अमरावती

कल जमकर होगी मटन-मच्छी और चिकन की बिक्री

मांस-मटन व मच्छी बिक्रेता हैं उत्साह से भरे हुए

  • इस बार मांसाहार पर रहेगा थोडा महंगाई का साया

अमरावती/दि.17 – होली के पर्व पर मांसाहार करने के शौकीन लोगों द्वारा बडे पैमाने पर मटन-मच्छी व चिकन का सेवन किया जाता है. ऐसे में इन सभी मांसाहारी पदार्थों की बिक्री धुलिवंदन वाले दिन काफी जमकर होती है. चूंकि विगत दो वर्षों से होली के पर्व पर कोविड की महामारी का साया मंडराता रहा. ऐसे में इस बार लोगबाग जमकर होली मनाने के मूड में है. अत: इस वर्ष होली के पर्व पर चिकन-मटन व मछली की काफी अधिक बिक्री होने का पूरा अनुमान है. इस बात के मद्देनजर मांस-मटन के बिक्रेताओं द्वारा अपनी ओर से तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई है. साथ ही दो वर्ष पश्चात सभी मांस-मटन विक्रेता उत्साह से भरे हुए दिखाई दे रहे है. इन विक्रेताओं को उम्मीद है कि, दो वर्ष के अंतराल पश्चात इस बार होली के पर्व पर उनका अच्छा-खासा व्यवसाय होगा. हालांकि इस वर्ष मांस-मटन व मच्छी के दामों पर कुछ हद तक महंगाई का असर देखा जा रहा है. किंतु होली मनाने के उत्साह के सामने यह असर फिका साबित हो रहा है.
स्थानीय बाजारों में इस समय गावरानी मूर्गियों की अच्छी-खासी मांग है और अधिकांश चिकन सेंटरों में गावरानी मूर्गी का शॉर्टेज हो गया है. इसके अलावा बॉयलर, हैैद्राबादी कॉकरेल, हैद्राबादी लियर और कडकनाथ मूर्गियों की भी अच्छी-खासी बिक्री हो रही है. जिससे कल और भी अधिक बिक्री होने की पूरी उम्मीद है.
इसके अलावा बाजार में बकरे के मटन की भी इस समय अच्छी-खासी मांग देखी जा रही है. इस समय मटन 650 से 700 रूपये प्रति किलो की दर पर बिक रहा है. बता दें कि, चिकन की तुलना में मटन खाने के शौकीनों की संख्या काफी अधिक है. ऐसे में सभी मटन शॉप पर कल धुलिवंदनवाले दिन जबर्दस्त भीडभाड का नजारा रहेगा और चिकन के साथ-साथ मटन की भी जमकर बिक्री होगी.
इसके अलावा शहर में मछली खाने के शौकीनों की भी अच्छी-खासी संख्या है. इस बात के मद्देनजर स्थानीय मछली मार्केट में अलग-अलग प्रजातियों की मछलिया बिक्री हेतु उपलब्ध करायी गई है. जिनमें मरल, पापलेट, सूरमयी, फरास, बागडा, सिंघाडा, कतला, रहु, पलन, छोटा रहु, नदीवाली बाम और समुद्री बाम जैसी मछलियों का समावेश है. स्थानीय मछली मार्केट में अप्पर वर्धा बांध से मिठे पानीवाली मछलियों के साथ-साथ मुंबई से समुद्री खारे पानीवाली मछलियां बिक्री हेतु लायी जाती है. जिसमें से समुद्री मछलियों को ग्राहकों द्वारा खासा पसंद किया जाता है. इन सभी के साथ ही इस समय बाजार में अंडों की भी काफी हद तक मांग देखी जा रही है. हालांकि यह विगत कुछ अरसे की तुलना में थोडी कम है. बता दें कि, कोविड संक्रमण काल के दौरान रोग प्रतिकारक क्षमता बढाने के लिए लोगबाग बडे पैमाने पर अंडे का सेवन करने लगे थे. किंतु जैसे-जैसे संक्रमण का असर कम होने लगा, वैसे-वैसे अंडों की मांग में भी कमी आने लगी. जिसके चलते अंडों के दामों में भी थोडी गिरावट देखी गई. इस समय थोक बाजार में अंडे प्रति सैंकडा 400 रूपये और प्रति ट्रे (30 नग) 120 रूपये की दर पर बिक रहे है. साथ ही इस समय रोजाना करीब 2 लाख नग अंडों की बिक्री हो रही है.

चिकन के दाम (रूपये किलो)

गावरानी मूर्गी (जिंदा) – 460
बायलर मूर्गी (जिंदा) – 240
कॉकरेल (हैद्राबादी) – 300
लियर (हैद्राबादी) – 200
कडकनाथ (आंध्रा) – 360

मछली के दाम (रूपये किलो)

मरल – 500
पॉपलेट – 800
सूरमई – 600
फरास – 600
बागडा – 300
सिंघाडा – 400
कतला – 360
रहु – 320
छोटा रहु – 200
पलन – 240
नदीवाला बाम – 400
समुद्री बाम – 300

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