* टूटी हुई झुग्गी दे रही गवाही
चिखलदरा /दि.23– रेट्याखेडा में वृद्ध महिला के अपमान जुलूस (धिंड) की घटना में नये सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. ग्राम रेट्याखेडा घटना से पहले ही स्तब्ध है. अब जानकारी सामने आयी है कि, ग्रामपंचायत सदस्य सखाराम शेलूकर ने मेलघाट के विधायक को प्रकरण के बारे में बताया था. किंतु थानेदार पिदुरकर ने कथित रुप से मामला दबा दिया. जब पीडिता और उसके बेटा-बहू जिलाधीश के पास पहुंचे, तब जाकर घटना उजागर हुई.
रेट्याखेडा की 77 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ विगत 30 दिसंबर को अत्यंत अपमानजनक सलूक किया गया. इस मामले में पुलिस ने 15 दिनों तक कोई कारवाई नहीं की. घटना की जानकारी वृद्धा के पौत्र सखाराम सेलूकर ने बीजेपी विधानसभा प्रमुख शिव काकड के जरिए विधायक केवलराम काले को बतायी. काले ने तत्काल चिखलदरा के थानेदार पिदुरकर को सूचित किया.
जमादार को भी घटना की जानकारी दी गई. काले ने कहा कि, उन्होंने जमादार को घटनास्थल पर जाकर देखने और निर्दोष आदिवासियों को हाथ न लगाते हुए दोषियों पर कार्रवाई करने कहा था. थानेदार और जमादार ने घोर अनदेखी की. जिससे स्पष्ट है कि, थानेदार आनंद पिदुरकर और जमादार ने घटना को दबाए रखने की कोशिश की. इसके पीछे आर्थिक व्यवहार की चर्चा व आरोप हो रहे हैं. यह भी कहा जा रहा है कि, पुलिस पाटिल और रोजगार सेवक रहने से बाबू जामुनकर गांव में राजा के समान रहता था. उसके विरुद्ध कोई भी कुछ बोलने के लिए तैयार नहीं रहने की हकीकत स्वयं मीडिया कर्मियों ने गांव में पहुंचने पर देखी.
* सीएम को भी भेजी शिकायत
मेलघाट के विधायक केवलराम काले ने दावा किया कि, उन्होंने थानेदार पिदुरकर और जमादार को तत्काल घटनास्थल पर जाने कहा था. उन्होंने दावा किया कि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी सूचित किया.
* 6 दिन-रात नहीं सोया पौत्र
रायपुर ग्राम के पंचायत सदस्य सखाराम शेलूकर ने कहा कि, दादी और परिवार पर हुए अन्याय को उजागर करने के कारण 6 दिन-रात वे सो नहीं पाये थे. आखिर में विधायक केवलराम काले से भेंट की. थानेदार ने प्रकरण दबाने की ही पुरजोर कोशिश की.
* थानेदार का यह कहना
थानेदार आनंद पिदुरकर ने खुलासा करने का प्रयत्न करते हुए दावा किया कि, गत 5 जनवरी को विधायक केवलराम काले ने फोन से उन्हें रेट्याखेडा घटना के बारे में जानकारी दी थी. किंतु उसमें पूरा वर्णन नहीं था.