अमरावती

‘तिचं काय चुकलं?’ कादंबरी समाज के लिए दिशादर्शक

पुस्तक प्रकाशन समारोह में डॉ. शोभा रोकडे का प्रतिपादन

अमरावती/दि.22– ‘तिचं काय चुकलं?’ यह कादंबरी समाज के ज्वलंत प्रश्नों पर आधारित होने के कारण समाज के लिए दिशादर्शक साबित होगी, ऐसा प्रतिपादन ज्येष्ठ कवयित्री, समीक्षक प्रा. डॉ. शोभा रोकडे ने किया. कादंबरीकार संजय महल्ले की ‘तिचं काय चुकलं?’ इस आंतरधर्मीय विवाह प्रश्नों पर आधारित कादंबरी के प्रकाशन समारोह में वे बोल रही थी. उन्होंने लेखक के लेखन कौशल्य व उनके द्वारा लिये गए परिश्रम का कौतुक किया. इस समय सामाजिक कार्यकर्ता व लेखिका रजिया सुलताना ने अपना जीवन प्रसंग विशद कर इस कादंबरी के आशय एवं अपने भूतकाल के जीवन संघर्ष का निकट का संबंध होने की बात कही. वहीं ज्येष्ठ लेखक डॉ. रविन्द्र शोभणे ने लेखक के धाडस का कौतुक किया. इस समय अध्यक्ष स्थान पर से बोलते हुए ज्येष्ठ कादंबरीकार शेषराव खाडे ने कहा कि चिंतनगर्भ साहित्य समाज को विचार करने पर मजबूर करता है. यह कादंबरी भी निश्चित रुप से समाज को दिशादर्शक साबित होगी.
अंकुर साहित्य संघ, शाखा अमरावती एवं मेधा पब्लिशिंग हाऊस के संयुक्त तत्वावधान में श्री शिवाजी कला व वाणिज्य महाविद्यालय सभागृह में आयोजित इस प्रकाशन समारोह में संजय महल्ले के काइमेरा इस विज्ञान कादंबरी का हिंदी व अंग्रेजी में अनुवाद भी प्रकाशित किया गया. इस समय हिंदी अनुवादक प्रा. निशा बाहेकर, अंग्रेजी अनुवादक प्रा.डॉ.अनघा सोमवंशी-सोनखासकर सहित साहित्य व सामाजिक क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य करे वाले पूर्व जिला शल्य चिकित्सक डॉ.शामसुंदर निकम,लेखक कवि अशोकदादा हरदास, स्तंभलेखक भालचंद्र रेवणे, महानुभाव साहित्य के अभ्यासक डॉ.राजेन्द्र राऊत,व्यंगचित्रकार रविन्द्र बालापुरे,ज्येष्ठ लेखक अरविंद उतखेडे, आदिवासी साहित्य के अभ्यासक प्रा. संजय लोहकरे, रेखा चित्रकार उद्धव शहाणे,पत्रकार राजन देशमुख,से.नि.पुलिस अधिकारी जगदीश गायकवाड़, लेखक, पत्रकार प्रदीप चौधरी इन मान्यवरों का स्मृतिचिन्ह व पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया गया. इस समय सुप्रसिद्ध गायिका वनिता केतकर ने डॉ. शोभा रोकडे की रचना अपनी सुमधुर आवाज में प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया. कार्यक्रम का प्रास्ताविक अंकुर साहित्य संघ के समन्वयक डॉ. प्रमोद काकडे ने संचालन एड. प्रीती बनारसे व आभार प्रदर्शन जनसंवाद विभाग प्रमुख कुमार बोबडे ने किया.
कार्यक्रम में डॉ.मोना चिमोटे,दीपाली राऊत, डॉ. सतीश तराल, विष्णु सोलंके,प्रा.मंदा नांदूरकर,प्रा. किशोर देशमुख, प्रा. गजानन केतकर, बाबा राऊत, वा.पां. जाधव, आबासाहब कडू, छाया पाथरे, गजानन काकडे,सुयोग राजनेकर,दीपक दारव्हेकर,शितल राऊत,हरिदास उल्हे,जयदीप सोनखासकर,गोटूदादा सोनखासकर, डॉ. शरद गावंडे, श्याम चौकडे,जी.बी.देशमुख,वंदना चौधरी,विनय मिरासे,प्रा. सुशीला मलसने,मयूर चौधरी,मनोज भिष्णुरकर, रवि दांडगे, विजय कुलकर्णी, सुभाष उतखेडे, डॉ.शोभा गायकवाड़, कांचन उल्हे, श्रीकांत तभाणे, शालिनी मांडवधरे,दिनकर सुंदरकर, सुनील देशमुख, उमेश वानखडे, विद्या टोपले,विशाल मोहोड,विशाल कन्हेरकर,खुशाल गुल्हाने, चंद्रकांत साऊरकर,आशा फुसे,भाष्कर बसवनाथे,नयन पराड, संदीप देशमुख,पूजा कोठाले, अजय महल्ले, लक्ष्मी उंबरकार, वंदना तभाने, चेतन खेडकर, विनोद मुंदे, चेतन मालोकार, गढ़ीकर आदि उपस्थित थे.

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