गया. सिर में गहरी चोट होने के कारण प्रमोद वानखडे की दो दिन बाद याने 24 नवंबर 2014 को इलाज के दौरान मौत हो गई. संगीता ने बेनोडा पुलिस थाने में शिकायत दी. जान से मारने की कोशिश करने का अपराध दर्ज होने के बाद पुलिस ने धाराओं को बढाकर हत्या का अपराध दर्ज किया. मुकदमा सत्र न्यायालय में दर्ज होने के बाद सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील दीपक मा.आंबलकर ने 10 गवाहों के बयान लिये. इसमें से चष्मदीद गवाह राजकन्या दिगांबर वानखडे अपने बयान से मुकर गई. सरकारी पक्ष ने घटना का समय, तारीख, घटनास्थल, आरोपियों से बरामद हथियार, आरोपियों में अपराध के बारे में किये निवेदन ने सिध्द किया. इस मामले में मृतक की पत्नी व पुत्री इसी तरह सुरेश किसनराव पेलागडे को चष्मदीद गवाह के रुप में बयान लिये गए. दूसरा गवाह शिवराज प्रभाकर नलकांडे भी अपने बयान से बदल गया. इस मुकदमे में मृतक की पत्नी, पुत्री चष्मदीद गवाह सुरेश के बयान मान्य कर दलीले पेश करने के बाद अदालत ने आरोपी रविंद्र, वैभव व आशिष पांडे को उपरोक्त सजा सुनाई. जबकि आरोपी महिला को संदेह का लाभ देते हुए बाईज्जत बरी कर दिया. इस मुकदमें में सरकारी पक्ष की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील दीपक मा. आंबलकर ने दलीले पेश की. तहकीकात सहायक पुलिस निरीक्षक मुकूंद ठाकरे ने पूरी कर दोषारोपपत्र दायर किया. पैरवी अधिकारी के रुप में हेडकाँस्टेबल कय्युम सौदागर ने सहयोग किया.