नाबालिग लडकी का विनयभंग करने वाले को तीन वर्ष की कैद
जिला न्यायालय ने पोस्को एक्ट में सुनाई सजा
अमरावती/दि. 10 – कक्षा 9वीं में पढने वाली नाबालिग लडकी का विनयभंग करने के मामले में स्थानीय जिला व सत्र न्यायालय ने आरोपी को पोस्को एक्ट के तहत तीन वर्ष की सश्रम कैद की सजा सुनाई है. यह घटना वर्ष 2018 के 12 दिसंबर को राजापेठ थाना क्षेत्र के तहत घटीत हुई.
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजापेठ परिसर की एक 14 वर्षीय नाबालिग लडकी अपने घर में रात के दौरान सोई थी तब गोलू उर्फ संकेत नामक युवक ने घर में प्रवेश कर इस नाबालिग लडकी का विनयभंग किया तथा यह प्रकार किसी को न बताने की धमकी भी दी. किंतु लडकी ने हिम्मत जुटाकर सभी प्रकार अपने परिजनों को बताया. उसपर परिजनों ने तत्काल राजापेठ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की थी. शिकायत के आधार पर राजापेठ पुलिस ने दफा 354, 354 अ, 448, पोस्को एक्ट 8 अंतर्गत अपराध दर्ज कर जांच में लिया था. इस मामले की जांच राजापेठ की महिला उपुलिस उपनिरीक्षक मनीषा सामटकर ने की. इस मामले में सरकार की ओर से कुल तीन गवाहों का परिक्षण किया गया. आरोपी के खिलाफ धारा 354 अ व धारा 448 के तहत तथा पोस्को एक्ट की धारा 8 के तहत अपराध सिध्द हुआ, इस कारण न्यायालय ने धारा 448 के तहत 6 महिने सश्रम कैद व 1 हजार रुपए जुर्माना तथा जुर्माना न भरने पर 1 महिना साधी कैद, पोस्को एक्ट की धारा 8 के तहत 3 वर्ष सश्रम कैद व 5 हजार रुपए जुर्माना व जुर्माना न भरने पर 6 महिने सश्रम कैद इस तरह की सजा प्रमुख जिला व सत्र न्यायाधीश श्रीमती उर्मिला जोशी (फालके) ने सुनाई है. इस मामले में सरकारी अभियोक्ता के रुप में एड.एम.एच.जोशी ने सफल पैरवी की है.