* कार्रवाई की आवश्यकता
चिखलदरा/दि.03– मेलघाट के चिखलदरा व धारणी तहसील के अनेक नागरिक मध्य प्रदेश के झोलाछाप डॉक्टरों के उपचार का शिकार होते रहने की जानकारी है. इस कारण उनकी जान खतरे में आ गई है. इन फर्जी डॉक्टरों की जांच करने की आवश्कता निर्माण हो गई है.
मेलघाट में मध्य प्रदेश के फर्जी डॉक्टरों की संख्या भारी मात्रा में है. अनेक गांव में वे दिखाई देने की जानकारी है. ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा कम संख्या में रहने से नागरिकों को ऐसे फर्जी डॉक्टरों के पास जाना पडता है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा ग्रामीण अस्पताल में मरीजों की संख्या काफी बढी है. वर्तमान में भी मरीज भर्ती हो रहे है. ग्रामीण इलाकों के आदिवासी बंधु किसी भी तरह की बीमारी दिखाई देने पर अस्पताल में जाने की बजाए इन झोलाछाप डॉक्टरों से ही उपचार करवा लेते हैं. वर्तमान में मेलघाट में सर्दी, खांसी, बुखार और उससे होनेवाली बीमारियों में बढोतरी होने से तहसील स्वास्थ्य यंत्रणा उपचार करती रही तो भी कर्मचारियों की संख्या कम रहने से ग्रामीण इलाकों में चाहिए वैसी स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती.
रिक्त पद भरने के लिए जनप्रतिनिधियों को विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है. झोलाछाप डॉक्टरों को किसी भी तरह की अनुमति नहीं है, फिर भी वे मरीजों पर उपचार करते रहने से नागरिकों की जान खतरे में आ गई है. बोगस डॉक्टर मरीजों को अधिक तीव्रता वाले डोज के पेनकिलर देते हैं, इस कारण मरीजों को तत्काल आराम महसूस होता है तथा पैरासिटेमल जैसी गोली देकर मरीजों पर यह डॉक्टर उपचार करते है और अपने पास की दवाई देते हैं. कम पैसों में उपचार होता रहने से नागरिक भी इन्हीं डॉक्टरों के पास उपचार के लिए जाते हैं. समय पर यदि शासकीय स्वास्थ्य यंत्रणा उपलब्ध रही तो किसलिए झोलाछाप डॉक्टरो के पास हम उपचार के लिए जाएंगे, ऐसी प्रतिक्रिया नागरिकों ने दी है. इस कारण आदिवासी बंधुओं को इन बोगस डॉक्टरों से बचाना काफी आवश्यक है. संबंधित विभाग व्दारा इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाई करने की मांग मेलघाट के आदिवाासी बंधुओं ने की है.
* शिकायत आने पर कार्रवाई होगी
बोगस डॉक्टरों की शिकायत आने पर इस पर कार्रवाई करने वाली समिति को शिकायत दी जाएगी और उन पर कार्रवाई की जाएगी, ऐसी जानकारी तहसील वैद्यकीय अधिकारी डॉ. प्रवीण परिसे ने दी है.