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इस दिन को खगोलशास्त्र में ‘इकोनॉक्स’ कहते है
अमरावती/दि.19 – खगोलशास्त्र से जुडी विविध बाते खगोलप्रेमी के साथ सभी सामान्य व्यक्ति को भी आकर्षित करती हैे. दिन बडा, रात छोटी अथवा रात बडी दिन छोटा दक्षिणायण, उत्तरायण, सुपर मून के दर्शन, ऐसी कुछ निर्धारित दिन पर होनेवाली घटना के विशेष आकर्षण जन सामान्य को रहते है. कल 20 मार्च का दिन विशेष है. कारण इस दिन रात और दिन समान रहेंगे. 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात का नागरिक अनुभव ले सकते है.
दिन और रात समान होने का खगोलशास्त्र के अनुसार सूर्य यह शनिवार , 20 मार्च को विषुववृत्त पर पहुंचने से इस दिन पृथ्वी पर 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात रहेगी. इस दिन को खगोलशास्त्र में विषुवदिन यानी इकोनॉक्स कहते है. इस दिन को वसंत समाप्त दिन भी कहते है. औसतन तौर पर यह दिन हर साल 20 से 22 मार्च दौरान रहता है. पृथ्वी की परांचल गति के कारण इस दिन हर साल थोडा अंतर रहता है. इस दिन पृथ्वी के दोनों ध्रुव सूर्य के सामने रहते है. उस समय विषुववृत्त पर दोपहर के समय सूर्य की किरण लंबी रहती है. यानी दोपहर के समय विषुववृत्त पर सूर्य के साथ सिर पर रहती हैे दिन और रात हमेशा ही छोटे-बडे होते है. दिन और रात की यह असमानता पृथ्वी की आशा की किरण के कारण निर्माण होती है. जब कोई भी गोलार्ध सूर्य की ओर अग्रसर नहीं होता , दोनों गोलार्ध सूर्य से समान अंतर पर रहते है.ऐसे दिन संपूर्ण पृथ्वी पर दिन रात समान रहते है. ऐसी जानकारी मराठी विज्ञान परिषद अमरावती के खगोल अभ्यासक गिरूलकर व गुल्हाने ने दी.
पृथ्वी की परांचल गति के कारण अंतर
औसतन यह दिन हर साल 20 से 22 मार्च इस दौरान रहता है. पृथ्वी की परांचल गति के कारण इस दिन हर साल थोडा अंतर रहता है. इस दिन पृथ्वी के दोनों ध्रुव सूर्य के सामने रहते है.उस समय विषुववृत्त पर दोपहर के समय सूर्य की किरण लंबी पडती है. यानी दोपहर के समय विषुववृत्त पर सूर्य सिर पर रहता है.
खगोल प्रेमी ले अनुभव
सभी खगोलप्रेमी जिज्ञासुओं को 20 मार्च को समान दिन व रात्रि का प्रत्यक्ष अनुभव लेना चाहिए. इस दिन व रात का समय मापन करे. ऐसा आवाहन मराठी विज्ञान परिषद के हौशी खगोल अभ्यासक विजय गिरूलकर व प्रवीण गुल्हाने ने किया है.