अमरावतीविदर्भ

बडनेरा में सैंकडों इंजेक्शन नाले में फेंके

(badnera) संक्रमण फैलने का खतरा, नागरिकों ने की कार्रवाई की मांग

प्रतिनिधि/दि.१७

अमरावती – समीपस्थ बडनेरा से होकर गुजरनेवाले राष्ट्रीय महामार्ग के अकोला व यवतमाल की ओर जानेवाले वाय पॉइंट के निकट स्थित नाले में शनिवार की दोपहर ४ बजे के आसपास सैंकडों इंजेक्शन पाये गये. प्रयोग में लाये जा चुके इन इंजेक्शनों में भरा हुआ द्रव्य पदार्थ नाले के पानी में मिलकर भूगर्भ में रिस रहा है. जिसकी वजह से नाले के किनारे बसी बस्तियों में इंफेक्शन फैलने की संभावना है. ऐसे में जहां एक ओर क्षेत्र में जबर्दस्त सनसनी व्याप्त है, वहीं दूसरी ओर परिसरवासियों द्वारा मनपा प्रशासन से इस मामले में आवश्यक कार्रवाई किये जाने की मांग की गई है. इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार की दोपहर बडनेरा-अकोला मार्ग पर पाला फाटे से कुछ ही दूरी पर स्थित नाले में प्रयोग में लाये जा चुके सैंकडों इंजेक्शन एक ब्नसे में भरकर फेंके हुए पाये गये है. यह अपने आप में बेहद गंभीर मामला है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक किसी बीमार व्यक्ति को इंजेक्शन लगाये जाने के बाद उसके शरीर का इंफेक्शन कुछ प्रमाण में ऐसे इंजेक्शन में रह सकता है और विभिन्न मरीजों पर इस्तेमाल किये जाने के बाद खुले में फेंके गये ऐसे इंजेक्शन बडे पैमाने पर संक्रमण फैला सकते है. जिससे बीमारियां भी फैल सकती है. ज्ञात रहे कि, जिस स्थान पर यह इंजेक्शन फेंके गये है, वहां जलस्त्रोत है. साथ ही इस परिसर में पालतु मवेशी चराई के लिए छोडे जाते है और पालतु मवेशी इसी नाले का पानी पीते है. उनके जरिये इंसानी बस्तियों में विभिन्न बीमारियां व इंफेक्शन फैल सकते है. ऐसे में सैंकडों इंजेक्शन को लापरवाहपूर्ण ढंग से खुले में फेंक देनेवाले व्यक्ति के खिलाफ प्रशासन द्वारा बेहद गंभीरतापूर्वक कडी कार्रवाई की जाये. ऐसी मांग परिसर के खेत मालिकों, पशुपालकोें व नागरिकों द्वारा की जा रही है.

  • बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोझल की व्यवस्था भी है

ज्ञात रहें कि, बायोमेडिकल वेस्ट को डिस्पोझल (नष्ट करने) की प्रक्रिया सरकार द्वारा तय की गई है और इसका प्रकल्प बडनेरा में ही दुर्गापूर मार्ग पर स्थित है. इस स्थान पर ले जाकर इन इंजेक्शनों को नष्ट करने की बजाय सैंकडों इंजेक्शनों को खुले में ले जाकर फेंकने के पीछे क्या उद्देश हो सकता है, यह भी अपने आप में एक बडा सवाल है.

प्रशासन भी गंभीर नहीं

बता दें कि, यह मामला शनिवार १५ अगस्त को उजागर हुआ, जिसकी जानकारी तुरंत ही मनपा के स्वास्थ्य व स्वच्छता विभाग को दी गई, लेकिन २४ घंटे बाद तक मनपा प्रशासन द्वारा इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई और रविवार की शाम तक इन सैंकडों इंजेक्शन उसी नाले के किनारे खुले में पडे हुए थे.

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