रोमहर्षक : पानी पर जलती मशाल, तैरता मल्लखंभ

श्री हव्याप्र मंडल के ग्रीष्मकालीन शिविर का समापन

* तैराकी विभाग द्वारा प्रदर्शन
अमरावती /दि.4– श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के तैराकी विभाग द्वारा तैराकी के मनमोहक प्रदर्शन से नागरिकों को महसूस हुआ कि यह संस्था और यहाँ का जलतरण विभाग राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर का है. सिंक्रोनाइज्ड तैराकी, वाटर पोलो, तैराकी प्रदर्शन के साथ अंधेरे में पानी पर जलती मशाल, फव्वारा और पानी पर तैरते मल्लखंभ के प्रदर्शन मनमोहक और रोमांचकारी थे. अवसर था, श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के ग्रीष्मकालीन शिविर के समापन समारोह का. सोमवार 2 जून को शाम 6 बजे. यह मनमोहक तैराकी प्रदर्शन मंडल के तैराकी विभाग में आयोजित किया गया था. विशेष रूप से, मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य ने समारोह में भाग लिया और खिलाड़ियों को सम्मानित कर सराहना की.
श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल के कोषाध्यक्ष प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास देशपांडे की अध्यक्षता में आयोजित शिविर समापन समारोह के मुख्य अतिथि नगरसेविका राधा कुरील, टॉमी जोश, प्रो. प्रणव चेंडके, प्रो. दीपाताई कान्हेगांवकर, पडोले मैडम, डॉ. संजय तीरथकर, तैराकी विभाग के प्रमुख डॉ. योगेश निर्मल, शिविर निदेशक राजेश महात्मे, महेंद्र लोनकर, डॉ. लक्ष्मीकांत खंडागले और अन्य गणमान्य अतिथि थे. इस अवसर पर पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य सहित उपस्थित गणमान्य अतिथियों ने मंडल की छत्रपति पुरस्कार प्राप्तकर्ता संजलि वानखड़े सहित पार्थ अंबुलकर, यश दुर्गे, वेदांत सराफ, कौस्तुभ गाडगे, स्वर्णिम शेटे, मंथन शिवनिकर, पियूषनी देशमुख, भूमिका गिरी, अंजलि राउत, नारायणी और विभिन्न पुरस्कार प्राप्त 17 तैराकों का सन्मान किया.
इसके बाद मंच पर उपस्थित कार्यक्रम के अध्यक्ष प्राचार्य डॉ. श्रीनिवास देशपांडे ने अपने विचार व्यक्त किए. उन्होंने कहा कि, मंडल के प्रधान सचिव पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य की पहल पर श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल द्वारा खेल के क्षेत्र में किए जा रहे समर्पित कार्यों के कारण अमरावती शहर, जिले और देशभर के खिलाड़ियों को खेल के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय मंच मिला है. मुख्य रूप से अन्य सभी खेलों के साथ खिलाड़ियों को स्वस्थ स्वास्थ्य और उज्ज्वल भविष्य के लिए स्विमिंग पूल की सुविधा मिली है. सभी खिलाड़ियों और नागरिकों ने इस तैराकी प्रदर्शन के माध्यम से महसूस किया है कि, पिछले कई दशकों से इस स्विमिंग पूल के माध्यम से आंतरराष्ट्रीय स्तर के तैराक तैयार किए जा रहे हैं. तैराकों द्वारा प्रस्तुत प्रदर्शनों की सराहना करते हुए प्राचार्य डॉ. देशपांडे ने मत व्यक्त किया कि, श्री हनुमान व्यायाम प्रसारक मंडल देश का गौरव है. महेंद्र लोनकर ने इन सभी प्रदर्शनों की प्रस्तुति का संचालन किया और तैराकी के महत्व, फिटनेस और तैराकी के प्रकार आदि के बारे में जानकारी दी.
तैराकी विभागाध्यक्ष डॉ. योगेश निर्मल ने तैराकी टीम के मार्गदर्शन में समारोह का आयोजन किया तथा विभिन्न प्रदर्शन कर उपस्थित नागरिकों का दिल जीत लिया. समारोह का संचालन एवं आभार प्रो. आशीष हटेकर ने किया. कार्यक्रम की सफलता के लिए मयूर कुमार, प्रो. मनोज कोहाले, गोहद सर ने अथक परिश्रम किया. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे.

* सौभाग्यवश, वह युवक बच गया
तैराकी का प्रदर्शन चल रहा था, तभी अचानक खुशी से झूमता युवक अपना संतुलन खो बैठा और पानी में गिर गया. जैसे ही उसने मदद के लिए चिल्लाया, कई तैराक पानी में कूद पड़े और उसे पानी से बाहर निकाला, जिससे उसकी जान बच गई. साथ ही उसे तुरंत चिकित्सा सुविधा भी मुहैया कराई गई. कुल मिलाकर इस घटना से दर्शक स्तब्ध रह गए. हालांकि बाद में डॉ. योगेश निर्मल ने यह कहते हुए दर्शकों को तैराकी के महत्व के बारे में समझाया कि यह सब प्रस्तुति का हिस्सा था.

* पानी पर तैरता मल्लखंभ रहा शानदार
श्री हव्याप्र मंडल के तैराकी विभाग द्वारा आयोजित तैराकी प्रदर्शन में पानी पर तैरते मल्लखंभ का अद्भुत नजारा रहा. मल्लखंभ विभागाध्यक्ष प्रो. मयूर दलाल के मार्गदर्शन में 6 बालिकाओं एवं 10 बालकों की टीम ने तलवार, जलती मशालों एवं अन्य के साथ विभिन्न मल्लखंभ प्रदर्शन किए. वर्ष 2005 में मल्लखंभ विभागाध्यक्ष डॉ. विलास दलाल एवं तैराकी विभागाध्यक्ष डॉ. लक्ष्मीकांत खंडागले ने पानी पर तैरते मल्लखंभ के प्रयोग को सफलतापूर्वक क्रियान्वित किया था. इसके बाद पद्मश्री प्रभाकरराव वैद्य के सहयोग से वर्ष 2010 एवं 2011 में सोनी एवं कलर्स टीवी के शो ‘इंडिया गॉट टैलेंट एवं एंटरटेनमेंट के लिए कुछ भी करेगा…’ में पानी पर तैरते मल्लखंभ एवं विभिन्न अभ्यास प्रस्तुत किए गए तथा 1 लाख 11 हजार रुपए का पुरस्कार जीता. तब से लेकर अब तक हर वर्ष तैराकी विभाग के समारोह में पानी पर तैरते मल्लखंभ अभ्यास आकर्षण का केंद्र बन प्रशिक्षित एथलीटों ने मल्लखम्ब का प्रदर्शन किया, जो पानी से 16 से 20 फीट नीचे पानी में अस्थिर होता है.

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