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आज वही दाढीवाला जाकर फडणवीस की गोद में बैठा है

सेना सांसद अरविंद सावंत ने साधा सीएम शिंदे पर निशाना

* अमरावती की मशाल संवाद यात्रा में जमकर गरजे सावंत
अमरावती/ दि.10 – कल्याण-डोंबिवली निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा चुनाव के समय प्रचार के दौरान एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे को लंबा-चौडा पत्र सौंपकर कहा था कि, भाजपा-सेना सरकार में सर्वसामान्य लोगों के काम नहीं होते और गरीबों को न्याय नहीं मिलता, ऐसे में वे भाजपाईयों के साथ नहीं बैठ सकते. अत: उनका इस्तिफा मंजूर किया जाए और आज वही दाढीवाले बाबा एकनाथ शिंदे केवल सत्ता के लिए उन्हीं देवेंद्र फडणवीस व भाजपा की गोद में जाकर बैठे है. इस आशय का प्रतिपादन शिवसेना के सांसद व पार्टी के विदर्भ संपर्क प्रमुख अरविंद सावंत ने किया.
पूर्व मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना उध्दव बालासाहब ठाकरे पार्टी में नई जान फुंकने तथा शिंदे गुट व्दारा की गई बगावत के चलते पार्टी में होेने वाले बिखराव को रोकने के लिए संतप्त अरविंद सावंत इस समय विदर्भ क्षेत्र के दौरे पर है. जिसके तहत उनकाा गत रोज अमरावती आगमन हुआ. यहां पर पार्टी की महानगर शाखा व्दारा राजापेठ चौक से मशाल संवाद यात्रा का आयोजन किया गया था. जो शहर के विभिन्न चौक-चौराहों से होकर खापर्डे बगीचा परिसर स्थित न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल के प्रांगण में पहुंची. जहां पर मशाल जनसंवाद सम्मेलन का आयोजन किया गया था. पार्टी के सहसंपर्क प्रमुख दिनेश बूब व्दारा न्यू आझाद गणेशोत्सव मंडल के प्रांगण में आयोजित मशाल जनसंवाद सम्मेलन को संबोधित करते समय सेना सांसद अरविंद सावंत ने उपरोक्त प्रतिपादन करने के साथ ही राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार और जिले की सांसद नवनीत राणा पर जमकर निशाना साधा.
इस सम्मेलन में पूर्व सांसद अनंत गुढे, पूर्व विधायक ज्ञानेश्वर धानेपाटील, जिलाध्यक्ष सुनील खराटे, श्याम देशमुख, मनोज कडू, पूर्व पार्षद प्रा. प्रशांत वानखडे, श्याम धानेपाटील, पूर्व जिप अध्यक्ष बालासाहब भागवत, पूर्व जिप सदस्य सुधीर सूर्यवंशी, महिला आघाडी अध्यक्ष मनीषा टेंभरे, प्रीति बंड, प्रतिभा बोपसेट्टी, वसंत मालधुरे, नाना नागमोते, समीर देशमुख व आशिष धर्माले प्रमुख रुप से उपस्थित थे.
इस सम्मेलन में केंद्र व राज्य सरकार को सभी मोर्चों पर असफल बताते हुए सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि, इस समय महंगाई व बेरोजगारी के साथ ही महिलाओं पर अत्याचार के मामले बड गए है. साथ ही किसान व सर्वसामान्य नागरिक हैराण-परेशान है. परंतु उनकी कही कोई सुनवाई नहीं हो रही है. ऐसे में जिस तरह किसानों ने एकजुट होकर सरकार को तीनों काले कृषि कानून वापस लेने पर मजबूर किया. इसी तरह हम सभी को एकजुट होकर मोदी सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना होगा. इस समय अपने संबोधन में सेना सांसद अरविंद सावंत ने यह भी कहा कि, वर्ष 2012 में शिवसेना प्रमुख बालासाहब ठाकरे का निधन होने के बाद भाजपा यह मानकर चल रही थी कि, अब वह शिवसेना को अपने हिसाब से दबा लेगी. यही वजह है कि, तत्कालिन भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने वर्ष 2014 में भाजपा-सेना युती के टूट जाने की घोषणा की थी, लेकिन शिवसेना व उध्दव ठाकरे ने अपनी ताकत दिखाते हुए 63 विधायक चुनकर लाये. पश्चात भाजपा ने एकबार फिर शिवसेना के साथ हाथ मिलाकर राज्य में अपनी सत्ता स्थापित की. इसके पश्चात वर्ष 2019 का चुनाव होने के बाद भाजपा ने चोरी छिपे राकांपा के एक गुट के साथ हाथ मिलाया. ऐसे में शिवसेना के पार्टी प्रमुख उध्दव ठाकरे ने कांग्रेस व राकांपा के साथ मिलकर महाविकास आघाडी बनाई और राकांपा के पार्टी प्रमुख शरद पवार ने अपनी पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बनाने की बजाय उध्दव ठाकरे पर भरोसा जताया और उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी, लेकिन यह बात केंद्र की सत्ता में रहने वाली भाजपा को काफी नागवार गुजरी. जिसके चलते महाविकास आघाडी विशेषकर शिवसेना के नेताओं के पीछे ईडी जैसी जांच एजेंसी को लगा दिया गया. यहीं कारण है कि, सेना सांसद संजय राउत 100 दिनों तक और तत्कालीन गृहमंत्री अनिल देशमुख 14 महिने तक ईडी की कस्टडी में रहे. वही अब सेना विधायक नितीन देशमुख के पीछे एसीबी को लगा दिया गया है, लेकिन हम लोग ऐसी कार्रवाईयों से डरते नहीं है, बल्कि हम विपरित हालात से संघर्ष करते हुए जीत हासिल करने का जज्बा रखते है.
इसी सम्मेलन में जिले की सांसद नवनीत राणा पर निशाना साधते हुए सेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि, जो लोग झूठे जाती प्रमाणपत्र के भरोसे चुनाव जीतकर आये है और उनका झूठ अदालत में भी साबित हो चुका है, ऐसे लोगों की अब तक गिरफ्तारी क्यों नहीं हुई, यह सबसे बडा सवाल है और इस सवाल को लेकर खुद अदालत ने भी पुलिस का े कडे शब्दों में फटकार लगाई है. इस आयोजन के दौरान कई लोगों ने शिवसेना उध्दव बालासाहब ठाकरे पार्टी में प्रवेश किया और इस समय विभिन्न ग्रामपंचायतों में चुनकर आये सरपंचों व सदस्यों का भी सेना नेता अरविंद सावंत के हाथों सम्मान किया गया.
इस सम्मेलन में जिप के पूर्व सदस्य सुधीर सूर्यवंशी ने प्रस्तावना रखी. साथ ही संचालन व आभार प्रदर्शन पार्टी के सहसंपर्क प्रमुख दिनेश बूब ने किया. इस कार्यक्रम में राजू माटोडे, एड. राहुल ओगले, प्रदीप बाजड, अमित मोतीवाला, राजेश शर्मा, राजश्री जटाले, वंदना भोगे, वैशाली राणे, सारिका जयस्वाल, शालिनी उगले, जयश्री कुर्हेकर, स्वाती निस्ताणे, बालासाहब भागवत, वसंतराव मालधुरे, मनीषा टेंभरे, प्रकाश मंजलवार, उमेश घुरडे, आशिष धर्माले, याहया खान पठान, बब्बूभाई ड्राईवर, अलका टेकाडे, राजू ढोक, योगेश नेमाडे, गोपाल भार्गव, विजया खडसे, मोहन बायस्कर व वासूदेव अवसरे सहित अनेकों शिवसैनिक उपस्थित थे.

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