जिले में गोवर के तीन संदिग्ध मरीज पाए गए थे
टीकाकरण का काम सभी 14 तहसील में युद्धस्तर पर
अमरावती/दि.24– मुंबई के बाद नाशिक में गोवर के मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद अमरावती जिले में भी पिछले सप्ताह गोवर के तीन संदिग्ध मरीज पाए जाने से जिला प्रशासन में खलबली मच गई थी. लेकिन इन तीनों संदिग्धों के नमूनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली है. अब शासन द्वारा जारी की गई गाइडलाईन के मुताबिक जिला प्रशासन टीकाकरण अभियान में जुटा हुआ है.
कोरोना के बाद अब महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में गोवर का संक्रमण फैलने के बाद वह नाशिक, औरंगाबाद, पुणे, नागपुर जैसे महानगरो में भी फैल गया है. बच्चों को होनेवाली इस बीमारी को रोकने के लिए राज्य शासन की तरफ से जिला प्रशासन को उपाययोजना के तौर पर आवश्यक सूचना दी गई है. इसके तहत बच्चों के टीकाकरण का भियान वर्तमान में अमरावती जिले की सभी 14 तहसीलो में जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग द्वारा युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पिछले सप्ताह जिले के अचलपुर और अंजनगांव सुर्जी तहसील में तीन गोवर के संदिग्ध मरीज पाए गए थे. जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग ने तत्काल उनके रक्त नमून लेकर पुणे की प्रयोगशाला में भेजे थे. साथ ही इन तीनों मरीजो को अस्पताल में भर्ती किया गया था. प्रयोगशाला से इन तीनों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद जिला स्वास्थ्य प्रशासन ने राहत की सांस ली. लेकिन राज्य शासन के दिशानिर्देश पर आवश्यक उपाययोजना की जा रही है.
18 माह में दो टीके आवश्यक
बच्चे के जन्म के बाद एम.आर.(मिजल-रूबेला) टीका 18 माह में दो दफा उसे देना अनिवार्य है. गोवर का यह पहला टीका 9 माह पूर्ण होने पर और दूसरा टीका 18 माह पूर्ण होने पर देना अनिवार्य है. पहला एमआर-1 और दूसरा एमआर-2 टीका सभी बच्चों को दिया जाना चाहिए. शासन की गाइडलाईन के मुताबिक दोनों टीके 95 प्रतिशत अनिवार्य रुप से होना आवश्यक है. लेकिन जिले में पहला टीका 98 प्रतिशत दिया जा चुका है और दूसरा टीका 85 प्रतिशत ही हुआ है. शेष 10 प्रतिशत के लिए जिला स्वास्थ्य प्रशासन जिले की सभी 14 तहसीलो में युद्धस्तर पर अभियान में जुटा है.
सभी तहसील के स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश
मिजल-रूबेला (गोवर) नामक बीमारी को जिले में चिंताजनक स्थिति भले ही नहीं है. लेकिन तीन संदिग्ध मरीज मिलने के बाद जिला परिषद के स्वास्थ्य विभाग ने ऐहतियातन कदम उठाते हुए सभी 14 तहसील के स्वास्थ्य अधिकारियों को पत्र भेजकर आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए है. 18 माह के बच्चों का टीकाकरण 85 प्रतिशत होने से उसे पूरा करने के लिए सभी स्वास्थ्य अधिकारियों को ऐसे बच्चों तक पहुंचकर उन्हें दूसरा टीका लगाने के निर्देश दिए गए है.
अमरावती और धारणी तहसील टीके में पीछे
मिली जानकारी के मुताबिक अमरावती जिले के अमरावती और धारणी तहसील में गोवर टीकाकरण कम हुआ है. जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अमरावती तहसील में यह कार्य पूरा हो जाएगा. लेकिन धारणी तहसील में आदिवासी रोजगार के लिए दूसरे जिले अथवा राज्य में स्थानांतरीत होते रहने से वहां ऐसे बचें को खोजकर उन्हें टीके लगवाना प्रशासन के लिए टेढ़ी खीर साबित हो सकता है. दूसरा टीका एमआर-2 न लगवाने से यह बीमारी फैलती है. जो खतरनाक है.
यह है गोवर के लक्षण
गोवर नामक यह बीमारी दो वर्ष की आयु के बच्चों को होती है. इस बीमारी में तेज बुखार आना, शरीर पर धाराएं आना और कमजोरी काफी आ जाती है. इसमें बच्चों को पीडा काफी होती है. यह बीमारी एक सप्ताह अथवा 10 दिनों में नियंत्रण में आती है.
निजी डॉक्टरों को किया आवाहन
जिला स्वास्थ्य विभाग की तरफ से आईएमए के पदाधिकारियों से बैठक लेकर उन्हें जिले के निजी डॉक्टरों के पास यदि कोई गोवर के मरीज आते है तो सूचित करने का आवाहन किया गया है. आगामी एक पखवाडे में सभी तहसीलो में टीकाकरण का कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा. जिले की आठ तहसीलो में समीक्षा कर ली गई है. चार तहसीलाो की समीक्षा जल्द पूर्ण हो जाएगी.
डॉ. सुभाष ढोले, सहायक जिला स्वास्थ्य अधिकारी, जिप.