लेट होने पर छूटी ट्रेन, अब यात्री को दें मुआवजा
रेल विभाग के खिलाफ सवा 3 वर्षो बाद यात्री ने जीता केस
* ग्राहक मंच का आदेश
* दक्षिण एक्सप्रेस समय पर 10.30 बजे छूट गई
अमरावती/दि.02– स्थानीय ग्राहक शिकायत निवारण आयोग ने रेल विभाग की लापरवाही से यात्री को हुई असुविधा के मामले में करीब सवा 3 साल बाद अपना फैसला सुनाते हुए हाल ही में विभागीय रेल व्यवस्थापक भुसावल को 15 हजार रूपए का मुआवजादेने का आदेश दिया है. शिकायतकर्ता अपने परिवार के साथ बडनेर- नरखेड मेमू पैसंजर से नरखेड के लिए सफर करने के दौरान यह टे्रन अपने निर्धारित समय से करीब 2.30 घंटा लेट पहुंची. जिसके चलते वे नरखेड से विदिशा के लिए ट्रेन नहीं पकड सके और तीन महीने पहले आरक्षित की गई टिकिटें व्यर्थ हो गई.
* विलंब से होनेवाला नुकसान ग्राहक हित में नहीं
जिला ग्राहक शिकायत निवारण आयोग के अध्यक्ष श्रीपाद कुलकर्णी, सदस्य मिलिंद केदार और अमृता वैद्य इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि, शिकायतर्का विरोधी पक्ष का ग्राहक है. जिसकी लापरवाही से ग्राहक को असुविधा हुई है. आयोग ने फैसले में कहा कि, विरोधीपक्ष ने अपने शपथपत्र में ट्रेन लेट होने के साथ पूरे घटनाक्रम में पुष्टि की है, लेकिन ट्रेन के लेट होने का कारण स्पष्ट नहीं किया. रेलवे विभाग का ऐसा कहना की ट्रेन का समय पर संचालन उनकी जिम्मेदारी नहीं है. यह बात ग्राहकों के हित में नहीं. अब डीआरएम, भुसावल को 15 हजार रूपए की नुकसान भरपाई 45 दिन के भीतर करनी होगी.ऐसा नहीं करने पर मूल राशि पर 6 प्रतिशत का ब्याज भी चुकाना होगा.
* 1 मिनट का स्टॉप पर 2.30 घंटे रूकी ट्रेन
शिकायतकर्ता स्थानीय श्रीराम कॉलनी, अकोली रोड निवासी 57 वर्षीय नीतेंद्र कुंवरचंद जैन सहकारी विभाग में लिपिक है.जो अपने परिवार के साथ 16 मार्च 2020 को घर समीपस्थ नया अमरावती (अकोली रोड) रेलवे स्टेशन से सुबह 5.45 बजे बडनेरा- नरखेड मेमू पैसेंजर ट्रेन से नरखेड के लिए रवाना हुए थे. ट्रेन में 6.29 को चांदुर बाजार स्टेशन पर पहुंची. वैसे तो यहां ट्रेन का स्टॉप केवल 1 मिनिट का ही है, लेकिन ट्रेन करीब 2.30 घंटे तक यहां बेवजह रूकी रही और बाद में 9 बजे रवाना हुई.
* तीन साल बाद मिला न्याय
यही बडनेरा-नरखेड सुुबह 10 बजकर 45 मिनट पर नरखेड स्टेशन पहुंची. जबकि हजरत निजामुद्दीन से हैदराबाद के बीच चलनेवाली दक्षिण एक्सप्रेस ट्रेन अपने निर्धारित समय से सुबह 10.30 बजे ही रवाना हुो गई थी. ऐसेे में नीतेंद्र जैन को मजबूरन विदिशा तक जाने के लिए तत्काल में दूसरी ट्रेन में आरक्षण करवाना पडा. उनको हुई इस शारीरिक, मानसिक और आर्थिक असुविधा की शिकायत करते हुए ग्राहक मंच में 5 नवंबर 2020 को अपनी केस दाखिल की थी. न्यायपीठ के समक्ष अधिवक्ता प्रवीण जैन ने उनका पक्ष रखा. जिस पर ग्राहक मंच ने 18 मार्च को अपना अंतिम आदेश दिया.