अमरावती

200 रुपए से सीधे 20 रुपए के दाम पर पहुंचा टमाटर

बाजार में हो रही मिट्टी मोल भाव विक्री, उत्पादकों की बढी चिंता

अमरावती/दि.20– करीब डेढ माह पहले टमाटर के दाम आसमान छू रहे और 200 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर टमाटर की विक्री हो रही थी. जिसे लेकर आम नागरिकों द्बारा काफी चिल्लाया जा रहा था और इस शोरगुल की आवाज सीधे सरकार तक पहुंची थी. वहीं अब टमाटर के दाम तेजी से घटते हुए 20 रुपए प्रतिकिलो के स्तर पर आ गए है और एक तरह से टमाटर की विक्री मिट्टी मोल दाम पर हो रही है. लेकिन अब इस पर कोई भी कुछ भी कहने के लिए तैयार नहीं है. जिसकी वजह से टमाटर उत्पादक किसानों में चिंता की लहर व्याप्त है.
बता दें कि, इस समय यद्यपि आम उपभोक्ताओं को फुटकर बाजार में 20 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर टमाटर मिल रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि, किसानों से केवल 5 रुपए प्रतिकिलो के दाम पर टमाटर की खरीदी होती है और अडत व कमिशन के साथ ही होलसेल व्यापारियों का फायदा निकालते हुए ग्राहकों को 20 रुपए किलो के दाम पर टमाटर मिलता है. महज 5 रुपए प्रतिकिलो का दाम मिलने की वजह से किसानों का उत्पादन खर्च भी नहीं निकलता जिसके चलते किसानों में जबर्दस्त नाराजगी है. ज्ञात रहे कि, टमाटर यह नाशवंतर सब्जी है, जिसे ज्यादा समय तक स्टॉक करके नहीं रखा जा सकता और टमाटर का स्टॉक करने की कोई सुविधा भी नहीं है. जिसके चलते किसानों के पास टमाटर की विक्री करने के अलावा अन्य कोई पर्याय भी नहीं है. इस बात का बाजार द्बारा हमेशा ही फायदा उठाया जाता है.
* किसानों से हो रही 5-10 रुपए में खरीदी
इस समय बाजार में एक ही समय पर बडे पैमाने पर बिक्री हेतु टमाटर आ जाने की वजह से आवक बढ गई और दाम घट गए. जिसके चलते महज 5 से 10 रुपए के मिट्टी मोल दाम में किसानों से टमाटर खरीदा जा रहा है.
* किसानों का लागत खर्च भी नहीं निकलता
जिले में बेहद चुनिंदा किसान ही टमाटर की फसल लेते है. जिसके चलते अन्य जिलों से होने वाली टमाटर की आवक पर सबकुछ निर्भर करता है. आवक बढ जाने के चलते टमाटर के दाम घट जाने की वजह से जिले के टमाटर उत्पादक किसानों का लागत खर्च भी नहीं निकल पा रहा.
* जिले में कहां से आता है टमाटर?
जिले में टमाटर का उत्पादन बेहद कम होता है और गिने-चुने किसान ही टमाटर की थोडी बहुत बुआई करते है. टमाटर की बजाय अन्य साग-सब्जियों को उगाने पर जिले के किसानों का ज्यादा जोर है. वहीं अन्य जिलों से अमरावती में टमाटर की आवक थोडी अधिक होती है.

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