इर्विन से लापता हुआ रेल हादसे का घायल
उडिसा से रिश्तेदार पहुंचे अमरावती, तलाश शुरु
* कोतवाली में घायल की गुमशुदगी को लेकर शिकायत
अमरावती/दि.13– विगत 29 जुलाई को बडनेरा रेल्वे स्टेशन परिसर में रेलगाडी की टक्कर से घायल हुए एक व्यक्ति को इलाज के लिए जिला सामान्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परंतु बुधराम तानटी जयासन (40, उडिसा) नामक यह घायल व्यक्ति अब अस्पताल से लापता हो गया है. यह बात कल बुधवार 12 अगस्त को उजागर हुई. इस घायल व्यक्ति के रिश्तेदार हादसे की जानकारी मिलने के बाद उडिसा से अमरावती आ चुके है और अपने रिश्तेदार की तलाश भी कर रहे है. परंतु अब तक उसका कही कोई अता पता नहीं चल पाया है. साथ ही उन रिश्तेदारों को जिला सामान्य अस्पताल से भी कोई जानकारी मिल रही है. ऐसे में बुधराम के रिश्तेदारों ने बीती शाम सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर बुधराम की गुमशुदगी को लेकर शिकायत दर्ज कराई.
इस संदर्भ में मिली जानकारी के मुताबिक 29 जुलाई को बुधराम के साथ बडनेरा रेल्वे स्टेशन पर हुए हादसे की जानकारी मिलते ही बुधराम के रिश्तेदार उडिसा से निकलकर अमरावती पहुंचे थे और जिला सामान्य अस्पताल में पहुंचकर उन्होंने बुधराम के बारे में पूछताछ करनी शुरु की, लेकिन जिला सामान्य अस्पताल के आंतररुग्ण विभाग तथा अस्पताल की पुलिस चौकी से उन लोगों को बुधराम के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली. ऐसे में कल 12 अगस्त को बुधराम के रिश्तेदारों को किसी ने कुछ स्थानीय समाजसेवकों के मोबाइल नंबर भी है. जिनसे संपर्क करने के बाद यह मामला उजागर हुआ. पता चला कि, 29 जुलाई को बडनेरा रेल्वे के पुलिस कर्मी नीलेश मोरे ने बुधराम को घायल अवस्था में जिला सामान्य अस्पताल लाकर भर्ती कराया था. जिसके बाद पुलिस का दल बडनेरा के लिए रवाना हो गया. वहीं दूसरी ओर जिला सामान्य अस्पताल में घायल व्यक्ति पर किसी ने भी कोई ध्यान नहीं दिया. ऐसे में बुधराम यहां से कब व कैसे चला गया, इसकी किसी के पास कोई जानकारी नहीं है.
* मरीज पर ध्यान देने का जिम्मा किसका?
जिला सामान्य अस्पताल में रोजाना ही सैकडों गरीब व सर्वसामान्य नागरिक विविध बीमारियों के इलाज हेतु भर्ती होते है. परंतु उनके स्वास्थ्य और इलाज की ओर कोई विशेष ध्यान नहीं दिया जाता. जिसके चलते कई बार मरीज इलाज को बीच में ही अधूरा छोडकर अस्पताल से अपने घर चले जाते है. ऐसी स्थिति में अस्पताल प्रशासन द्वारा एक मेमो तैयार कर जिला सामान्य अस्पताल में स्थित पुलिस चौकी को दिया जाता है और इस पुलिस चौकी से इसकी जानकारी पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी जाती है. लेकिन इसके बावजूद भी अस्पताल से बीच में ही इलाज अधूरा छोडकर जा चुके मरीजों की कोई खोजबीन नहीं की जाती. हालांकि मानवी संवेदना एवं सरकारी अस्पताल के स्तर पर यहां इलाज करवाने वाले मरीजों पर ध्यान रखने की प्राथमिक जिम्मेदारी अस्पताल प्रशासन की होती है. अस्पताल के सभी वार्डों में डॉक्टर, नर्स, वार्ड ब्वॉय व सुरक्षा रक्षक भी तैनात होते है. लेकिन इसके बावजूद भी मरीजों पर ध्यान देने हेतु कोई भी तैयार नहीं होता.
* दिनेश बूब ने दिया आसरा
उडिसा में रहने वाले परिवार का अमरावती में कोई भी नहीं है. ऐसी स्थिति में वे अपने परिवार के एक सदस्य की खोजबीन करते हुए दर-दर भटक रहे थे. इसकी जानकारी मिलते ही पूर्व पार्षद व न्यू आजाद गणेशोत्सव मंडल के अध्यक्ष दिनेश बूब ने अपने मंडल के पंडाल में इस परिवार के सदस्यों के रहने व भोजन की नि:शुल्क व्यवस्था करवाई. साथ ही कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं के जरिए इस परिवार ने सिटी कोतवाली पुलिस थाने पहुंचकर अस्पताल से लापता हुए बुधराम जयासन की गुमशुदगी को लेकर अपनी शिकायत दर्ज करवाई. साथ ही अमरावतीवासियों से बुधराम जयासन के बारे में कोई भी जानकारी रहने पर सिटी तुरंत ही सिटी कोतवाली पुलिस थाने से संपर्क करने का आवाहन भी किया.