अमरावती

सुंदर चेहरे व मीठी आवाज के चक्कर में फंसकर जेब हो रही खाली

साइबर अपराधी डाल रहे ऑनलाइन डाका

अमरावती/दि.30– सोशल मीडिया के जरिए दोस्ती करने के बाद अश्लिल फोटो व वीडियों वायरल करने का भय दिखाकर फिरौती के लिए धमकाए जाने के मामले इन दिनों अच्छे खासे बढ गए है. ग्रामीण पुलिस की साइबर शाखा के पास जारी वर्ष के दौरान सितंबर माह के अंत में ‘सेक्सटॉर्शन’ की एक शिकायत दर्ज कराई गई. वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन जॉब देने की बात कहने वाली मोबाइल कॉलर युवती की मीठी आवाज के चक्कर में फंसकर भी कई लोग अपनी जेब खाली कर रहे है.

2 वर्ष पहले एक बुजुर्ग व्यक्ति ने साइबर पुलिस के पास पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई थी कि, उसकी सोशल मीडिया के जरिए एक अनजान युवती से जान-पहचान हुई थी. लेकिन कुछ समय बाद उक्त युवती ने उससे यह कहते हुए पैसों की मांग की थी कि, पैसे नहीं देने पर वह उसके आपत्तिजनक फोटो व वीडियो को फेसबुक, इंस्टाग्राम, मैसेंजर, ट्वीटर व यूट्यूब के जरिए वायरल कर देगी. ऐसे मामलों में कई लोग बदनामी के भय से पुलिस के पास नहीं जाते, बल्कि इन ऑनलाइन ब्लैकमेलरों को कुछ पैसा देकर अपनी जान छूडाना चाहते है. परंतु साइबर अपराधी इतनी आसानी से पीछा नहीं छोडते. बल्कि हर बार नई धमकी देकर धन उगाही करने का सिलसिला जारी रखते है.

* एक मामला सेक्सटॉर्शन का
वरुड निवासी वीरेंद्र नामक व्यक्ति ने प्ले स्टोअर से रैंडम कॉल सर्च किया था. उस समय वीडियो कॉल लाइव टॉक नामक एप डाउनलोड करने का सुझाव मिला. इस एप को डाउनलोड करने के बाद वीरेंद्र ने एक युवती के साथ कुछ समय तक वीडियो कॉल पर बातचीत की. जिसके बाद उसे उसका वीडियो वायरल करने और उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की धमकी देते हुए उससे फिरौती वसूल की गई थी. इस मामले में 23 जनवरी को वरुड पुलिस ने अपराध दर्ज किया था.

* 9 माह में ऑनलाइन जालसाजी के 50 मामले
– जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ऑनलाइन जालसाजी की कई घटनाएं घटित हुई है. जिसमें से विगत 9 माह के दौरान करीब 50 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है.
– संबंधित पुलिस थाने से साइबर फ्रॉड के मामलों को आगे की जांच को ग्रामीण मुख्यालय स्थित साइबर पुलिस थाने में भेजा जाता है.
– सोशल मीडिया पर ज्यादातर समय बीताने वाले युवाओं की सुरक्षा का मुद्दा ऐसे मामलों की वजह से अधोरेखित हुआ है.

* बदनामी से डरकर शिकायत नहीं करने वाले लोग अधिक
पुलिस में शिकायत दर्ज करने पर साइबर पुलिस अपना नाम सार्वजनिक स्त पर घोषित कर देगी. जिससे अपनी बदनामी होगी और समाज द्वारा कई सवाल पूछे जाएंगे. इस भय के चलते कई लोग शिकायत करने हेतु सामने नहीं आते. जबकि साइबर पुलिस द्वारा हमेशा ही ऐसे मामलों में जनजागृति करते हुए ऑनलाइन ठगबाजी की शिकायतें पुलिस में दर्ज कराने का आवाहन किया जाता है.

* कई मामलों में हुई सफल जांच
ग्रामीण पुलिस की साइबर सेल ने ऑनलाइन फ्रॉड व सोशल मीडिया पर कई जालसाजी के मामलों पर सफलतापूर्वक जांच करते हुए ऐसे मामलों का पर्दाफाश भी किया है. इसमें से कई मामलों में पुलिस ने ठगबाजी का शिकार हुए लोगों का उनकी रकम वापिस दिलाई है.

* क्या सतर्कता जरुरी?
– सोशल मीडिया पर किसी भी अनजान व्यक्ति के साथ संभलकर दोस्ती करनी चाहिए और किसी भी अनजान व्यक्ति का वीडियो कॉल बिल्कुल भी रिसीव नहीं करना चाहिए.
– कई बार युवाओं को अपने जाल मेें फांसने हेतु सुंदर दिखने वाली युवतियों के चेहरों का प्रयोग किया जाता है और यह आभास करवाया जाता है कि, उक्त सुंदर युवती ही वीडियो कॉल पर बात कर रही है.
– यदि गलती से कोई न्यूड कॉल रिसीव हो ही जाता है, तो उस पर ज्यादा समय बात नहीं करनी चाहिए. क्योंकि ऐसा करने पर लैंगिक प्रताडना का आरोप व बदनामी का डर दिखाकर पैसों की मांग की जाती है.
– अगर ऐसी किसी कॉल को रिसीव करने के बाद किसी भी तरह का डर बताकर फिरौती मांगी जाती है, तो बिल्कुल भी आर्थिक व्यवहार नहीं करना चाहिए. बल्कि तुरंत ही साइबर पुलिस के पास पहुंचकर अपनी शिकायत दर्ज करवानी चाहिए.

* सजग व सतर्क रहना जरुरी
सेक्सटॉर्शन तथा सोशल मीडिया के जरिए जालसाजी के मामले लगातार बढ रहे है. नागरिकों ने इससे बचना चाहिए. यदि सोशल मीडिया पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजने के बाद कोई व्यक्ति अश्लिल फोटो व वीडियो वायरल करने की धमकी देकर फिरौती मांगता है, तो उसकी जानकारी तुरंत ही पुलिस को दी जानी चाहिए.
– अविनाश बारगल,
ग्रामीण पुलिस अधीक्षक

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