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परिवर्तन के साथ कामकाज में पारदर्शिता जरुरी

परिवर्तन पैनल के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार संतोष चंदवानी का कहना

* अमरावती मंडल के साथ साक्षात्कार में मार्केट की अनेक समस्या रखी
* व्यवसायी व ग्राहकों की सुविधा के लिए विविध योजना की दर्शायी तैयारी
अमरावती/दि.6- बिजीलैंड व्यापारी सामाजिक संगठन के दो दिन बाद होने वाले चुनाव में परिवर्तन पैनल से अध्यक्ष पद से चुनाव मैदान में उतरे संतोष चंदवानी का कहना है कि उन्होंने मार्केट में पिछले कुछ वर्षों से चल रही अनियमितता को देखते हुए समय के साथ परिवर्तन और कामकाज में पारदर्शिता लाने के लिए चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. वे संगठन के माध्यम से समस्त व्यवसायी व ग्राहकों की सुविधा के लिए विविध योजना के माध्यम से अनेक काम करने के इच्छुक हैं.
बिजीलैंड संकुल में प्रिंस गारमेंट के संचालक संतोष चंदवानी परिवर्तन पैनल से अध्यक्ष पद के उम्मीदवार हैं. उनके साथ सचिव पद के लिए राजेश मोटवानी और कोषाध्यक्ष पद के लिए परमानंद नानवानी चुनाव मैदान में हैं. तीनों उम्मीदवार संकुल के अपने मतदाताओं से मुलाकात कर मार्केट में विविध समस्याओं का निवारण करने और कामकाज में पारदर्शिता लाने का आश्वासन दे रहे हैं. अमरावती मंडल से संतोष चंदवानी ने बताया कि बिजीलैंड मार्केट का निर्माण वर्ष 2006में हुआ. इस संकुल के निर्माण की संकल्पना स्व. भागचंद बजाज की थी. रेडीमेड कपड़ों का बड़ा मार्केट पहले खत्री कॉम्प्लेक्स में था. वहां छोटी-छोटी दूकानें थी. कपड़ा व्यवसायियों के लिए जगह का अभाव, संपूर्ण मार्केट में गंदगी, मूत्रीघर का अभाव रहने से भागचंद बजाज ने शहर के बाहर कपड़ा मार्केट ले जाने का निर्णय लिया और उन्होंने नागपुर रोड पर इस संकुल का निर्माण किया. इस संकुल में वर्ष 2016 तक कामकाज बराबर चला. लेकिन संतोष चंदवानी के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों से मार्केट के विकास कार्यों पर रोक लग गई. जो समस्या शहर के खत्री मार्केट में थी, वहीं समस्या बिजीलैंड मार्केट में निर्माण होने लगी. मार्केट में चारों तरफ गंदगी का साम्राज्य, शौचालयों में सफाई का अभाव, दूकानों के सामने कचरे के ढेर, बारिश के दिनों में व्यवसायियों में दहशत निर्माण होने लगी. वर्ष 2012 में बारिश के दिनों में बिजीलैंड संकुल में बाढ़ का पानी आने से हुए करोड़ो रुपए के नुकसान के बाद अब तक उपाययोजना न किए जाने से सभी व्यापारी मानसून का आगमन होते ही दहशत में रहते हैं. संतोष चंदवानी के मुताबिक पिछले सात-आठ वर्षों में मार्केट के रखरखाव पर ध्यान नहीं दिया गया. जबकि मेंटनन्स खर्च प्रति माह व्यवसायी समय-समय पर देते आ रहे हैं.
संतोष चंदवानी का यह भी कहना था कि वर्ष 2016 के पूर्व इस संकुल में ए, बी, सी और डी ऐसे चार विंग थे. उस समय मार्केट के मेंटनेन्स और सिक्युरिटी का जो खर्च आता था, वह खर्च पूरा करने के बाद भी प्रति वर्ष संगठन को 20 से 25 लाख रुपए की बचत होती थी. वर्ष 2016 के बाद इस मार्केट का धीरे-धीरे विस्तार होते गया और 4 विंग से बढ़कर मार्केट में 9 विंग का निर्माण हो गया. इस कारण मेंटनेन्स की आवक भी बढ़ गई. लेकिन सुरक्षा के लिए कर्मचारी उतने ही रहने से खर्च पहले जितना ही है. फिर भी संगठन को हर वर्ष घाटा रहना यह समझ से परे है.
संतोष चंदवानी ने आगे बताया कि संपूर्ण राज्य में जितना टैक्स लागू नहीं है, उतना नांदगांव पेठ ग्रामपंचायत टैक्स वसूल करती है. वर्ष 2016 के पूर्व तत्कालीन अध्यक्ष किशन कोटवानी ने सोफिया से करार किया था कि मार्केट में व्यवसायियों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की जाएगी. लेकिन उनके पद से उतरने के बाद निवर्तमान अध्यक्ष ने इसके लिए कोई प्रयास नहीं किए. इस मार्केट में उस समय ग्रामपंचायत में 154 बिजली के पोल लगाने और पानी की पाईपलाइन बिछाने के लिखित आश्वासन दिए थे, लेकिन अभी तक कुछ नहीं हो पाया है और न ही किसी ने कोई प्रयास किए हैं. स्व. भागचंद बजाज के समय संकुल का कामकाज अच्छी तरह चल रहा था. लेकिन बाद में यहां का विकास थम सा गया है.

हमारे पास विकास व सुधार की योजनाएं
संतोष चंदवानी ने कहा कि उनके परिवर्तन पैनल के पास व्यवसायी व यहां आने वाले बाहर के व्यापारी व ग्राहकों के हित में अनेक योजनाएं हैं.इसमें मार्केट की हर दिन साफ सफाई, संपूर्ण मार्केट को पूरी तरह से अतिक्रमण मुक्त करना, मार्केट के हर विंग में स्ट्रीट लाईट के अलावा चौराहे पर हायमास्क लाईट लगाना, दलाल मुक्त मार्केट करना, वर्ष में एक बार व्यापारियों को विदेश दौरे करवाना, हर 6 माह में आमसभा का आयोजन कर आम सदस्यों के सामने आवक-जावक और नफा नुकसान का हिसाब देना, हर विंग से तीन सदस्य विंग सेवक के रुप में लेना, त्यौहारों पर ग्राहकों के लिए बम्फर स्कीम का आयोजन, होलसेल व्यवसायियों के लिए वार्षिक गारमेंट फेयर, मध्यम व्यापारियों के लिए बैंक से कम ब्याज व आसान कर्ज की सहायता करने का प्रयास, मार्केट में 24 घंटे बिजली आपूर्ति, केसेस निपटाने के लिए न्याय कमिटी का गठन और ग्रामपंचायत की विविध समस्याओं से निजात दिलाने का उनका प्रयास रहेगा.

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