अमरावती

गुलाबी बोंड इल्ली का प्रभाव रोकने के लिए

सडे हुए कपास की बुआई न करे

  • कृषि विभाग का आवाहन

अमरावती प्रतिनिधि/दि.५ – गुलाबी बोंड इल्ली का प्रभाव रोकने के लिए खराब हुए कपास की बुआई न करने का आवाहन कृषि विभाग द्बारा किसानों से किया गया है. सडा हुआ कपास यानी कपास निकालने के बाद सिंचाई उपलब्ध रहने की जगह पर कपास को पानी देकर दोबारा फसल लेना है.
खराब कपास की बुआई करने से पत्ते, फूल व बोंड लगने में अनियमितता होकर गुलाबी बोंड इल्ली तथा सफेद मख्खी को खाद्य उपलब्ध होता है. पर्यायाने बोंड इल्ली का प्रभाव और बडे प्रमाण में होता है. दिसंबर महिने में कपास अथवा सूखे नखो गुलाबी बोंड इल्ली सुप्त अवस्था में जाने की संभावना है. अगले सीजन में इल्ली का प्रभाव रोकने के लिए कपास के खेत में अवशेष नष्ट करना आवश्यक है. दिसंबर के बाद कपास की फसल रखने से गुलाबी बोंड इल्ली बढने के लिए बोंडे निरंतर उपलब्ध होने से उसे बढने के लिए और गति मिलती है और इल्ली कम समय में अधिक बढती है.
दिसंबर महिने के बाद खेत में अगले पांच छ महिने कपास फसल अलग रखने पर गुलाबी बोंड इल्ली का प्रभाव नियंत्रण में आता है व जिसके कारण अगले सीजन में गुलाबी बोंड इल्ली का प्रभाव कम होता है. दिसंबर के बाद खाद उपलब्ध न होने पर इल्ली सूख जाती है. परंतु खराब कपास के कारण जीवनक्रम चालू रहकर अगले सीजन में रोपित किए जानेवाला कपास फसल पर इल्ली का दोबारा प्रभाव होता है. इसलिए किसी भी स्थिति में सडे हुए कपास की बुआई न करे. इसके लिए कपास फसल का चुरा करनेवाली यंत्र का उपयोग करे और तैयार हुई फसल का चुरा इकट्ठा करके सेंद्रीय खाद मेें रूपांतरित करे. फसल निकालने के बाद गहराई तक साफ करके जमीन ग्रीष्मकाल में अच्छी तरह तपने दे. फसल निकालने के बाद कपास व्यवस्थित न खुली हुई कीटग्रस्त बोंडे व उसका कचरा नष्ट कर खेत स्वच्छ रखे.
खराब कपास में लगनेवाला बोंड का पोषण अच्छा नहीं होता. जिसके कारण धागे की मजबूती व रूई कम होने से बाजारभाव कम मिलता है. कपास खराब लेने पर कीट व रोग का प्रभाव बढने की संभावना रहती है. कपास फसल दिनों दिन जैसे जैसे बढती जाती है. उस प्रकार बीटी प्रथीना के प्रमाण कम होते है और बोेंड इल्ली में बीटी प्रधिना के विरूध्द प्र्रतिकारक क्षमता निर्माण होती है. जिसके कारण अगले सीजन में बोंड इल्ली का प्रभाव बढाने की संभावना अधिक रहेगी तथा अगले खरीफ सीजन में इल्ली का प्रभाव रोकने के लिए जिले के किसान सडे हुए कपास की बुआई न करे, ऐसा आवाहन जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी, विजय चवाले ने किया है.

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