ऑनलाइन धोखाधडी में तीन लोगों को वापस दिलाए 1.09 लाख
सायबर पुलिस को मिली बडी सफलता
* तीनों शिकायतकर्ताआेंं ने पुष्पगुच्छ देकर माना आभार
अमरावती/ दि.24– ऑनलाइन धोखाधडी के शिकार हुए मधुसुदन कॉलोनी के सुधीर गायकवाड को 59 हजार रुपए, प्रभात कॉलोनी की वैष्णवी महल्ले को 29 हजार रुपए, इसी तरह साई नगर के मंगेश मार्कंड को 212 हजार ऐसे कुल 1 लाख 9 हजार 37 रुपए वापस दिलाने में सायबर सेल पुलिस को सफलता मिली. रकम वापस मिलने की खुशी में तीनों शिकायतकर्ताओं ने पुलिस आयुक्त और सायबर पुलिस कर्मचारियों को पुष्पगुच्छ देकर उनका आभार माना.
सायबर पुलिस से मिली जानकारी के अनसुार सुनील मनोहरराव गायकवाड (44, मधुसुदन कॉलोनी, साईनगर) ने के्रडिट कार्ड बंद करने के लिए कस्टमर केअर पर फोन कर बताया. इसके बाद उन्हें अज्ञात व्यक्ति ने फोन पर खुद को एक्सीस बैंक से बोलने की बात कहते हुए क्रेडिट कार्ड बंद करने के नाम पर क्रेडिट कार्ड की जानकारी व प्राप्त ओटीपी लेकर रकम ट्रान्सफर कर धोखाधडी की. इस शिकायत पर सायबर सेल पुलिस ने ट्राजेक्शन का अभ्यास कर तकनीकी जांच कर संबंधित नोडल अधिकारी को मेल कर लगातार प्रयास करते हुए 59 हजार रुपए वापस दिलाये.
इसी तरह शिकायतकर्ता वैष्णवी सुनील महल्ले (27, न्यू प्रभात कॉलोनी) ने केक का ऑर्डर देने के लिए गुगल पर नंबर खोजकर फोन किया. अज्ञात मोबाइल धारक ने केक का ऑर्डर प्लेस करने के लिए रजिस्ट्रेशन कर रकम रिफंड के नाम पर शिकायतकर्ता को क्युआर कोड भेजकर उसे स्कैन करने के लिए कहा. इसके बाद ऑनलाइन रकम निकालकर धोखाधडी की. पुलिस ने इस मामले में भी मेहनत कर 29 हजार रुपए वापस दिलाये.
तीसरे केस में मंगेश सुधाकरराव मार्कंड (सुरभी कॉलोनी, साईनगर) को अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर अपने आप को एसबीआई बैंक का कर्मचारी बताकर केवायसी अपडेट करने के नाम पर एसबीआई ऑनलाइन एप की आयडी, पासवर्ड, बार बार आयी ओटीपी पूछकर ऑनलाइन रकम निकाल ली. इस मामले में भी सायबर पुलिस ने कडी मेहनत के बाद 21 हजार 37 रुपए वापस दिलवाये. इस तरह तीनों मामलों में 1 लाख 9 हजार 37 हजार रुपए वापस दिये. इसपर तीनों शिकायतकर्ताओं ने पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह व सायबर पुलिस थाने की टीम को पुष्पगुच्छ देकर आभार माना. इस काम में पुलिस आयुक्त डॉ.आरती सिंह, प्रभारी पुलिस आयुक्त विक्रम साली के मार्गदर्शन में सायबर पुलिस थाने की निरीक्षक सीमा दातालकर, सहायक पुलिस निरीक्षक रविंद्र सहारे, हवालदार चैतन्य रोकडे, ताहेर अली का विशेष योगदान रहा.