शहर में हर ओर ट्रैफिक जाम
यातायात सुचारु करने की बजाय चालान पर पुलिस का ज्यादा ध्यान
* भीडभाड वाले चौराहे छोडकर ‘सामट’ में ट्रैफिक सिपाही निभाते है ड्यूटी
* गांधी चौक, गर्ल्स हाईस्कूल चौक, पंचवटी, राजकमल, श्याम चौक व गदे्र चौक में अक्सर लगता है ट्रैफिक जाम
अमरावती/दि.24– शहर में इन दिनों सडकों पर ट्रैफिक की अवस्था व व्यवस्था काफी दयनीय हो चली है. क्योंकि कई चौराहों से होकर गुजरते समय वाहन चालकों को मानो तार पर चढने वाली कसरत करनी पडती है. ऐसे समय यातायात पुलिस कर्मियों द्वारा चौराहों एवं भीडभाड वाले स्थानों पर खडे रहते हुए यातायात का नियमन करना जरुरी होता है. परंतु कुछ चौराहों के अपवाद को छोडकर यातायात पुलिस भीडभाड नहीं रहने वाले रास्तों पर वाहनों चालकों को रुकवाते हुए उनसे दंड वसूल करने की ‘ड्यूटी’ को निभाते दिखाई देते है. जिसके चलते सर्वसामान्य वाहन चालकों को काफी मनस्थाप का सामना करना पडता है. इसके साथ ही यातायात शाखा की पेट्रोलिंग पार्टी वाले पुलिस कर्मी भी भीडभाड वाले स्थानों की बजाय ‘कहीं और’ ही ड्यूटी निभाते दिखाई देते है.
उल्लेखनीय है कि, विगत कुछ समय से वाहनों की संख्या लगातार बढती जा रही है. जिसके चलते अब शहर में सडकों पर वाहनों की अच्छी खासी भीडभाड होने वाली है. ऐसे में शहर में यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने हेतु यातायात पुलिस शाखा के पूर्व व पश्चिम विभाग में 6 अधिकारी व 124 कर्मचारी ऐसे कुल 123 पुलिस वालों की नियुक्ति की गई है. लेकिन इसके बावजूद भी शहर में बार-बार ट्रैफिक जाम वाली स्थिति बनती दिखाई देती है. ट्रैफिक जाम को दूर करने और शहर की सडकों पर यातायात व वाहनों की आवाजाही को सुचारु रखने हेतु यातायात विभाग की पश्चिम शाखा ने 6 से 7 तथा पूर्व शाखा ने 4 से 5 पेट्रोलिंग पार्टी तैयार की है. परंतु इन 12-13 पेट्रोलिंग पार्टी में शामिल रहने वाले पुलिस कर्मचारी ट्रैफिक जाम रहने वाले स्थानों पर कम तथा भीडभाड नहीं रहने वाले स्थानों पर अधिक दिखाई देते है. विशेष यह है कि, पेट्रोलिंग पार्टी में काम करने वाले पुलिस कर्मियों को रोजाना ही दंड और चालान का टार्गेट भी दिया जाता है. ऐसी चर्चा खुद पुलिस महकमें में ही चल रही है.
* यातायात व्यवस्था की होगी समीक्षा
शहर में यातायात व्यवस्था को लेकर जल्द ही समीक्षा की जाएगी तथा इसे लेकर यातायात पुलिस विभाग के अधिकारियों से आवश्यक जानकारी लेते हुए शहर में यातायात को सुचारु रखने हेतु प्रभावी कदम उठाये जाएंगे.
– नवीनचंद्र रेड्डी,
शहर पुलिस आयुक्त
* शहर में इन स्थानों पर पक्का दिखाई देते है ट्रैफिक पुलिस
– इर्विन चौक
इर्विन चौक पर अक्सर एक अथवा दो ट्रैफिक सिपाहियों की नियुक्ति रहती है. परंतु इर्वि चौक से करीब 100 मीटर आगे मर्च्यूरी टी-प्वॉईंट रोजाना शाम 4 से 7 बजे तक 4-5 पुलिस कर्मियों का जमघट खडा रहता है, जो रेल्वे स्टेशन व इर्विन चौक की ओर से आने वाले वाहनों पर लगभग झपट्टा मारते हुए उन्हें रुकवाते है तथा उनसे दंड व चालान की रकम वसूल करते है.
– गर्ल्स हाईस्कूल चौक
कैम्प परिसर में गर्ल्स हाईस्कूल चौक पर सिग्नल बंद रहने पर वाहनों की जबर्दस्त भीड रहती है. जहां पर एक या दो पुलिस कर्मी यातायात के नियमन हेतु सुबह व शाम की ड्यूटी में नियुक्त रहते है, जो अमुमन दयासागर अस्पताल के पास खडे अपने दुपहिया वाहनों पर बैठकर मोबाइल देखने में मगन रहते है. वहीं इस चौक से 100 मीटर आगे पंचवटी चौक की ओर जाने वाली सडक पर 3 से 4 ट्रैफिक पुलिस सिपाही खडे रहकर बेहद सतर्क व चौकस रहते हुए अपनी ‘ड्यूटी’ निभाते है. ऐसे में भले ही गर्ल्स हाईस्कूल चौक पर कितनी ही भीडभाड क्यों ना हो, परंतु गर्ल्स हाईस्कूल चौक से पंचवटी की ओर जाने वाले रास्ते पर यातायात ‘सुचारु’ रहता है.
– पंचवटी चौक
हमेशा ही भीडभाड से भरे रहने वाले पंचवटी चौक पर अक्सर ही ट्रैफिक जाम वाली स्थिति बनती है. जहां पर यातायात को सुचारु करने हेतु महज दो पुलिस कर्मी नियुक्त रहते है. वहीं इस चौक से 200 मीटर आगे अथवा वेलकम प्वॉईंट से होटल गौरी इन के बीच 3 से 4 यातायात पुलिस सिपाही हाईवे से होते हुए शहर में आने वाले वाहनों को रोकने व उनके दस्तावेज जांचने का काम करते है. साथ ही साथ शहर से बाहर भीडभाड नहीं रहने वाले स्थान पर अपनी ड्यूटी को बडी मुस्तैदी के साथ निभाते है.
– शेगांव नाका चौक
दो बडे महाविद्यालयों सहित निजी कोचिंग क्लासेस व व्यापारी संकुलों से व्याप्त रहने वाले शेगांव नाका चौक पर भी पूरा दिन वाहनों की अच्छी खासी भीडभाड रहती है. जहां पर यातायात को नियंत्रित करने केवल दो पुलिस कर्मियों की तैनाती रहती है. इस चौराहे पर ट्रैफिक सिग्नल का समय बेहद कम रहने के चलते यहां पर सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक तथा शाम 4 से 6 बजे तक अच्छी खासी भीडभाड रहती है और अक्सर ही ट्रैफिक जाम लग जाता है, लेकिन इसे नियंत्रित करने की बजाय यातायात पुलिस के 4 कर्मचारी कठोरा नाका से शासकीय अभियांत्रिकी महाविद्यालय के बीच कहीं खडे रहकर अपनी ‘ड्यूटी’ निभाते है.
– गांधी चौक
शहर के मध्यस्थल में रहने वाले गांधी चौक पर भी रोजाना सुबह 10 से 12 बजे तक और शाम 4 से 6 बजे तक अच्छी खासी भीडभाड वाली स्थिति रहती है. परंतु गांधी चौक पर केवल दो पुलिस कर्मचारी ही तैनात रहते है. वहीं गांधी चौक से 100 मीटर आगे अंबा नाले के निकट गौरक्षण चौक पर खडे रहकर अपनी ड्यूटी निभाते है.
– राजकमल चौक व श्याम चौक
शहर का मध्यस्थल कहे जाते राजकमल चौक व श्याम चौक पर भी पूरा दिन वाहनों की रेलमपेल लगी रहती है. जहां पर पूरा समय ट्रैफिक कंट्रोल किये जाने की जरुरत होती है. लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर सुबह व दोपहर के समय दो सत्रों में यातयात पुलिस सिपाहियों की नियुक्ति की जाती है, जो पूरा समय किसी एक स्थान पर खडे रहकर अपने कर्तव्य की खानापूर्ति करते दिखाई देते है. उडानपुल के नीचे राजलक्ष्मी टॉकीज के सामने बने ट्रैफिक बूथ के पास ही पूरा समय खडे रहने वाले ट्रैफिक सिपाहियों का इस बात से कोई लेना-देना नहीं रहता कि, चौराहे पर दूसरी ओर क्या हो रहा है जिसके चलते कई वाहन चालक रेड सिग्नल को जम्प करते हुए निकल जाते है. इसकी वजह से राजकमल चौक पर कभी भी कोई हादसा घटित होने की संभावना भी बनी रहती है. इसी तरह आकार में तिरछा रहने वाले श्याम चौक पर भी अक्सर ही ट्रैफिक जाम वाली स्थिति बनी रहती है. जहां पर यदा-कदा ही ट्रैफिक सिपाही दिखाई देते है.
– गदे्र चौक (राजापेठ)
राजापेठ परिसर स्थित गद्रे चौक पर भी हमेशा वाहनों की आवाजाही काफी हद तक अस्त-व्यस्त रहती है. यह चौराहा भी कुछ हद तक तिरछा और अंग्रेजी के अक्षर एक्स की तरह है और यहां पर ट्रैफिक सिग्नल की भी कोई व्यवस्था नहीं है. लेकिन इसके बावजूद भी यहां पर ट्रैफिक सिपाहियों की मौजूदगी लगभग नहीं के बराबर होती है. विशेष उल्लेखनीय है कि, गद्रे चौक पर ही राज्य परिवहन निगम का डिपो स्थित है. जहां से अकोला व यवतमाल की ओर जाने वाली एसटी बसें छूटती है. इसके अलावा गद्रे चौक से ही उडानपुल के नीचे से अकोला, यवतमाल व वाशिम की ओर जाने वाली निजी मिनी बसों का अड्डा भी बना हुआ है, जो चौराहें पर सडक किनारे ही खडे रहकर यात्रियों को भरती है. ऐसे में इस चौराहें पर हमेशा ही अच्छी खासी भीडभाड वाली स्थिति बनी रहती है.