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आज विश्व मौसम दिन

इस वर्ष कहर बरपाएंगी अतिवृष्टी

* सेंटर फॉर साइन्स टेक्नॉलॉजी एण्ड पॉलिसी की रिपोर्ट
अमरावती/दि.23– इस वर्ष लू का असर तो कम रहेगा लेकिन अतिवृष्टी कहर बरपाएंगी, ऐसा दावा सेंटर फॉर साइन्स टेक्नॉलॉजी एण्ड पॉलिसी संशोधन संस्था की रिपोर्ट में किया गया है. संस्था ने राज्य के सभी जिलों का अध्ययन कर यह निष्कर्ष निकाला है.
आज बुधवार को विश्व मौसम दिन मनाया जा रहा है. इस अवसर पर सेंटर फॉर साइन्स टेक्नॉलॉजी की रिपोर्ट सार्वजनिक की गई. जिसके तहत इस वर्ष ग्रिष्मकाल एवं शितकाल में पिछले 30 वर्ष की तुलना में तापमान 1 से 2 डिग्री बढेगा. इसी के साथ बारिश और अतिवृष्टी के दिन बढने का भी अनुमान है. जिस चंद्रपुर में उष्ण तापमान और लू की लपटे रहती है. वहा पर इस वर्ष तापमान कम रहने की संभावना जताई जा रही है. बदलते मौसम का गंभीर परिणाम भीषण बाढ, कृषि, वन और वन्यजीव तथा स्वास्थ्य विकास पर पडेगा.

* कृषि पर गंभीर प्रभाव
बदलते मौसम के प्रभाव से अमरावती समेत महाराष्ट्र पर गंभीर असर पडने की संभावना है. बढते तापमान से कम समय में अधिक बारिश होगी. बारिश के दिनों की संख्या बढने से कृषि पर गंभीर प्रभाव पडेगा. कृषि क्षेत्र के साथ साथ जंगलों, वन्यजीवों और पूरे परिस्थिति की तंत्र को गंभीर नुकसान होगा. पेड पर किडों की संख्या बढेगी. कार्बनिक पदार्थ बढने से जंगल की आग दर में वृद्धि होगी.

* बढते जाएगा तापमान
ग्रीन प्लानेट सोसायटी के अध्यक्ष, केंद्रीय वन, पर्यावरण जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के सदस्य प्रा. सुरेश चोपने ने बताया कि, अब तापमान में निरंतर वृद्धि होंगे. कितने भी प्रयास किये जाने के बाद भी उद्योग, थर्मल पॉवर स्टेशन से उत्सर्जित होने वाली वायु और जलप्रदूषण कम करने के लिए बडे पैमाने पर पौधारोपण जरुरी है. छोटे बांध व जलसंग्रहण में वृद्धि होेने के बाद ही तापमान नियंत्रण में रह सकता है.

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