जानलेवा हमला मामले में आरोपी को तीन साल का सश्रम कारावास
29 अक्टूबर 2015 को गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र की घटना
अमरावती/दि.8– मुख्य जिला व सत्र न्यायाधीश एम.आर.देशपांडे की कोर्ट ने मंगलवार 7 मई को प्राणघातक हमला मामले के एक आरोपी को तीन साल सश्रम कारावास, 1 हजार रुपए जुर्माना और जुर्माना न भरने पर दो महिने अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. इस मामले में दो लोगों को निर्दोष बरी किया है.
यह घटना 29 अक्टूबर 2015 को गाडगे नगर पुलिस थाना क्षेत्र के शासकीय तंत्रनिकेतन विद्यालय परिसर में हुई थी. स्वप्नील उर्फ भाम्या भामोद्रे (30), छत्रसालनगर यह आरोपी का नाम है. इस मामले में निशांत नरवाडे (29), घनश्याम नगर व अमोल उर्फ गोलू खांडेकर (34), शेगाव को निर्दोष बरी किया है. इस मामले की शिकायतकर्ता हिमानी राउत व उसका मित्र सोमेश देशमुख यह दोनों खरीदारी के लिए गए थे. खरीदारी निपटने के बाद हिमानी अपनी दुपहिया से सोमेश को घर छोडने हर्षराज कॉलनी जा रही थी. इस दौरान मार्ग में स्वप्नील, निशांत और अमोल यह तीनों उनकी दुपहिया के पास आए. स्वप्नील ने हिमानी को देखकर इशारा करने पर सोमेश ने हटकाया. तभी उन तीनों ने सोमेश के साथ बहस की. इसी दौरान स्वप्निल ने अपनी कमर से चाकू निकाला और सोमेश पर वार कर दिया. इस मामले में हिमानी की शिकायत पर पुलिस ने जांच के बाद आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले में न्या.एम.आर. देशपांडे के कोर्ट ने 11 गवाहों के बयान और सरकारी पक्ष की दलीलों को मान्य करते हुए न्या. देशपांडे की अदालत ने भामोद्रे को दोषी ठहराया और उसे तीन साल का सश्रम कारावास, एक हजार रुपये का जुर्माना और जुर्माना न देने पर दो महीने के अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा सुनाई. निशांत और अमोल को निर्दोष बरी कर दिया गया. अतिरिक्त सरकारी वकील सुनीत ज्ञानेश्वर घोडेस्वर ने मामले की सफलतापूर्वक पैरवी की. पैरवी अधिकारी के रूप में विजय वाट, देवराव डकरे व अरूण हटवार ने काम देखा.