सिपना-गुगामल वन्यजीव परिसर में दिखाई दी ‘बाघीन’
चौराकुंड, हरिसाल के आदिवासियों में दहशत
परतवाडा /दि. 23– मध्य प्रदेश बांधवगढ सातपुडा व्याघ्र प्रकल्प से तीन साल पूर्व मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में आई ‘बाघीन’ सिपना-गुगामल वन्यजीव परिसर के हरिसाल, चौराकुंड व सेमाडोह में नजर आई. उस बाघीन के गले में ‘कॉलर आईडी’ है. गुरुवार को आदिवासियों को वह दिखाई दी. मेलघाट के पांढरा खडक जंगल में एक बाघ का शिकार हुआ था. जिसमें यह मामला सामने आया. अब इस बाघीन को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प पर आई है.
मध्यप्रदेश के बांधवगढ व्याघ्र प्रकल्प से तीन साल पूर्व बाघीन के गले में स्थित कॉलर आईडी का सॅटेलाइट के साथ संपर्क टूट गया और बाघीन की जानकारी नहीं मिल पाई. वह सातपुडा पर्वत श्रृंखला से सैकडों किलोमीटर से सर्वप्रथम अकोट वन्यजीव परिसर के सोनाला वनपरिक्षेत्र के अन्यार बीट में लगाए गए कैमरे में दिखाई दी. वन विभाग के पंजीयन के अनुसार वह टी-73 नाम की बाघीन है. मेलघाट में पूर्व हुए बाघ के शिकार की वजह से उसे सुरक्षित रखने की बडी जिम्मेदारी अब मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प पर आन पडी है.
* मध्यप्रदेश के जंगल से मेलघाट में आई बाघीन
मध्यप्रदेश के जंगल से दिसंबर 2021 में बाघीन मेलघाट में आई. पिछले दो-तीन दिनों से वह हरिसाल परिसर में अनेक लोगों को दिखाई दी. उसके गले में कॉलर आईडी है. वन्य प्रशासन की ओर से उस पर निगाह रखी जा रही है.
– गिरीश जतरकर,
वनपरिक्षेत्र अधिकारी,
हरिसाल, गुगामल वन्यजीव विभाग, चिखलदरा.
* जोडीदार की तलाश में आई?
पिछले तीन साल पूर्व मध्यप्रदेश से मेलघाट के जंगल में आई टी-73 बाघीन विविध भागों में भटक रही है. उसने गुरुवार को हरिसाल, चौराकुंड में दर्शन दिए. पिछले सप्ताहभर से अलग-अलग जगह पर वह अनेक लोगों को दिखाई दी. वह लगभग 7 वर्ष की है और वह अपने जोडीदार की तलाश में आई है, ऐसा विशेषज्ञों का कहना है.