चंद्रभागा नदी सहित जिले की तीन नदियां होगी पुनर्जीवित
जिलाधिकारी पवनीत कौर के हाथों ‘चलो जाने नदी को’ अभियान का शुभारंभ
अमरावती/दि.7– जिले के खोलाड, पिंगलाई, चंद्रभागा इन तीन नदियों को पुनर्जीवित करने के उद्देश्य से ‘चलो जाने नदी को’ अभियान का शुभारंभ जिले मेें किया गया. जिलाधिकारी पवनीत कौर के हाथों वरखेड में पिंगलाई नदी का जलपूजन किया गया.
नदी की परिक्रमा यात्रा का भी इस निमित्त शुभारंभ हुआ. उपवनसंरक्षक चंद्रशेखरन बाला, चंद्रभाग नदी समन्वयक अरविंद नलकांडे, पिंगलाई नदी समन्वयक गजानन काले, राजीव अंबापुरे इस अवसर पर उपस्थित थे. नदी संवाद यात्रा 12 से 23 जनवरी के दौरान चलाई जाने वाली है. अधिक से अधिक नागरिकों को अभियान में शामिल होने का आवाहन जिलाधिकारी पवनीत कौर ने इस अवसर पर किया. पिछले कुछ साल में अतिवृष्टि और बेमौसम बारिश हो रही है. बाढ और सूखे जैसी समस्या निर्माण हो रही है. बढती बस्तियां और औद्योगिकरण के कारण पानी का इस्तेमाल अधिक हो रहा है. प्रदूषण के कारण भूजल स्तर कम हो रहा है. गाद के कारण नदियों का वहन और संग्रहण क्षमता कम हुई है. इस कारण नदियों की समस्या का अभ्यास कर इस पर उपाययोजना करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है ऐसी जानकारी चंद्रभागा नदी अभियान के समन्वयक नलकांडे ने दी. जिलाधिकारी पवनीत कौर की अध्यक्षता में इस बाबत बैठक लेकर जिलास्तरीय समिति इसके पूर्व ही गठित की गई है. नोडल अधिकारी और समन्वयक की नियुक्तियां की गई है. चंद्रभाग नदी के लिए नलकांडे की समन्वयक के रुप में और चिखलदरा, अचलपुर व दर्यापुर के उपविभागीय अधिकारी की नोडल अधिकारी के रुप में नियुक्ति की गई है. अभियान में नदी संवाद यात्रा, नदी साक्षरता बढाना, नदी के तट, प्रवाह, जैव विविधता बाबत जागरुकता, नदी के नक्शे, पाणलोट क्षेत्र के नक्शे, मिट्टी का रक्षण, बाढ सीमा, बाढ और सूखा, अतिक्रमण, शोषण, प्रदूषण इन प्रमुख कारणों का अभ्यास और उसके परिणाम आदि काम इस अभ्यास में किए जाने वाले है.
* ऐसा है अभियान का महत्व
‘चलो जाने नदी को’ इस उपक्रम के जरिए नदी संवाद किया जाने वाला है. नागरिकों का समावेश कर विस्तृत अभ्यास किया जाएगा. नदियों से शुद्ध जल प्रवाहित हो इसका प्रारुप तैयार किया जाएगा. इतना ही नहीं बल्कि नदी की जैव विविधता की जांच भी की जाने वाली है.