अमरावती/दि.11– बरसात में संभाव्य बाढ की स्थिति, आंधी-तुफान, बिजली गिरना, अतिवृष्टी जैसी स्थिति में मनुष्य व वित्त हानी की घटनाएं घटती है. ऐसे में सभी प्रकार की नैसर्गिक विपदाओं का सामना करने के लिए जिला आपत्ति व्यवस्थापन व विविध विभाग की प्रशासकीय यंत्रणा तत्पर है. जिलाधीश कार्यालय में आपदा निवारण के लिए नियंत्रण कक्ष खोला गया है. जिले में कहीं पर भी नैसर्गिक या मानव निर्मित आपत्ति घटती है, तो जिला आपदा निवारण कक्ष तुरंत हरकत में आकर मौके पर बचाव कार्य शुरु करेंगा. जिसके लिए आपदा निवारण कक्ष के अधिकारी कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर मॉकड्रील कराये गये है, ऐसी जानकारी जिला प्रशासन द्बारा दी गई.
जिले में अमरावती समेत तिवसा, भातकुली, चांदूर रेल्वे, धारणी, दर्यापुर, अचलपुर में आपत्ती व्यवस्थापन प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसके तहत अमरावती व चांदूर रेल्वे के तालाब में बाढ स्थिति को लेकर मॉकड्रील लिया गया है. जिला आपदा निवारण दल के लिए पुलिस अधिक्षक, पुलिस आयुक्त, राज्य राखीव, पुलिस के वाहन, लाईट वैन का अधिग्रहण किया गया है. महाविद्यालय स्तर पर भी आपदा निवारण के प्रशिक्षण दिये गये है. बाढ जैसी स्थिति में काम करने के लिए लोगों के प्राण बचाने का प्रशिक्षण कर्मचारियों को दिया गया है. जिले में आपदा प्रबंधन के मदद कार्यों के लिए 47 लाख 38 हजार रुपए का निधि प्राप्त है. आंधी-तुफान का प्रबंधन, घायलों को मदद, मृत व्यक्तियों के परिजनों को सहाय्य, मदद केंद्रों में निवास की व्यवस्था, अनाज, दवाईयां, घरों की दुरुस्ती, पशुधन के लिए किसानों की मदद आदि पर यह निधि खर्च किया जाएंगा.