अमरावती

विश्वसनीयता को बरकरार रखना पत्रकारिता क्षेत्र के लिए बड़ी चुनौती

ख्यातनाम पत्रकार विजय बुवा का प्रतिपादन

* आईआईएमसी में हुआ संपादक संवाद कार्यक्रम का आयोजन
अमरावती/दि.24 – पत्रकारिता के क्षेत्र में अवसरों की कोई कमी नहीं है. अवसरों के साथ चुनौतियां भी बहुत है. सबसे बड़ी चुनौती अपनी विश्वसनीयता को बचाए और बनाए रखना है, यह विचार वरिष्ठ पत्रकार विजय बुवा ने व्यक्त किए. गत रोज आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय परिसर अमरावती में संपादक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर विजय बुवा प्रमुख वक्ता के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता आईआईएमसी के पश्चिम क्षेत्रीय निदेशक प्रो. डॉ. वीरेंद्र कुमार भारती ने की. इस समय पत्रकार अनूप गाडगे प्रमुख रूप से उपस्थित थे.
इस अवसर पर अपने संबोधन में विजय बुवा ने कहा कि समय के साथ पत्रकारिता के क्षेत्र में व्यापक बदलाव आए है. सबसे बड़ा बदलाव इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का आना है. मीडिया के इस स्वरूप ने पत्रकारिता के क्षेत्र को गतिशील बना दिया है. इसी का असर प्रिंट मीडिया पर भी पड़ा है. पहले अखबार का संवाददाता खबरों के संकलन के लिए फील्ड पर जाया करता था. बाद में वह अखबार के दफ्तर में आने वाली प्रेस विज्ञप्तियों पर निर्भर होकर रह गया. जिससे पत्रकारिता, पत्र-करिता बन गई. अब पत्रकारिता प्रतिक्रिया बनकर रह गई है. इस चलन को बदलना जरूरी है.
अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्रो. डॉ. वीरेंद्र कुमार भारती ने कहा कि आज पत्रकारिता के सामने सबसे बड़ी चुनौती फेक न्यूज है. इसने समाज के सामने एक बड़ा खतरा पैदा कर दिया है. पत्रकारिता से जुड़े लोगों को चाहिए कि वे इस खतरे से मजबूती के साथ निपटे. साथ ही पत्रकारिता का उपयोग समाज में फैली कुरीतियों और कमियों को उजागर करने में करे. समाज को जागरूक करे. सरकार को इनसे अवगत कराए. ताकि सरकार इनसे निपटने की प्रभावी योजनाएं बनाएं. उन योजनाओं को समाज के अंतिम घटक तक पहुंचाए.
कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रा. अनिल जाधव ने रखी. अतिथियों का स्वागत डॉ. राजेश सिंह कुशवाहा ने किया तथा डॉ. विनोद निताले ने अतिथि का परिचय दिया. इस अवसर पर डॉ. आशीष दुबे, प्रभात कुमार और अभिषेक श्रीवास्तव, संजय पाखोडे प्रमुख रूप से उपस्थित रहे. कार्यक्रम में हिंदी, अंग्रेजी और मराठी पत्रकारिता के विद्यार्थियों की ओर से प्रकाशित लैब जर्नल्स का विमोचन किया गया. मंच संचालन करण मून, रूपेश सोनोने, अंकिता चांडक और दीपाली ने किया.

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