* किसान शासकीय केंद्रों की बजाए खुले बाजार को दे रहे प्राथमिकता
अमरावती/ दि.23 – नाफेड व्दारा शासकीय खरीदी केंद्रों पर कृषि माल की खरीदी की जा रही है. किंतु नाफेड की किचकट प्रक्रिया व देरी से दिए जाने वाले दाम की वजह से किसान खुले बाजारों में कृषि फसल को बेंचना पंसद कर रहे है. जिला मार्केटिंग व्दारा नऊ केंद्रों पर अब तक केवल 23 किसानों ने ही अपनी तुअर की फसल बेची है. समर्थन मूल्य की तुलना में खुले बाजारों में 200 से 250 रुपए अधिक दाम दिए जा रहे है. कपास की तरह तुअर को भी बढते दाम मिलेंगे ऐसी आशा किसानों की है. नाफेड में केवल 2991 किसानों ने ही पंजीयन करवाया है.
खरीफ सीजन में देरी से आनेवाली तुअर को इस साल 6 हजार 300 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य दिया जा रहा है. जिसके लिए किसानों को अनेको प्रक्रियाओं से गुजरना पडता है और पेमेंट भी देरी से मिलता है जिससे किसान खुले बाजारों में अपनी फसल को बेचना पंसद कर रहे है. मंगलवार को स्थानीय कृषि उपज मंडी में 6 हजार 552 बोरो की आवक दर्ज की गई और 5800 से 6535 रुपए प्रतिक्विंटल के दाम दिए गए. जिला मार्केटिंग व्दारा जिले के नऊ स्थानों पर शासकीय केंद्र शुरु किए गए है. जिसमें चांदूर रेल्वे के केंद्र पर सर्वाधिक 977 किसानों ने पंजीयन करवाया. जिसमें से 11 किसानों ने 167 क्विंटल तुअर की बिक्री की. दर्यापुर में एक किसान ने 11 व नांदगांव खंडेश्वर केंद्र पर तीन किसानों ने 28 क्विंटल, तिवसा केंद्र पर आठ किसानों ने 140 क्विंटल तुअर की बिक्री की.