मेलघाट की तीन शालाओं में लगा है ताला, चुरणी में शिक्षक गायब
अतिदुर्गम क्षेत्र के बच्चों का हो रहा शैक्षणिक नुकसान
चिखलदरा/दि.12-आदिवासी बहुल क्षेत्र का विकास हो तथा यहां के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलें इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं उपलब्ध कराई जा रही है, साथ ही सुविधाएं भी उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा है. लेकिन मेलघाट के तीन दुर्गम क्षेत्र गांव में स्कूलों में ताला लगा है, वहीं चुरणी शाला में शिक्षक उपलब्ध नहीं रहने से यहां के बच्चों का शैक्षणिक नुकसान हो रहा है.
मेलघाट में जिला परिषद शालाओं के अलावा अन्य विकल्प नहीं रहने से आदिवासी विद्यार्थियों को शिक्षा के पाठ देने के बजाय स्कूल के शिक्षक ही बिना अनुमति के गायब रहते है. यह बात चुरणी में सरपंच व शाला व्यवस्थापन समिति ने गुरुवार को भेंट देने के बाद सामने आई. इस संदर्भ में शिकायत की गई है. वहीं दूसरी ओर अतिदुर्गम बोरदा, पिपल्या, टेंभ्रु की शालाओं में ताला लगा है. चुरणी के जिप पूर्व माध्यमिक शाला के शिक्षक हमेशा गायब रहने की शिकायत मिलती थी. यहां कक्षा 1 ली से 7 वीं के लिए कुल सात शिक्षक है. इनमें से एकही शिक्षक गुरुवार को मौजूद था. सरपंच नारायण चिमोटे, शाला व्यवस्थापन समिति के नरेेंद्र टाले, रविकुमार सेमलकर, किशोर अलोकार ने इस संदर्भ में चिखलदरा पंचायत समिति के गटविकास अधिकारी से शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की है.
चुरणी में दो शिक्षकों को काम के सिलसिले में बुलाया गया था. एक शिक्षक की दुर्घटना हुई है तथा एक शिक्षक अवकाश पर था. संबंधित शिक्षक को उपस्थित रहने की सूचना दी गई है. टेंभ्रु, पिपल्या, बोरदा की शालाएं बंद रहने संदर्भ में कोई शिकायत नहीं मिली है.
-रामेश्वर मालवे, गटशिक्षाधिकारी,
पंचायत समिति, चिखलदरा