अमरावती

व्याघ्र गणना में बाघों ने किया निराश

टिपेश्वर, अकोट व सिपना में 12 बाघ व 3 शावक दिखे

* अधिकांश स्थानों की जानकारी की जा रही संकलित
अमरावती/दि.18- विगत 16 मई को बुध्द पूर्णिमावाली रात मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में की गई प्राणि गणना में शामिल होने हेतु राज्य के विभिन्न शहरों सहित अन्य राज्यों से बडी संख्या में वन्यजीव प्रेमी व अभ्यासक आये हुए थे. किंतु उन्हें इस बार काफी हद तक निराश होना पडा. क्योेंकि इस वर्ष हुई वन्यजीव गणना के दौरान केवल अकोट, सिपना व टिपेश्वर अभयारण्य में 12 बाघों के साथ 3 शावकों के दिखाई देने की जानकारी है. वहीं अन्य स्थानों से जानकारी हासिल करने की प्रक्रिया व्याघ्र प्रकल्प द्वारा चलाई जा रही है.
कोरोना के चलते दो वर्ष बाद हुई प्राणी गणना मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के सिपना, गुगामल, अकोट, मेलघाट बफर, अकोला व पांढरकवडा ऐसे 6 वन्यजीव विभागों में रहनेवाले प्राकृतिक व कृत्रिम 466 जलस्त्रोतों के पास प्राणी गणना व निरीक्षण हेतु बनाई गई मचानोें पर 424 निसर्गप्रेमी व 58 स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित हुए थे. जिन्हें 16 मई की सुबह ही मचानों पर भेज दिया गया था. जहां पर पूरी रात जागते हुए उन्होंने विभिन्न वन्यप्राणियों, पक्षियों तथा सरीसृप जीवों का निरीक्षण करते हुए उनकी जानकारी दर्ज की.

* कहां दिखे कितने बाघ
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के टिपेश्वर में 3 बाघ व 3 शावक, सिपना वन्यजीव विभाग के सेमाडोह परिक्षेत्र में 2 व चौराकुंड में 1, अकोट वन्यजीव विभाग के सोनाला, धारगड, नरनाला व वाण में 6 ऐसे कुल 12 बाघ व 3 शावक इस वन्यजीव गणना व निरीक्षण के दौरान दिखाई दिये है.

* रातभर जागे पर्यटक
वैनगंगा, अकोला, गुगामल व मेलघाट वन्यजीव विभाग के वन परिक्षेत्र में रहनेवाली मचानों के आसपास कोई भी बाघ दिखाई नहीं दिया. ऐसी जानकारी सामने आयी है. हालांकि बाघ के अलावा अन्य कई वन्यप्राणी यहां से दिखाई दिये. ऐसा पता चला है. जिसकी जानकारी संकलित की जा रही है.

कई स्थानों पर बाघ दिखाई दिया है, परिक्षेत्र व डिविजन निहाय जानकारी संकलित करना शुरू है. बाघ सहित अन्य वन्यप्राणियों की गणना को लेकर अधिकृत जानकारी सामने आते ही इससे सभी को अवगत कराया जायेगा.
– स्वप्निल बागडे
पर्यटन व्यवस्थापक, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प

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