अमरावती/प्रतिनिधि दि.२७ – राज्य के शालेय शिक्षा विभाग की ओर से 3 हजार से ज्यादा प्राथमिक शाला बंद करने की साजिश रची जा रही है. इसके लिए जिस गांव की शालाएं बंद की जा रही है. उस गांव के विद्यार्थियों को अन्य गांव में जाकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए सफर की सुविधा में यात्री भत्ता देने का शासन निर्णय शालेय शिक्षा विभाग ने कल जारी किया है. इस जीआर पर आगामी कुछ दिनों में बडा विवाद निर्माण होने की संभावना व्यक्त की जा रही है.
शिक्षा अधिकार कानून के तहत राज्य के बालकों को उनके ही गांव में प्राथमिक शिक्षा उपलब्ध कर देने की व्यवस्था है. किंतु शालेय शिक्षा विभाग की ओर से कल जारी किये गए इस धक्कादायक जीआर के चलते 3 हजार से ज्यादा शालाओं को बंद करने की साजिश रची जा रही है, ऐसा स्पष्ट दिखाई देता है, इस तरह का आरोप शिक्षक विधायक ना.गो.गाणार ने जारी किया है. शालेय शिक्षा विभाग व्दारा जारी किये गए जीआर में राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के कुल 3 हजार 73 गांव और उस बस्ती के पूरे 16 हजार 334 विद्यार्थियों को उनके मूल गांव शिक्षा उपलब्ध न हो पाने के कारण उन्हें समीप के गांव शिक्षा लेने के लिए यात्री भत्ता व सफर की सुविधा करने के लिए यह निर्णय लिया गया है. इसके लिए शिक्षा अधिकार कानून के अनुसार नियम 2011 की कलम 4 की उपकलम 3 के अनुसार जहां इस नियमावली के परिशिष्ट 1, कलम 4 की उपकलम (1) (क) व ख अंतर्गत शामिल किये अनुसार समीप की शाला क्षेत्र में अथवा हद्द के भीतर शाला उपलब्ध नहीं ऐसे राज्य सरकार ने अथवा स्थानीय प्राधिकरण व्दारा तय किये गए. छोटी बस्ती के बालकों के लिए शाला में प्राथमिक शिक्षा देने के प्रयोजनार्थ यात्री भत्ता, यातायात सुविधा उपलब्ध कर देने के लिए राज्य के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के कुल 3 हजार 73 बस्ती स्थान व उसमें से 16 हजार 334 विद्यार्थी निश्चित किये गए है.