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सरकारी मेडिकल कॉलेज में ट्वीस्ट

पक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप

अमरावती/ दि. 18 –सूत न कपास जुलाहों में लठा-लठी कहावत अमरावती में अनेक अवसरों पर सिध्द हो चुकी है. यहां कोई विकास प्रकल्प आते ही पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप प्रत्यारोप आरंभ हो जाते हैं. ताजा प्रकरण सरकारी मेडिकल कॉलेज का है. जिसमें कांग्रेस की नेता, विधायक सुलभाताई खोडके ने उसे पूर्ण रूप से शासकीय कॉलेज रहने की स्पष्ट घोषणा की मांग की है वहीं कांग्रेस की नेता यशोमती ठाकुर ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय नांदगांव पेठ से हटाकर अन्यत्र ले जाने का प्रयास हो रहा है. जिसे रोकने की मांग उन्होंने विधानसभा में कर डाली. इस पर मेडिकल कॉलेज अमरावती में स्वीकृत करवाने के लिए भगीरथ प्रयास करनेवाले भाजपा नेता किरण पातुरकर ने दोनों ही बातों को सिरे से खारिज कर कहा कि अमरावती का मंजूर तथा राज्य बजट में घोषित शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय 100% शासकीय है. उसी प्रकार कॉलेज के लिए अभी तक न नांदगांव पेठ और न कोंडेश्वर रोड की कोई जगह तय हुई है. पातुरकर ने कहा कि दोनों ही विधायकों को कोई अडंगा लगाने की बजाय इसी सत्र से सुपर स्पेशालिटी अस्पताल में जहां, सभी सुविधा उपलब्ध है, वहां कॉलेज शुरू करने के लिए पहल और प्रयास करने चाहिए.

पीपीपी मॉडल नामंजूर
अमरावती की विधायक सुलभाताई खोडके ने राज्य विधानसभा में शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय हेतु पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप मॉडल रद्द कर पूर्ण रूप से शासकीय महाविद्यालय का निर्णय करने की मांग की. उन्होंने कहा कि इसके पहले बजट में दो बार घोषणा की थी . आघाडी सरकार ने पीपीपी आधार पर वैद्यकीय महाविद्यालय देने का निर्णय किया था. जिसके कारण अमरावती मेडिकल कॉलेज का मुद्दा पिछड गया था. अब उपमुख्यमंत्री ने बजट भाषण में अमरावती में मेडिकल कॉलेज घोषित किया है. किंतु इसके लिए बजट पुस्तिका में कोई प्रावधान नहीं है. इस बारे में नीतिगत निर्णय की आवश्यकता है. मेडिकल कॉलेज पीपीपी आधार पर देने की नीति रद्द कर शासकीय अनुदानित स्वरूप का देने का आग्रह सुलभाताई ने किया और कहा कि पीपीपी आधार पर रहने से गरीब लोगों को उपचार पर पैसे खर्च करने पडेंगे. इसलिए सरकार स्पष्ट भूमिका घोषित करें. सुलभाताई ने मेडिकल कॉलेज के लिए जिलाधिकारी अधीनस्थ 7.35 लाख वर्ग मीटर जगह होटल गौरी इन से अकोला की तरफ जाते महामार्ग से सटी है. वहां कॉलेज स्थापित किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि कॉलेज के साथ ही विद्यार्थियों हेतु होस्टल, एमएससी,बीएससी व जीएनएम नर्सिंग को भी मंजूरी देने की मांग उन्होंने की.


* कॉलेज अन्यत्र हटाने का प्लान
यशोमती ठाकुर ने सदन में आक्रमक अंदाज में कहा कि नांदगांव पेठ का प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज अन्यत्र ले जाने का षडयंत्र चल रहा है. उन्होंने दावा किया कि महाविकास आघाडी की अंतिम केबिनेट बैठक में इस कॉलेज का प्रस्ताव आया था. इसके बाद सरकार बदल गई. वैद्यकीय महाविद्यालय का मुद्दा प्रलंबित हुआ. कुछ लोगों ने उस जगह जमीन खरीद रखी है और अब यही लोग उस जगह कॉलेज और हास्पिटल शुरू करने का प्रयत्न कर रहे है. जबकि नांदगांव पेठ में बडे प्रमाण में जगह उपलब्ध है. मेडिकल कॉलेज के लिए यहां की जगह को मंजूरी प्राप्त है. वहीं कॉलेज शुरू करने की मांग पूर्व मंत्री ठाकुर ने की. यशोमती ठाकुर ने मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी को सेवा में कायम करने और उनके वेतन में बढोत्तरी की डिमांड रखी. उन्होंने कहा कि मविआ सरकार ने मेलघाट के वि द्यार्थियों को उच्च शिक्षा हेतु विशेष प्रशिक्षण दिया था. उसी का परिणाम है कि आज इस क्षेत्र के 15 विद्यार्थी वैद्यकीय शिक्षा प्राप्त कर रहे है. उन्होंने सरकार से इस प्रशिक्षण उपक्रम का अध्ययन कर उसे राज्य के आदिवासी बहुल क्षेत्र में लागू करने की मांग की.
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कोई जगह अभी मंजूर नहीं, कोंडेश्वर अधिक उपयोगी
भाजपा नेता किरण पातुरकर ने दोनों कांग्रेस विधायक के आरोपों को नामंजूर करते हुए दावा किया कि बजट में मेडिकल कॉलेज की घोषणा हुई है. पीपीपी मॉडल की कोई बात नहीं हुई. उसी प्रकार मविआ ने पीपीपी मॉडल की नीति अपनाने का निर्णय किया था. जो गरीब लोगों के दृष्टि से गलत था. अच्छा हुआ कांग्रेस की नेताओं ने ही इसका खुलासा कर दिया. उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज के लिए अभी कोई जगह फाइनल नहीं है. नांदगांव पेठ की जगह को विशेषज्ञ समिति ने उसी समय रिजेक्ट कर दिया था जब यशोमती ठाकुर पालकमंत्री थी. पातुरकर ने दावा किया कि विशेषज्ञ समिति को उन्होंने प्रस्तावित कॉलेज के लिए मार्डी रोड, तपोवन, नांदगांव पेठ और कोंडेश्वर की दो जगह बतलाई थी. जिसमें से समिति ने कोंडेश्वर की 27 एकड जमीन को उपयोगी बताया है. अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है. पातुरकर ने कहा कि आरोप प्रत्यारोप की बजाय शीघ्रता से बजट में घोषित शासकीय वैद्यकीय महाविद्यालय आरंभ करने पर बल दिया जाना चाहिए. सुपर स्पेशालिटी अस्पताल परिसर में जगह और सुविधाएं तत्काल मौजूद है. वहां इसी सत्र से कॉलेज शुरू किया जा सकता है. उस पर ध्यान देना चाहिए.

 

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