* कोलकाता की भयंकर घटना का निषेध
* भरी बारिश में इर्विन चौक पर किया लाल निशान दिखाकर प्रदर्शन
* आपात सेवाएं शुरू रही, डॉ. अल्का कुथे ने दिखाई मानवता
अमरावती/दि.17- कोलकाता में हुई मेडिकल पीजी इंटर्न की जघन्य हत्या का देश भर में इंडियन मेडिकल असो. ने निषेध करते हुए 24 घंटे की कडी हडताल का आवाहन अमरावती में भी पूरअसर रहा. न केवल अस्पताल, क्लीनिक, लैब और ओपीडी बंद रही बल्कि अकेले शहर में 100 और जिले में 150 ऑपरेशन, सर्जरी रोकनी पडी. जिले के सैकडों चिकित्सकों और पैरा मेडिकल क्षेत्र के लोगों ने भरी बारिश में इर्विन चौक पर हथेली पर लाल निशान दिखाते हुए और काली रिबन अपने कपडों पर धारण कर घटना का निषेध किया. बस अब बहुत हो चुका फूल स्टॉप लगना चाहिए, यह मांग सरकार और समाज से की. डॉक्टर्स के साथ साथ महिला के सम्मान की मांग बडे ही जोश पूर्ण अंदाज में उठाई गई. आईएमए के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले के सभी गांवो और तहसीलों में भी डॉक्टर्स ने आज अपना काम बंद कर हडताल में सहभाग किया. मारी गई मेडिकल इंटर्न के प्रति संवेदना के साथ-साथ समाज की अकर्मण्यता का विरोध किया. जिले में लगभग 3 हजार चिकित्सक जिन्हें दूसरा भगवान कहा जाता है, आज सबेरे 6 बजे से हडताल पर रहे. कल रविवार सुबह 6 बजे तक यह हडताल चलेगी. आईएमए पदाधिकारी ने बताया कि इस हडताल में निमा और आयुर्वेदिक के चिकित्सक भी सहभागी हुए. तथापि आपात सेवाओं को जारी रखा गया. मानवता का परिचय देते हुए डॉ. अल्का कुथे प्रदर्शन अध बीच में छोडकर एक अर्जंट सीजर के लिए रवाना होने की जानकारी प्रदर्शन स्थल से हमारे रिपोर्टर ने दी. साथ ही चिकित्सकों ने प्रदर्शन दौरान सेव द सेवियर का नारा और प्ले कार्ड बुलंद करते हुए समाज को चिकित्सक विशेषकर महिलाओं की सुरक्षा हेतु आवाहन किया.
प्रदर्शन में डॉ. रेशमा लेवटे, डॉ. मृदुल मलिये, डॉ. मोनिका पाटील, डॉ. विजय लेवटे, डॉ.अनुराधा तोटे, डॉ. नीता व्यवहारे, डॉ. अनुराधा काकानी, डॉ. आनंद काकानी, डॉ.आडवानी, डॉ. तृप्ती दानखडे, डॉ. राजीव रोडे, डॉ.गुणवंत डहाने, डॉ.विवेक पिहुलकर, डॉ. सुशील सिकची, डॉ. रचित सिकची,डॉ. अनिल धामोरिकर, डॉ. अविनाश चौधरी, डॉ. श्रीगोपाल राठी, डॉ. अमोल गुप्ता, डॉ. राहुल मोपारी, डॉ. पाटील, डॉ. जायस्वाल आर्थो, डॉ. सतिश डहाके, डॉ. वसंत लुंगे, डॉ. संध्या काले, डॉ.अनुपमा देशमुख,डॉ. अश्विनी देशमुख, डॉ. बबन बेलसरे, डॉ.संदीप दानखेडे, डॉ. मुरली बूब, डॉ. मंजुश्री बूब, डॉ. गीता गवली, डॉ. अक्षय जोशी, डॉ. प्रखर शर्मा, डॉ. प्रियंका दलीहानी, डॉ. गौरव गोहाड, डॉ. सुनील अग्रवाल, डॉ. मोहन देशमुख, डॉ. अभया आष्टेकर, डॉ. स्वप्निल रुद्रकार, डॉ. दिपाली किटुकले, डॉ. राधेश्याम सिकची, डॉ. राजेश जायदे, डॉ. मशानकर, डॉ. गोविंद लाहोटी, डॉ. अक्षता वैरागडे, डॉ. ललिता मुलमुले, डॉ. प्रज्ञा काले, डॉ. रवि भूषण, डॉ. शमा साजिया, डॉ. नितीन सोनोने, डॉ. तापडिया, डॉ. अनिल देशमुख, डॉ. विवेक सुसदकर, डॉ. आशिष मसानकर, डॉ. श्याम राठी, डॉ. भूषण मुरके, डॉ. राधा सावदेकर सहित सैकडों डॉक्टर्स अपने क्लीनिक और ओपीडी बंद कर प्रदर्शन में सहभागी हुए. उन्होंने कहा कि यह मूक प्रदर्शन है. अनेक ने हथेली पर लाल गोल निशान बनाया था. उसी प्रकार अपने सफेद कोट पर काली पट्टी लगाकर कोलकाता के जघन्य हत्याकांड का कडा निषेध किया. बडे दिनों बाद शहर में डॉक्टर्स का प्रदर्शन आंदोलन देखा गया. रिमझीम बारिश के बीच इर्विन चौक पर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के प्रतिमा परिसर में डॉक्टर्स सुबह 11 बजे से घंटो प्रदर्शन करते रहे.
यह हुआ असर
150 से अधिक ऑपरेशन और सर्जरी मुल्तवी करनी पडी. 24 घंटे का बंद अमरावती में डॉक्टर्स ने हाल के वर्षो में पहली बार रखा. आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक, निमा संगठन और डेंटल असो. तथा परिचारिका एवं फार्मासिस्ट भी आंदोलन में सहभागी होने का दावा आईएमए ने किया. आईएमए के केंद्रीय कमेटी के सदस्य डॉ. वसंत लुंगे ने बताया कि 150 अस्पताल बंद रहे. नर्सिंग और लैब ने भी आंदोलन में सहभाग किया.
लंबी दूरी से आने वाले मरीजों का ही चेकअप
डॉ. अविनाश चौधरी ने दैनिक अमरावती मंडल को बताया कि सुबह 11 बजे इर्विन चौक पर आंदोलन व हडताल के दौरान अस्पताल बंद रहने के कारण नजदीकी मरीजों को वापस भेजा गया. वही लंबी दूरी जैसे यवतमाल, घाटंजी, पुसद, अकोला जैसे शहरों से आने वाले मरीजों को शाम 5 बजे के बाद ही चेकअप किया जाएगा.
स्त्री का सम्मान घर से शुरू हो
डॉ. रेश्मा लेवटे ने कोलकाता के घटना क्रम का कडा निषेध व्यक्त कर कहा कि ऐसी घटनाएं हमारे समाज पर दाग लगाती है. इन्हें रोकने के लिए घर से ही स्त्री सम्मान का पाठ पढाया जाना चाहिए. माताओं को अपने बेटो को महिलाओं का सम्मान करने के संस्कार देने चाहिए. तभी ऐसी घटनाएं रुक सकती है. घर, कार्यालय, सभी जगह पर समाज में महिलाओं का यथोचित सम्मान होना चाहिए. केवल कानून बनाने से यह घटनाएं नहीं रुक रही है. यह बात पूनः साबित हुई है. अतः संस्कारों के साथ ही इस तरह की वारदात को रोकना हम सभी का कर्तव्य है.
पीडीएमएमसी में केवल इमरजंसी सेवा
पीडीएमएमसी के डीन डॉ. अनिल देशमुख ने बताया कि अस्पताल में आज केवल अत्यावश्यक परिस्थिती में ही मरीजों की सुश्रुषा की गई. अन्य रुप से ओपीडी और ऑपरेशन, सर्जरी के काम बंद रहे. सभी डॉक्टर्स और मेडिकल के छात्र-छात्राएं आंदोलन में सहभागी हुए. डॉ. देशमुख ने कहा कि कोलकाता में दरिंदगी ने दिल्ली की निर्भया घटना की पुनरावृत्ती कर दी. जिसके बाद आक्रोश जिस हिसाब से होना चाहिए था. वह नहीं हुआ. इस लिए आईएमए ने देशव्यापी बंद का निर्णय लिया. इमरजंसी सेवाएं जारी रही.
सुरक्षा उपलब्ध करवाएं
डॉ. विवेक सुसदकर ने कहा कि कोलकाता की घटना का आईएमए निषेध करता है. डॉक्टर्स को सुरक्षा उपलब्ध करवाना समाज और सरकार का जिम्मा है. केवल कानून बनाने से काम यह बात साबित हो गयी है.
कुचल दीजिए ऐसी मानसिकता
डॉ. भूषण मुरके ने कहा कि महिलाओं का सम्मान होना चाहिए. हमारे घर में भी हम स्त्री से जुडे रहते है. कोई महिला हमारी मां है, कोई हमारी पत्नी है, बेटी-बहन है. पुरुषों को युवाओं को सोचना चाहिए कि पीडिता की जगह उनकी कोई मां अथवा बहन-बेटी होती तो कैसा लगता. जिन लोगों को ऐसी घटनाओं में सामान्य बात लगती है. चलता है वाला नजरिया अब नहीं चलेगा. अपराध की मानसिकता और महिलाओं को बुरी नजर देखने वालों को तो कुचलना ही होगा. तभी समाज ने इस प्रकार की घटनाएं रोकी जा सकेगी. डॉ. भूषण मुरके ने कहा कि आज डॉक्टर्स को हडताल करना पड रहा है. इसका वे खेद भी व्यक्त करते हैं. किंतु यह सोचना होगा कि देश किस तरफ जा रहा है. कडे से कडे शब्दों में कोलकाता जैसी बर्बरता और सोच की निंदा होनी चाहिए.
बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान को पलीता
डॉ. आशीष मशानकर ने कहा कि देश में बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान छेडा गया था. बडा गुमान किया जा रहा था. ऐसे अभियान और गुमान को कोलकाता की भयंकर घटना न केवल कलंक लगा रही है. बल्कि बर्बरता से की गई हत्या ने पालकों को चिंतित कर दिया है. अब अभिभावक दूसरे शहर में अपनी बेटी को पढाई के लिए भी भेजने से पहले सौ बार सोचेंगे, इतना ऐसी घटना का असर ऐसा होता है. डॉ.मशानकर ने कहा कि अधिक चिंता की बात यह है कि प्रशासन ऐसी वारदातों को गंभीरता से नहीं लेता, उसकी जांच को लपेट कर रख देता है. उन्होंने कहा कि 2 हजार 4 हजार का मॉब उक्त घटना का सबूत मिटाने मेडिकल कॉलेज पहुंच जाता है. यह जख्म पर नमक मलने समान है. इस लिए घटना निंदनीय है.
न्याय होना चाहिए, वह भी जल्दी
रिम्स अस्पताल के निदेशक डॉ. श्याम राठी ने घटना का जाहिर निषेध करने आईएमए व्दारा आयोजित देशव्यापी हडताल को उचित बताया और दावा किया कि अमरावती में सभी चिकित्सक और पैरा मेडिकल क्षेत्र के लोग इसमें सहभागी है. डॉ. राठी ने कहा कि ऐसी घटनाओं की जांच और सुनवाई शीघ्र कर जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है.
सरे आम दें फांसी, ताकि बनें खौफ
डॉ. शमा साजीया रविभूषण ने कहा कि इस तरह की घटना के अभियुक्तों को सरेआम फांसी की सजा दी जानी चाहिए. ताकि वह एक्जाम्पल बने. आगे कोई ऐसी घटना करता है तो उसे अपने हश्र के बारे में अहसास रहे. डॉ. साजीया ने कहा कि मेडिकल कैम्पस से लेकर सभी जगह महिला सुरक्षा सुनिश्चित करना समय की मांग है. उन्होंने घटना को समस्त महिला वर्ग और समाज के लिए शॉकिंग बताया. डॉ. साजीया ने कहा कि ऐसी वारदातों की वजह से ही महिलाओं का घरों से बाहर निकलना दुभर हो जाता है.
राज्य सरकार की लीपापोती निंदनीय
डॉ. सुशील सिकची ने कहा कि कोलकाता जैसे महानगर में मेडिकल कॉलेज में इंटर्न का रेप और भीषण खून हो जाना अपने आप में बडी घटना है. उसे भी अधिक निषेधार्य बात यह है कि राज्य सरकार इतनी बडी दुर्भाग्य पूर्ण घटना की लीपापोती में शामील थी. जिससे संदेह उपजता है. छात्रा और उसके परिवार के लोगों को यह लोग न्याय दिला पाएगें या नहीं. केंद्र सरकार को अपनी तरफ से इस घटना की कडी और पारदर्शी जांच कर दोषियों को कडी सजा दिलानी चाहिए. आज इस घटना ने समाज मन को सुन्न कर दिया है. सभी चिंतित और व्यथित है. यह डॉक्टरोें का महज प्रदर्शन नहीं तो समाज के लोगों को जगाने का भी प्रयत्न है.
न्याय जल्दी होना चाहिए
डॉ. राधा सावदेकर ने कहा कि समाज को जागृत होने की आवश्यकता है. कोलकाता की घटना का निषेध करों उतना कम है. रेप और खून वह भी वीभत्स तरीके से. मानवता के लिए लज्जास्पद और सिर शर्म से झुका देने वाला मामला है. न्याय जल्दी होना चाहिए. हमें राजनीतिक बातों से मतलब नहीं ऐसी घटना रोकने कडे कानून और उनका उतना ही प्रभावशाली अमल से मतलब है. महिलाओं की सुरक्षा की जवाबदारी कौन लेगा. 36 घंटे तक उक्त पीडिता के साथ अत्याचार हुआ. यह काफी निंदनीय है.
कडे कानून में हो कडी सजा
आईएमए के राज्य उपाध्यक्ष डॉ. संदीप दानखडे ने कहा कि डॉक्टर्स दिन रात काम करते हैं. वे जनसामान्य की जान बचाने का प्रयत्न करते हैं. फिर भी उन पर हमले हो रहे है. महिला इंटर्न के साथ इस तरह की बर्बर घटना ने सभी को भीतर तक झकझोर दिया है. कानून व्यवस्था क्या कर रही है. कडे कानून बनाने और दोषियों को कडी सजा देने की मांग लेकर आईएमए ने आज की हडताल मजबूरन आयोजित की है.
हमें सौंप दो, हम बताते
नेत्रतज्ञ डॉ. राजेश जवादे ने बहुत ही आक्रोश से कहा कि आज मेरी एक बहन के साथ इस तरह की बर्बरता हुई है. यह बडी गुस्सा दिलाने वाली बात है. सरकार से और प्रशासन से आरोपियों को पकडना नहीं हो रहा है. हमे जिम्मेदारी दो. हम आरोपियों को पकडकर दिखाएंगे और उसकी क्या सजा हो सकती है. यह भी बता देेंगे. डॉ. जवादे ने कहा कि आज हम शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे है. हमारा यह मूक प्रदर्शन है. भारत भर में इसका निषेध सभी कर रहे हैं. अमरावती भी इस पीडिता के परिवार के साथ इंसाफ के लिए हर समय मौजूद रहने की बात डॉ. जवादे ने की.