अमरावती

बैंक को दिक्कत से बाहर निकालना है

परिवर्तन पैनल के सदस्यों का वादा

* जिजाउ बैंक संचालक मंडल चुनाव

अमरावती/दि. 28– शहर की प्रतिष्ठित जिजाउ सहकारी बैंक के दो दिन बाद 31 दिसंबर को होने जा रहे चुनाव के संदर्भ में अमरावती मंडल ने परिवर्तन पैनल के उम्मीदवारों से बात की. पैनल ने बैंक को आर्थिक अडचन से बाहर निकालने का वादा सभासदों से किया है.

* सक्षम और संपन्न बैंक बनाएंगे
पिछले कुछ समय से बैंक में हुई जांच में अनेक अनियमितताएं उजागर हुई है. जिससे बैंक की बदनामी हुई है. आज बडा हुआ एनपीए के कारण बैंक आर्थिक संकट में पडी है. उसमें से बाहर निकालने हम परिवर्तन पैनल के रुप में चुनाव में उतरे हैं. बैंक का कामकाज सुचारु कर एक अच्छा प्रबंधन देने का प्रयास हम करेंगे. बैंक को पुन: सक्षम और संपन्न बनाने कार्य करेंगे.
– राजेंद्र अढाउ

* दुर्दिन किसने लाए?
बहुजन समाज के कल्याण हेतु 20 वर्षो से अधिक समय से कार्यरत जिजाउ बैंक आज संकट में पडी है. जबकि इसी बैंक ने अनेक युवाओं को उद्योजक बनाया. कई लोगों को संकट समय में आर्थिक आधार दिया. बैंक के दुर्दिन क्यों और किसके कारण आए, इसका विचार करना होगा. बैंक का कामकाज ठीक प्रकार से नहीं रहने के कारण ही रिजर्व बैंक ने उसे दंडित किया. दूसरी ओर सहकारिता विभाग व्दारा जांच का सिलसिला शुरु हुआ. किंतु जिनके कारण यह हुआ, उन्हें ही पुन: सत्ता में रहने की इच्छा है. सभासदों ने किंतु अब बैंक में नए प्रबंधन की इच्छा की है, 1 जनवरी को बदलाव दिखाई देगा.
– वैशाली गुडधे

* एनपीए का आंकडा क्यों नहीं बता रहे?
धारा 89 अंतर्गत जांच अहवाल में कई बातें सामने आई. जिससे दिखाई पडता है कि जिजाउ बैंक के वर्तमान अध्यक्ष ने ऑडिटर की सहायता से बैंक का एनपीए आंकडा कम बताया है. प्रतिवर्ष रिजर्व बैंक कके निरीक्षण अहवाल में बैंक के ऑडिटर और आरबीआई की रिपोर्ट में एनपीए में फर्क रहा है. यह फर्क कैसे होता है, इसकी जांच कर अधिकारियों ने बैंक का एनपीए मानवीय हस्तक्षेप से निकाला. वह मैनेज किए जाने का आरोप है. सभासदों को गुमराह कर झूठी जानकारी और झूठी रिपोर्ट पेश करने का महापाप वर्तमान सत्ताधीशों ने किया है. अब सभासद ऐसा नहीं होने देंगे.
– शरद बंड

* सभासदों के सामने रखेंगे स्थिति
जिजाउ बैंक के कामकाज में शुरु गडबडी मीडिया और परिवर्तन पैनल की प्रचार सभाओं के माध्यम से सबूतों के साथ हमने रखने का प्रयास किया है. उस बारे में कोई शंका रहने पर हम उसका समाधान करने तैयार है. बैंक की स्थिति सभासदों के सामने रखेंगे. कामकाज की गलतियां सभासदों व्दारा दिखाई देने पर उसका निर्णय का भी उन्हें अधिकार रहेगा. एक पारदर्शी व्यवस्था बैंक में सभी को दिखाई देगी, इसकी हम गारंटी देते हैं.
– हरिभाउ लुंगे

* डिजिटल बैंकिंग पर बल
अरविंद गावंडे के अध्यक्ष पद पश्चात पुन: कोठाले अध्यक्ष बने. बैंक के कामकाज को ग्रहण लगा. गावंडे के कार्यकाल में बडी हुई बैंक बाद में एक भी शाखा नहीं खोल सकी. कोई आधुनिक सुविधा सभासदों को नहीं दे सकी. हमारा प्रयास आनेवाले दिनों में एटीएम, डिजिटल एवं मोबाइल बैंकिंग, यूपीआई और आधुनिक सुविधा देने का रहेगा. उसी प्रकार विदर्भ में बैंक की शाखाओं का विस्तार किया जाएगा.
– प्रा. नीलेश कडू

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