अमरावती

आज चांदनी रात में होगा ‘निसर्ग अनुभव’

मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में होगी वन्यजीव गणना

* जंगल में बनी मचानों से रखी जाएगी नजर
* ऑनलाइन बुकिंग हुई हाउसफुल, वन्यप्रेमी पहुंचे जंगल
* 15 मई को वन्यजीव गणना के आंकडे आएंगे सामने
अमरावती/दि.5 – प्रतिवर्ष बुद्ध पुर्णिमा की रात शुभ्रधवल व जगमग चंद्रप्रकाश तथा प्रकृति के सानिध्य में मेलधाट व्याघ्र प्रकल्प में वन्यजीव गणना की जाती है. जिसके तहत मेलघाट के घने जंगलों में अलग-अलग स्थानों पर बनी मचानों पर पूरी रात व्याघ्र प्रकल्प के कर्मचारी तथा वन्यजीव प्रेमी मौजूद रहकर अपने आसपास दिखाई देने वाले वन्यजीवों पर नजर रखते है. इसी के तहत आज 5 मई को बुद्ध पूर्णिमा रहने के चलते मेलघाट में करीब 154 मचानों से जंगल परिसर में नजर रखते हुए वन्यजीव प्रगणना की जाएगी और इससे संबंधित आंकडे आगामी 15 मई को जारी किए जाएंगे. बुद्ध पूर्णिमा की रात होने वाली वन्यजीव प्रगणना की प्रक्रिया में शामिल होने हेतु ऑनलाइन बुकिंग की जाती है. जो हाउसफुल हो चुकी है. ऐसे में इस प्रक्रिया को अब बंद कर दिया गया है.
बता दें कि, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत बुद्ध पूर्णिमा की रात वन्यजीव प्रगणना हेतु सिपना, गुगामल, अकोट, अकोला व पांढरकवडा इन 6 वन्यजीव विभाग मेें ‘निसर्ग अनुभव’ के लिए बोर्डिंग प्वॉईंट निश्चित किए गए है और ऑनलाइन आरक्षण से 132 मचानों को वन्यजीव प्रेमियों हेतु आवंटित किया गया है. इसके अलावा वीवीआईपी के लिए 24 मचानें आरक्षित है. ऑनलाइन पंजीयन के बाद बोर्डिंग प्वॉईंट पर ‘निसर्ग अनुभव’ में शामिल निसर्ग प्रेमियों का क्रमवार पंजीयन किया जाएगा. इसके पश्चात क्रमवार पंजीयन के अनुसार ईश्वर चिट्ठी के जरिए मचानों का वितरण किया जाएगा. निसर्ग प्रेमियों को मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प की ओर से 5 मई को दोपहर व रात का भोजन देने के साथ ही पीने हेतु पानी उपलब्ध कराया जाएगा. पश्चात शनिवार 6 मई को सुबह अल्पाहार भी दिया जाएगा. प्रगणना पूर्ण होने के बाद ‘निसर्ग अनुभव’ उपक्रम की रिपोर्ट समाविष्ट कर्मचारी व निसर्ग प्रेमियों की संख्या सहित बुद्ध पूर्णिमा की रात प्रगणना के दौरान दिखाई दिए अलग-अलग प्रजातियों वाले वन्यजीवों की जानकारी व संख्या से संबंधित ब्यौरा संकलित करते हुए 15 मई को मेलघाट में रहने वाले वन्य प्राणियों के आंकडे स्पष्ट किए जाएंगे.
* ऐसे हैं बोर्डिंग प्वॉईंट
गुगामल वन्यजीव विभाग – सेमाडोह, चिखलदरा, ढाकणा व तारुबांधा.
अकोट वन्यजीव विभाग – सोमठाणा, धारगढ, घटांग, गाविलगढ.
मेलघाट वन्यजीव विभाग – गाविलगढ, जांभली, अकोट, धुलघाट.
निसर्ग प्रेमियों हेतु 5 मई को मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत ‘निसर्ग अनुभव’ उपक्रम चलाया जा रहा है. जिसके तहत मचानों से वन्यप्राणियों की प्रगणना की जाएगी. ऑनलाइन पंजीयन के बिना इस उपक्रम में किसी भी पर्यटक या निसर्ग प्रेमी को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
– मनोजकुमार खैरनार,
विभागीय वन अधिकारी,
मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प

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