अमरावती

शिक्षा व कृषि क्षेत्र के लिए आज भी प्रासंगिक हैं भाउसाहब के विचार

भाउसाहब की 57 वीं पुण्यतिथि पर राकांपा प्रमुख शरद पवार का कथन

* शिवाजी शिक्षा संस्था में सभागृह, प्रवेशद्वार व शिव प्रतिमा का किया लोकार्पण
अमरावती/दि.11– शिक्षा एवं कृषि क्षेत्र में देश के प्रथम कृषिमंत्री व शिक्षा महर्षि डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख द्वारा किये गये कार्य हमेशा अविस्मरणीय रहेंगे और इन क्षेत्रों के विकास हेतु भाउसाहब द्वारा प्रस्तुत किये गये विचार आनेवाले पीढियों के लिए भी प्रासंगिक बने रहेंगे. जिस तरह जाणता राजा कहे जाते छत्रपति शिवाजी महाराज ने रयत का राज्य लाने हेतु हिंदवी स्वराज्य की स्थापना कर राजनीतिक व सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया था. उसी तरह भाउसाहब देशमुख ने शैक्षणिक क्रांति का सूत्रपात करते हुए समाज के हर एक घटक तक शिक्षा के प्रवाह को पहुंचाया. यह हमारा सौभाग्य रहा कि, हमने अपने राजनीतिक व सामाजिक जीवन का प्रारंभ भाउसाहब जैसे महान नेताओं की छत्रछाया में शुरू किया. इस आशय का प्रतिपादन राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार द्वारा किया गया.
गत रोज देश के प्रथम कृषि मंत्री व श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के संस्थापक डॉ. पंजाबराव उर्फ भाउसाहब देशमुख की पुण्यतिथि अवसर पर श्री शिवाजी शिक्षा संस्था द्वारा संस्था परिसर में निर्मित सभागृह व प्रवेश द्वार सहित यहां स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज के पुर्णाकृति पुतले का लोकार्पण समारोह आयोजीत किया गया था. इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने हेतु अमरावती पहुंचे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार ने इस आयोजन के दौरान पीडीएमसी अस्पताल परिसर में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा, संस्था के ऑडिटोरियम हॉल एवं स्व. रावसाहब इंगोले स्मृति प्रवेश द्वार का लोकार्पण करते हुए उपरोक्त विचार व्यक्त किये. इस समय अपने संबोधन में शरद पवार ने यह भी कहा कि, जिस कुर्सी पर बैठकर भाउसाहब देशमुख ने केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में काम किया, उसी कुर्सी पर उन्हें भी केंद्रीय कृषि मंत्री के रूप में काम करने का अवसर मिला. यह उनके लिये बेहद सम्मान व गौरववाली बात है. पवार के मुताबिक भाउसाहब देशमुख अपने आप में एक विजिनरी नेता थे और उनकी सोच व दृष्टि केवल महाराष्ट्र या भारत देश तक सीमित नहीं थी, बल्कि वे कृषि क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर होनेवाले बदलावों पर नजर रखा करते थे. यहीं वजह है कि, आज भी पूरी दुनिया के तमाम बडे नेता कृषि क्षेत्र के विकास हेतु भाउसाहब के विचारों का अनुसरण करते है.
श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख की अध्यक्षता में आयोजीत इस कार्यक्रम में बतौर प्रमुख अतिथी राज्य के क्रीडा व युवा कल्याण मंत्री सुनील केदार, महिला व बालविकास मंत्री यशोमति ठाकुर, जिले की सांसद नवनीत राणा, विधायक सुलभा खोडके, देवेंद्र भूयार, अमोल मिटकरी व संदीप बाजोरिया, शिक्षक विधायक किरण एड. किरण सरनाईक, वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश पोहरे, शिवाजी शिक्षा संस्था के सचिव शेषराव खाउे, उपाध्यक्ष नरेशचंद्र ठाकरे, डॉ. रामचंद्र शेलके, एड. गजानन पुंडकर, कोषाध्यक्ष दिलीपबाबू इंगोले, हेमंत कालमेघ, प्राचार्य केशवराव गावंडे, केशव मेटकर, प्राचार्य डॉ. महेंद्र ढोरे, नरेशचंद्र पाटील, प्राचार्य पी. एस. वायाल व प्राचार्य डॉ. अमोल महल्ले आदि उपस्थित थे.
इस आयोजन के दौरान राकांपा सुप्रीमो शरद पवार द्वारा सर्वप्रथम स्व. रावसाहब इंगोले स्मृति प्रवेश द्वार का फीता काटकर लोकार्पण किया गया. पश्चात परिसर में स्थापित की गई छत्रपति शिवाजी महाराज की पूर्णाकृति प्रतिमा का अनावरण करते हुए उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज सभागृह का उद्घाटन किया. साथ ही समय डॉ. पंजाबराव देशमुख द्वारा रचित ‘वैदिक धर्ममिमांसा’ किताब का विमोचन करते हुए शिव संस्था के त्रैमासिक का विमोचन भी शरद पवार के हाथों किया गया. इसके अलावा इस समय जहां संस्था द्वारा राकांपा सुप्रीमो शरद पवार का शॉल, श्रीफल व स्मृतिचिन्ह, ग्रंथ व रेखाचित्र देकर सत्कार किया गया, वहीं रेखाचित्रकार संजय देशमुख, वृक्ष मित्र सारंग ढोले, दिव्यांगों को नृत्य के जरिये आत्मनिर्भर बनानेवाले गुरू पाशा, आर्किटेक्ट सुरेश जुनघरे, सहित अंकुश वानखडे, हनुमान सेठ व मुकुंद बडनेरकर का शरद पवार के हाथों सत्कार करवाया गया. कार्यक्रम के प्रारंभ में प्रतिमा पूजन करने के साथ ही जी. डी. पाटील सांगलूदकर महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा स्वागतगीत प्रस्तुुत किया गया. इस कार्यक्रम में प्रास्ताविक नरेशचंद्र ठाकरे तथा संचालन व आभार प्रदर्शन प्रा. डॉ. किशोर फुले द्वारा किया गया.

* फुले, शाहू व आंबेडकर के विचारों को आगे बढाया भाउसाहब ने
शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रही श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के कामों की प्रशंसा करते हुए शरद पवार ने कहा कि, राज्य में ज्ञान-दान के क्षेत्र में रयत शिक्षा संस्था के बाद श्री शिवाजी शिक्षा संस्था का नाम लिया जाता है. किसी समय छत्रपति शाहु महाराज व महात्मा ज्योतिबा फुले ने रयत शिक्षा संस्था व सत्यशोधक समाज के जरिये समाज के वंचितों हेतु शिक्षा क्षेत्र के दरवाजे खोले. इसी परंपरा को आगे बढाते हुए विदर्भ क्षेत्र में पापल जैसे छोटे से गांव से निकले भाउसाहब देशमुख ने शिक्षा की गंगा प्रवाहित की. साथ ही साथ करीब 10 वर्षों तक केंद्र सरकार में कृषि मंत्री के तौर पर काम करते हुए उन्होंने कृषि क्षेत्र की उन्नति और सिंचाई की उपलब्धता को लेकर कई उल्लेखनीय कार्य किये. जिन्हें देश सहित दुनिया में आज भी याद किया जाता है. साथ ही मौजूदा दौर में भी खेती-किसान की प्रगति हेतु भाउसाहब के विचारों को अपनाये जाने की जरूरत है.

* छात्रवृत्ति शुरू करने शिवाजी संस्था को 1 करोड रूपये देने की घोषणा
– पिछडों व वंचितों के लिए छात्रवृत्ति शुरू किये जाने की जताई जरूरत
अपने संबोधन में श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के मौजूदा अध्यक्ष व राज्य मंत्रिमंडल में अपने सहयोगी रहे पूर्व कृषि मंत्री हर्षवर्धन देशमुख द्वारा किये जा रहे कामों की प्रशंसा करते हुए शरद पवार ने कहा कि, भाउसाहब देशमुख ने कई मोर्चों पर पीछडे रहनेवाले बहुजन समाज के बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोडने हेतु श्री शिवाजी शिक्षा संस्था की स्थापना की थी. ऐसे में संस्था पदाधिकारियों को चाहिए कि, वे दलितों, वंचितों, पिछडों, आदिवासियों और किसानों के बच्चों को पढाई-लिखाई हेतु प्रोत्साहित करने के लिए छात्रवृत्ति शुरू करे. जिसे डॉ. पंजाबराव देशमुख विशेष छात्रवृत्ति का नाम दिया जाये, ताकि हर वर्ष आर्थिक रूप से पिछडे विद्यार्थियों को पढाई-लिखाई हेतु छात्रवृत्ति के रूप में आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सके. इसके साथ ही शरद पवार ने इस छात्रवृत्ति को शुरू करने के लिए राष्ट्रवादी वेलफेअर ट्रस्ट से श्री शिवाजी शिक्षा संस्था को 1 करोड रूपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की.

* अमरावती से हमेशा रहा बेहद गहरा नाता
श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के कार्यक्रम में उपस्थित शिव परिवार को संबोधित करते हुए राकांपा सुप्रीमो शरद पवार ने कहा कि, जब उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था, तब भाउसाहब देशमुख जीवित थे और उन्हें भाउसाहब के साथ काम करने का मौका भी मिला. इसके साथ ही उस समय अमरावती में राम मेघे, बबनराव मेटकर, राजाभाउ देशमुख व शरद तसरे जैसे नेता तैयार हो रहे थे. जिनके साथ अमरावती आने पर राजकमल चौक पर घंटों बैठकर गप-शप होती थी. इसी तरह जिस समय जलगांव से दिल्ली तक किसानों की दिंडी यात्रा निकाली गई थी, तब अमरावती की माताओं व बहनों ने दिंडी में शामिल किसानों के लिए झुनका-भाकर की ‘शिदोरी’ बांधकर दी थी. वे तमाम बातें उन्हें आज भी पूरी तरह से याद है और अमरावती के साथ वे हमेशा अपना गहरा जुडाव व नाता महसूस करते है और इस नाते को हमेशा निभाने का भी पूरा प्रयास करते है.
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* यदि पवार साहब राज्य के सीएम होते, तो बात ही अलग होती
इस समय अपने विचार व्यक्त करते हुए राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के नेतृत्व कौशल की प्रशंसा करते हुए कहा कि, शरद पवार चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे और उनके नेतृत्व में राज्य ने उल्लेखनीय प्रगती की. किंतु यदि आज भी वे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद पर रहे होते, तो बात ही कुछ अलग रह होती. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, महाविकास आघाडी के शिल्पकार रहनेवाले शरद पवार के नेतृत्व में राज्य सरकार बेहतरीन तरीके से काम कर रही है और कोई चाहे, कितने ही प्रयास क्यों न कर ले, इससे कोई फर्क नहीं पडनेवाला.
अपने संबोधन के दौरान मंत्री यशोमति ठाकुर ने यह भी कहा कि, एक दिन पहले ही पवार साहब के घर पर हमला हुआ. ऐसे में वे अमरावती के दौरे पर आयेंगे अथवा नहीं, इसे लेकर कुछ हद तक संभ्रम देखा जा रहा था. लेकिन पवार साहब अपने पूर्व नियोजीत दौरे के तहत अमरावती पहुंचे. जिसके लिए पवार साहब की हिम्मत और धैर्य की दाद दी जानी चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, इस आयु में भी बिना थकेे कई-कई घंटों तक काम करने और लगातार दौरा करनेवाले पवार साहब से युवा पीढी ने प्रेरणा लेनी चाहिए.
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* पीडीएमसी में साकार हो कैन्सर अस्पताल
इस समय प्रमुख अतिथी के तौर पर उपस्थित जिले की सांसद नवनीत राणा ने डॉ. पंजाबराव देशमुख मेडिकल कॉलेज में कैन्सर अस्पताल के निर्माण हेतु पवार साहब द्वारा आवश्यक सहायता उपलब्ध कराई जानी चाहिए, ताकि क्षेत्र के कैन्सर रोगियों के लिए इलाज की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हो सके. साथ ही अपने संबोधन में सांसद नवनीत राणा ने यह भी कहा कि, आज वे जिस राजनीतिक मुकाम पर पहुंची है, उसके पीछे राकांपा सुप्रीमो शरद पवार का ही आशिर्वाद है और वे हमेशा पवार साहब से प्रेरणा लेते हुए आगे बढती है. शरद पवार को राज्य सहित देश का एक महान नेता बताते हुए सांसद नवनीत राणा ने उनके समक्ष राज्य में हो रही लोडशेडिंग सहित किसानों की समस्याएं भी रखी और उम्मीद जतायी कि, अगर पवार साहब इस समस्याओं की ओर ध्यान देते है, तो जल्द ही इन समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है.
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* पीडीएमसी में हो मरीजों के परिजनों के निवास की व्यवस्था
इस कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए स्थानीय विधायक सुलभा खोडके ने अपने राजनीतिक जीवन के लिए शरद पवार के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए कहा कि, वर्ष 2004 में पवार साहब द्वारा जताये गये विश्वास की बदौलत ही वे राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ पायी है और अपने मौजूदा कार्यकाल के दौरान ही वे राज्य के उपमुख्यमंत्री व वित्त मंत्री अजीत पवार की सहायता के चलते अमरावती निर्वाचन क्षेत्र के विकास हेतु काम करने में सफल है. साथ ही उन्होंने पीडीएमसी अस्पताल द्वारा रूग्णसेवा के क्षेत्र में किये जा रहे कामों की मुक्तकंठ से प्रशंसा करते हुए कहा कि, इस अस्पताल में शहर सहित जिले के मरीज अपना इलाज कराने हेतु आते है. यहां पर मरीजों के इलाज की बेहतरीन सुविधाएं है, लेकिन मरीजों के साथ आनेवाले परिजनों के रूकने व ठहरने का भी यहां प्रबंध होना चाहिए. अत: पीडीएमसी अस्पताल परिसर में मरीजों के परिजनों के लिए धर्मशाला जैसी निवास की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए. जिसके लिए सरकार द्वारा निधी उपलब्ध करायी जाये, ऐसी मांग विधायक सुलभा खोडके द्वारा राकांपा सुप्रीमो शरद पवार से की गई
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* केंद्रीय शिक्षा नीति के परिणाम हो सकते है घातक
इस कार्यक्रम के दौरान श्री शिवाजी शिक्षा संस्था के अध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने केंद्र सरकार द्वारा अमल में लायी जा रही नई केंद्रीय शिक्षा नीति को लेकर अपनी चिंता जाहीर करते हुए कहा कि, इससे भविष्य निर्माण की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. साथ ही गरीबों, वंचितों व जरूरतमंद तबके के विद्यार्थियों हेतु इस नीति की वजह से शिक्षा के अवसर घटेंगे. ऐसे में समय रहते नई शिक्षा नीति का विरोध किया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, श्री शिवाजी शिक्षा संस्था को जिला पालकमंत्री व स्थानीय विधायक सहित अन्य जिले के विधायकों व महाविकास आघाडी सरकार का पूरा सहयोग मिलता आया है. जिसके चलते श्री शिवाजी शिक्षा संस्था द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में शानदार ढंग से काम किया जा रहा है. यदि आगे भी सरकार तथा मंत्रियों द्वारा ऐसे ही सहयोग मिलता रहा तो संस्था द्वारा और भी बेहतर काम किया जायेगा. इसके अलावा संस्थाध्यक्ष हर्षवर्धन देशमुख ने राज्य में पद भरती पर लगायी गई रोक की ओर राकांपा सुप्रीमो शरद पवार का ध्यान दिलाते हुए कहा कि, इस समय शिवाजी शिक्षा संस्था में प्राध्यापकों व शिक्षकों सहित तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के कई पद रिक्त पडे है. अत: पदभरती पर लगायी गई रोक को जल्द से जल्द हटाया जाये, ताकि पदभरती करते हुए संस्था द्वारा संचालित महाविद्यालयों व शालाओं के काम को सुचारू किया जा सके.

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