अमरावती

आज होगा मन्नत के झाड का दहन

200 वर्षों से चली आ रही परंपरा

  • रंग-बिरंगी कपडों में लपेटकर बांधे गये है हजारों नारियल

अमरावती/दि.17 – अमरावती सहित विदर्भ क्षेत्र की कुलस्वामिनी कही जाती श्री अंबादेवी के मंदिर में प्रति वर्ष माघ शुध्द पौर्णिमा यानी होली के पर्व पर मन्नत की होली जलाई जाती है. जिसके तहत हेटे के सूखे हुए वृक्ष को मंदिर परिसर के प्रांगण में लाकर स्थापित किया जाता है. जिसके तने व शाखाओं पर भाविक श्रध्दालुओं द्वारा लाल, पीले, हरे व केसरी रंगों के कपडों में लपेटकर नारियल बांधे जाते है. जिसके चलते यह पेड पूरी तरह से रंग-बिरंगी दिखाई देने लगता है. भाविकों द्वारा नारियल को कपडे में लपेटकर बांधते समय इस बात का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाता है कि, वह नारियल किसी को दिखाई न दें और होली के पर्व तक पेड पर ही बंधा रहे. रंग-बिरंगी कपडों में बंधे हजारों नारियलों से लदे इस पेड को ही मन्नत का पेड कहा जाता है. जिसका होलिका दहनवाली शाम पूरे विधि-विधान के साथ पूजन करते हुए पारंपारिक रूप से दहन किया जाता है.
अंबादेवी मंदिर परिसर के प्रांगण में लगाये जानेवाले मन्नत के इस पेड पर भाविकों द्वारा नारियल चढाने के साथ-साथ गाठियां और साडी-चोली भी अर्पित की जाती है और इस होली को लेकर एक माह पहले से तैयारियां शुरू हो जाती है. समूचे देश में संभवत: यह एकमात्र होली है. जिसकी तैयारियां इतने पहले से शुरू कर दी जाती है. इस मन्नत के पेड पर नारियल को कपडे में लपेटकर बांधते समय भाविक श्रध्दालुओं द्वारा कामना की जाती है कि, होली की आग में उनके जीवन की तमाम अशुभ बातें जलकर खाक हो जाये. आज शाम अंबादेवी संस्थान परिसर स्थित प्रांगण में लगाये गये मन्नत के पेड का संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा भाविक श्रध्दालुओं की उपस्थिति में पूरे विधि-विधान के साथ पूजन किया जायेगा. जिसके बाद इस होली को प्रज्वलित किया जायेगा और भाविक श्रध्दालुओं द्वारा जलती हुई होली की प्रदक्षिणा की जायेगी. ऐसे में आज पूरा दिन मन्नत के पेड पर अपनी मन्नतों का नारियल अर्पित करनेवालों की जबर्दस्त भीड लगी रही और दिन भर मन्नत के पेड के पास पूजा-अर्चना का दौर चला रहा.

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