अमरावती

शालाओं में पोषण आहार बनाने व स्वच्छता रखने बाबत दिया जाएगा प्रशिक्षण

पोषण शक्ति निर्माण योजना के 2.46 लाख लाभार्थी

अमरावती/दि.10- हमेशा चर्चा में रहने वाली शालेय पोषण आहार योजना अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के रुप में पहचानी जाती है. इसी योजना में शाला में खाना बनाने के लिए रसाईयां और सहायक मासिक मानधन पर नियुक्त किए जाते हैं. लेकिन ग्रामस्तर पर विद्यार्थियों को दिया जाने वाला पोषण आहार बनाने की जिम्मेदारी दिए गए रसोईए को खाना कैसे बनाना, स्वच्छता कैसे रखना, इस बाबत प्रशिक्षण दिया जाएगा.
प्राथमिक शाला के विद्यार्थियों की पटसंख्या व उपस्थिति का प्रमाण बढ़ाने के लिए और शाला के विद्यार्थियों की अनुपस्थिति रोकने के लिए केंद्र पुरस्कृत शालेय पोषण आहार योजना 15 अगस्त 1995 से राज्य में शुरु की गई है. केंद्र सरकार ने इस योजना का नामकरण प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण कर वर्ष 2021-22 से वर्ष 2025-26 तक पंचवर्षीय प्रारुप को मंजूरी दी है. जिले में 2,288 के पहली से आठवीं के विद्यार्थियों को पोषण शक्ति निर्माण योजना द्वारा पोषण आहार का लाभ कियाजा रहा है. जिले में पहली से पांचवीं के 1 लाख 43 हजार 223 तथा कक्षा 6 वीं से 8 वीं के 1 लाख 3 हजार 233 ऐसे 2 लाख 46 हजार 456 लाभार्थी है. अन्न सुरक्षा कानून के मुताबिक एनालिटिकल टेस्टिंग एंड रिसर्च लैब संस्था द्वारा रसोईए और सहायक को प्रशिक्षण दिया जाने वाला है.

प्रशिक्षण के लिए निजी संस्था से करार
प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत कार्यरत रसोईयां, सहायक को प्रशिक्षण देने के लिए एक निजी संस्था से राज्यस्तर पर करार किया गया है. प्रत्येकी 600 रुपए के मुताबिक प्रशिक्षण पर खर्च संस्था को ही करना पड़ेगा. इसके लिए शासन द्वारा संस्था को निधि दी जाएगी. पोषण आहार कैसे बनाना, स्वच्छता कैसे रखना, आहार का दर्जा कैसा हो आदि बाबत महत्वपूर्ण प्रशिक्षण जिले की 14 तहसीलों में दिया जाएगा.

संस्था पर संपूर्ण जिम्मेदारी
शालेय विद्यार्थियों को अच्छा आहार मिलने के लिए शालेय पोषण आहार रसोईयों को टेस्टिंग एंड रिसर्च लैब की नियुक्ति प्रशिक्षण देने के लिए की गई है.यह प्रशिक्षण अन्न सुरक्षा व मानव कानून के मुताबिक देना है. इस बाबत संस्था पर सभी जिम्मेदारी शासनस्तर से दी गई है.
-अविश्यांत पंडा, वित्त कार्यकारी अधिकारी

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