चिखलदरा/ दि. 7– मेलघाट में रूकनेवाली अनेक एसटी गाडिया व अन्य बस फेरिया बंद होने के कारण आदिवासी बंधुओं को परेशानी का सामना करना पड रहा है. मेलघाट यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है. इस जगह पर यातायात व लेन-देन के साधनों का अभाव है. इसके साथ ही अधिकांश क्षेत्र में पक्के रास्ते भी नहीं बने है. जिसके कारण अदिवासी बंधु आज भी अनेक जगहों पर पैदल यात्रा करते है. अपना देश विविध क्षेत्र में बडी प्रगति करने पर भी मेलघाट के आदिवासी बांधव आज भी परेशानी का सामना कर रहे है. उसमें भी इससे पहले जो वहां रूकनेवाली गाडियां अथवा दुर्गम क्षेत्र में जानेवाली एसटी महामंडल की गाडियां फिलहाल बंद हो गई है. जिसके कारण आदिवासी बंधुओं को पैदल अथवा निजी यातायात पर निर्भर रहना पडता है. निजी यातायात भी आदिवासी बंधुओं से अनाप-शनाप पैसे वसूल करते है. जिसके कारण धारणी व चिखलदरा तहसील के आदिवासी बंधुओं की बडे प्रमाण में लूट होती है. मेलघाट की परतवाडा से खोगडा दो गाडिया इन जगह पर रात को ठहरती थी. इसके साथ ही परतवाडा से माखला यह गाडियां भी बंद है. तथा परतवाडा से काजलडोह धारणी से पाटिया, धारणी से भवररेट्या यह गाडियां भी बंद है. ऐसे अनेक दुर्गम क्षेत्र में जानेवाली गाडिया आज बंद होने के कारण आदिवासी बंधुओं को बडे प्रमाण में असुविधा का सामना करना पड रहा है.
आदिवासी बांधव कार्यालयीन काम अथवा विविध योजना के लिए तहसील में आते है. किंतु उन्हें यात्रा की सुविधा न होने से वे तहसील के बाजार में नहीं जा सकते. शासन व एसटी महामंडल इस बात की दखल ले, ऐसी मांग आदिवासी बंधुओं की ओर से की जा रही है.