कल सूर्य मकर राशि में करेगा प्रवेश!
14 जनवरी को भूगोल दिवस; खगोलशास्त्रीय दृष्टि से महत्वपूर्ण दिन
अमरावती/दि.13 – सूर्य का उत्तरायण शुक्रवार 14 जनवरी से शुरु होगा. इस दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेगा. हिंदू मान्यतानुसार इस दिन का विशेष महत्व होने के साथ मकर संक्रांति मनाई जाती है. सूर्य किरण पृथ्वी पर लंबी पड़ने की शुरुआत होती है. बावजूद इसके महाराष्ट्र के भूगोल महर्षी स्व. डॉ. सी.डी. देशपांडे का 14 जनवरी को जन्मदिन यह महाराष्ट्र में भूगोल दिन के रुप में मनाया जाने लगा. यह जानकारी खगोल अभ्यासक विजय गिरुलकर ने दी.
भूगोल पृथ्वी गोल का अभ्यास करने वाला शास्त्र तो खगोल आकाशस्थ गोल का अभ्यास करने वाला शास्त्र है. पृथ्वी भी के आकाशस्थ गोल है. पृथ्वी की निर्मिती यह मूल रुप से आकाश के अन्य गोले के साथ हुई है. इसलिए भूगोल एवं खगोल यह दोनों शास्त्र एक-दूसरे के पूरक शास्त्र हैं. इरॅस्टोस्थेनिस इस शास्त्रज्ञ ने सर्वप्रथम भूगोल शब्द का इस्तेमाल किया. इसलिए इस शास्त्रज्ञ को भूगोल का जन्मदाता कहा जाता है.
सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना यानि संक्रमण है. 14 जनवरी के दिन सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है. सूर्य के मकर राशि के संक्रमण को मकर संक्रांति कहा जाता है. सूर्य के भासमान भ्रमण में सूर्य किरण मकर वृत्त पर 22 दिसंबर को लंबे रुप से पड़ती है व सूर्य का दक्षिणायन संपूर्ण उत्तरायण शुरु होता है. फिर भी तारका समूह का विचार करने पर सूर्य 14 जनवरी को मकर तारका समूह यानि मकर राशि में प्रवेश करता है. इसलिए खगोल शास्त्रीय दृष्टिकोण से यह दिन महत्वपूर्ण होता है.
भारतीय पंचांग में आकाश के तारका समूह का विचार करते हुए राशि का आरंभ स्थान माना है. रेवती नक्षत्र के आयनिक वृत्त पर के झिटापिशियम इस तारे को आरंभ मानकर उसके पूर्व की तरफ आयनिक वृत्त के 30-30 अंश के 12 भाग किए. प्रत्येक भाग के ठोस तारक को ध्यान में रखते हुए तारकों को रख तैयार होने वाली आकृति के नाम उस-उस भाग को दिये गए. जिसके अनुसार सूर्य मेष राशि में 14 अप्रैल को प्रवेश करता है तो 16 जुलाई को कर्क राशि में एवं 14 जनवरी को मकर राशि में प्रवेश करता है.
- विश्व में भूगोल विषय का महत्व बढ़ रहा है. प्रात्यक्षिक रुप में भूगोल यदि सिखाया गया तो विद्यार्थियों में भूगोल विषय के प्रति रुचि निर्माण होगी. विश्व तापमान बढ़ेगा, बदलता हवामान, पर्यावरण का र्हास, बदली, भूकंप आदिद आव्हान के कारण निर्माण होने वाली समस्याओं का निराकरण करने की क्षमता भूगोल शास्त्र में है. यह जानकारी मराठी विज्ञान परिषद, अमरावती विभाग के अध्यक्ष प्रवीण गुल्हाने व हौशी खगोल अभ्यासक विजय गिरुलकर ने दी.