अमरावतीमहाराष्ट्र

मंदिर प्रबंधन को आदर्श बनाने ट्रस्ट, पुजारी, भक्त और विद्वानों का संगठन आवश्यक!

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ कहना

* महासंघ की पत्रकार परिषद
अमरावती/ दि.  5 – छत्रपति शिवाजी महाराज और राजमाता अहिल्याबाई होल्कर ने मंदिरों की रक्षा और पुनर्निर्माण किया था, लेकिन आज मंदिरों का सरकारीकरण हो रहा है और उनकी जमीनों पर अतिक्रमण किया जा रहा है . इसके अलावा, ‘वक्फ बोर्ड’ के माध्यम से हिंदू मंदिरों की भूमि पर कब्जा किया जा रहा है. जिससे मंदिर संस्कृति और श्रद्धा पर प्रभाव पड़ रहा है.मंदिर प्रबंधन को आदर्श बनाने के लिए मंदिर ट्रस्ट, पुजारी, भक्त और विद्वानों का संगठन आवश्यक है. इस आशय का प्रतिपादन मंदिर महासंघ ने किया. महासंघ ने आगामी रविवार 9 मार्च को न्यास अधिवेशन का आयोजन जहांगीरपुर में रखा है. उस बारे में जानकारी देने आज दोपहर मराठी पत्रकार भवन में पत्रकार परिषद का आयोजन किया गया. इस समय ओमप्रकाश परतानी, अनूप जयसवाल, कैलास पनपालिया, आशिष मारूडकर, विनीत पाखोडे, हिंदू जनजागृति समिति के विदर्भ समन्वयक श्रीकांत पिसोलकर और जिला समन्वयक नीलेश टवलारे उपस्थित थे.
* 500 से अधिक ट्रस्टी, प्रबंधक
हिंदू जनजागृति समिति के नीलेश टवलारे ने जानकारी दी कि, हिंदुओं के कोई भी मंदिर किसी सरकार के अधीन नहीं होने चाहिए – यह निर्णय प्रयागराज के महाकुंभ मेले में अखाड़ा परिषद, साधु-संतों और सभी हिंदुत्वनिष्ठ संगठनों द्वारा लिया गया था. आज देशभर में कोई भी मस्जिद या चर्च सरकार के अधीन नहीं है, तो फिर मंदिर सरकार के अधीन क्यों हैं? इसी प्रश्न को लेकर आयोजित मंदिर न्यास अधिवेशन में अमरावती जिले के सभी प्रमुख मठ-मंदिरों के संत, महंत, ट्रस्ट, प्रबंधक और पुजारियों की 500 से अधिक संख्या में उपस्थिति रहेगी. इस अधिवेशन में मंदिरों की जमीन पर अवैध कब्जे रोकने के लिए ‘एंटी लैंड ग्रैबिंग एक्ट’, देवस्थान कृषि भूमि और कुल कानून से जुड़ी समस्याओं, मंदिरों की विभिन्न समस्याओं तथा कानूनी मार्गदर्शन जैसे विषयों पर चर्चा की जाएगी. अमरावती जिले के 13 तालुकों में बैठकें और संपर्क अभियान के माध्यम से इसका व्यापक प्रचार किया गया है, जिससे इसे शानदार प्रतिसाद मिल रहा है.
* परतानी द्बारा आवाहन
श्री महारुद्र मारुति संस्थान के अध्यक्ष ओमप्रकाश परतानी ने सभी मंदिर क्षेत्र से जुड़े गणमान्य लोगों से इस अधिवेशन में बड़ी संख्या में शामिल होने का आह्वान किया. इस मंदिर न्यास परिषद में निम्नलिखित महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी. मंदिरों को सनातन धर्म प्रचार के केंद्र बनाना,मंदिरों की पवित्रता बनाए रखना, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना, वक्फ कानून के माध्यम से मंदिर भूमि पर हो रहे अतिक्रमण पर समाधान, मंदिरों और तीर्थ स्थलों पर मांस-मद्य निषेध, उपेक्षित मंदिरों का पुनर्निर्माण. इस बारे में जानकारी महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के जिला संयोजक कैलास पनपालिया ने दी.
* 4.5 लाख मंदिरों पर नियंत्रण का प्रयास
उन्होंने बताया कि 2008 में 4.5 लाख मंदिरों को सरकारी नियंत्रण में लेने का प्रयास किया गया था, जिसका विरोध किया गया और ‘मंदिर और धार्मिक संस्था महासंघ’ की स्थापना की गई. तब से इस अभियान की शुरुआत हुई और संगठित प्रयासों के कारण सरकार को यह निर्णय वापस लेना पड़ा. मंदिर महासंघ मंदिरों की समस्याओं को हल करने और उन्हें संगठित करने का कार्य कर रहा ह््ै. इस दैवी कार्य में सभी का सहयोग आवश्यक है और यही उद्देश्य इस अधिवेशन के आयोजन का है, ऐसा मत महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के जिला संयोजक विनीत पाखोडे ने व्यक्त किया. इस अधिवेशन में मंदिर क्षेत्र में कार्य करने वाले सभी लोग भाग लेने के लिए 8007630913 पर संपर्क करें, ऐसा आह्वान महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से किया गया है.

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