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चालकों का प्रशिक्षण रोकेगा हादसे – गडकरी

मेलघाट में भी देंगे ऐसे सेंटर, बढेगा रोजगार अवसर

* केंद्र से ट्रेनिंग अनिवार्य करने पर विचार
* सिपना के आरडीटीसी का भव्य लोकार्पण
अमरावती/दि.30- देश में जितनी युध्द अथवा कोरोना में जानें नहीं गई, उससे अधिक जानमाल का लॉस सडक दुर्घटनाओं में हो रहा है. देश में प्रति वर्ष पांच लाख दुर्घटनाएं होती है. जिसमें डेढ लाख लोग प्राण गंवाते हैं. इनमें 18 से 34 वर्ष आयु के युवा जिनमें डॉक्टर्स, इंजिनियर्स का समावेश है. इसलिए सडक दुर्घटनाएं रोकने के लिए जहां अच्छे इन्फ्रास्ट्रक्चर्स की आवश्यकता है वहीं बेहतर प्रशिक्षित चालक की भी आवश्यकता है. तकनीकी प्रशिक्षण केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त चालक आज की आवश्यकता हैं. इसलिए ऐसे प्रादेशिक चालक प्रशिक्षण केंद्र से ट्रेनिंग अनिवार्य करने की अनुशंसा (सिफारिश) करते हैं. इस पर विचार होना ही चाहिए. चालक बनकर रोजगार प्राप्त किया जा सकता है. अतः मेलघाट जैसे क्षेत्र में ऐसे चालक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के निर्देश केंद्रीय सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने दिए. वे आज दोपहर कुर्‍हा रोड स्थित सिपना संस्था के प्रादेशिक चालक प्रशिक्षण केंद्र का लोकार्पण कर रहे थे. मंच पर सांसद डॉ. अनिल बोंडे और प्रदेश के परिवहन आयुक्त विवेक भीमनवार, संस्थाध्यक्ष जगदीश गुप्ता विराजमान थे. उसी प्रकार कार्यक्रम में पुलिस महानिरीक्षक राम पोकले, सीपी नवीनचंद्र रेड्डी, आरटीओ उर्मिला पवार और ट्रेनिंग हेड उदय सूर्यवंशी भी प्रमुखता से उपस्थित थे.
22 लाख चालकों की जरुरत
नितिन गडकरी ने कहा कि देश में अधो संरचना विकास के साथ वाहनों की गति बढी है. किंतु प्रशिक्षित चालकों की आवश्यकता भी बढी है. आज 22 लाख प्रशिक्षित चालकों की आवश्यकता ऑटो इंडस्ट्रीज को है. इतना ही नहीं तो विदेशों में भी भारतीय वाहन चालकों की डिमांड है. इसलिए चालक प्रशिक्षण केंद्र की संख्या बढनी चाहिए. साथ ही गडकरी ने कहा कि चालक के लिए लिखित परीक्षा भी अनिवार्य की जानी चाहिए. ट्रेनिंग गंभीरता से लेने से वह आजीवन उपयोगी रहती है. उन्होंने प्रशिक्षण केंद्र के अध्यक्ष जगदीश गुप्ता को स्क्रैप सेंटर शुरू करने की सलाह दी. फिटनेस सेंटर भी खोलने के लिए कहा. आरटीओ को भी इस बारे मे निर्देश दिए.
केंद्र स्थापना हेतु 3 करोड
केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र के परिवहन आयुक्त को निर्देश दिया कि प्रशिक्षण केंद्र को तेजी से मान्यता दें. केंद्र खुलेंगे तो लोग वाहन चलाने का तकनीकी जानकारी से परिपूर्ण प्रशिक्षण लेंगे, इससे दुर्घटनाओं पर रोक लगेगी. उन्होंने कहा कि जितने चाहे उतने केंद्र खोलने की अनुमती और मान्यता परिवहन विभाग को देनी चाहिए. 500 से अधिक भी ऐसे केंद्र हो गए तो क्या हरकत है? गडकरी ने इसके लिए नीतिगत निर्णय पर बल दिया. उन्होंने कहा कि मेलघाट जैसे भागों में ऐसे चालक प्रशिक्षण केंद्र खोले गए तो इसका दोहरा लाभ है. प्रशिक्षित चालक तैयार होगें और मेलघाट के युवाओं को रोजगार का नया मार्ग खुलेगा. जमीन उपलब्ध कराने पर चालक प्रशिक्षण केंद्र के लिए तीन करोड का फंड शासन से देने का वादा गडकरी ने किया.
विदर्भ को शीघ्र प्लेन जैसी इलेक्ट्रीक बसें
गडकरी ने दावा किया कि शीघ्र ही विदर्भ के अनेक शहरों में इलेक्ट्रिक पर चलने वाली बसेस उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसमें हवाई जहाज की तरह शानदार सीटें और सुविधाएं रहेगी. प्रत्येक सीट पर लैपटॉप की सुविधा रहने के साथ यह बसे डीजल से 30 प्रतिशत कम खर्च पर चलेगी. जिससे यातायात क्षेत्र के बदलाव का पता चलता है.
दो वर्षो में ड्रोन टैक्सी
पहाडी क्षेत्र उतराखंड, हिमाचल और अन्य भागों में ड्रोन बडे काम आ रहा हैं. गडकरी के अनुसार हमारे वैज्ञानिक विशेषकर ऑटो सेक्टर के विशेषज्ञ ड्रोन टैक्सी पर तेजी से काम कर रहे है. दो वर्षो में ड्रोन टैक्सी संभव होने का दावा कर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि चार लोग आसानी से इस टैक्सी में सवार होकर कुछ ही मिनटों में यहां से वहां जा सकेंगे. हिल एरिया में यह टैक्सी बडी उपयोगी रहेगी.

भारी बदलाव हुआ है ऑटो सेक्टर में
नितिन गडकरी ने कहा कि ऑटो मोबाइल क्षेत्र में गत 10 वर्षो में बडा परिवर्तन हुआ है. आज भारत जापान को पीछे छोडकर अमेरिका और चीन के बाद तीसरे नंबर पर ऑटो सेक्टर में आ गया है. देश में सर्वाधिक जीएसटी ऑटो सेक्टर देता है. 7.5 लाख करोड की इंडस्ट्री आज बढकर 22 लाख करोड की हो गई है. 4.5 करोड युवाओं को इस क्षेत्र ने जॉब दी है. इंधन को लेकर भी लगातार प्रगति हो रही है. स्वयं उनके पास हाईड्रोजन पर चलने वाली इनोवा कार है. वे चाहते हैं कि देश से पेट्रोल और डीजल खत्म हो जाए.
सुरक्षा पर जोर
गडकरी ने कहा कि सडक सुरक्षा पर उन्होंने सदैव जोर दिया है. इसीलिए सडकों की डिजाईन भी बदली गई है. साथ ही सडके ऐसी तैयार की जा रही है कि दो बडे शहरों की दूरी घंटो में पूर्ण हो रही है. उन्होंने ऑटो मोबाइल कम्पनियों को निर्देश दिए है जिससे इकोनोमीक मॉडल भी 6 एयर बैग और डीस्क ब्रेक के साथ उपलब्ध है. इलेक्ट्रिक और सीएनजी पर चलने वाले वाहन ट्रक तक दौड रहे है. आने वाले वर्षो में इनकी संख्या बढना तय है. चावल, गन्ना, बांस अनेक खेतीहर उत्पादों से इथेनॉल तैयार हो रहा है. इथेनॉल का मार्केट 2 लाख करोड का हो गया है. इससे किसानों को भी फायदा होने का दावा केंद्रीय मंत्री गडकरी ने किया. 60 रुपये लीटर के इथेनॉल से वाहन चलाना सभी के लिए उपयोगी हो गया है. इसके डबल फायदे है. प्रदुषण और आवाज कम होती है. साथ ही पैसे की बचत भी.
मैं बहुत प्रयोगधर्मी
गडकरी ने स्वीकार किया कि वे बडे प्रयोगधर्मी हैं. हर समय और संपर्क में आए प्रत्येक क्षेत्र में प्रयोग करते रहते हैं. उनके कुछ प्रयोग असफल भी हो जाते हैं. फिर भी वे एक्सपेरिमेंट से पीछे नहीं हटते. आज उनकी कंपनियों का सालाना टर्न ओवर 48 हजार करोड को पार कर गया हैं.
50 की रफ्तार 80 तक पहुंची
देश के सडक परिवहन मंत्री ने दावा किया कि पहले 1 किमी का खर्च 2 रुपये 25 पैसे था अब दुपहिया से यह खर्च 1 रुपये तक घट गया है. आगे और भी सस्ता होगा. परिवहन खर्च 16 प्रतिशत से घटाकर 9 प्रतिशत तक लाया गया है. प्रदूषण भी कम हुआ है. इथेनॉल के 400 केंद्र कार्यरत है. सीएनजी और पीएनजी के केंद्र लगातार बढ रहे हैं. उन्होंने देश के बडे शहरों को जोडने वाली अनेक परियोजनाओं का उल्लेख कर दावा किया कि घंटो का सफर कुछ घंटो पर लाने में उनके मंत्रालय और विभाग को सफलता मिली है. पहले ट्रक चार दिन में पहुंचता था. अब दो दिनों में माल की डिलेवरी हो रही है. जिससे लोग ट्रकों से अपना माल भेजने पर आकर्षित हुए है.

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