अमरावती

ऑनलाईन व्यवहार करें सावधानी के साथ, शहर के 33 लोगों को डेढ करोड का झांसा

ऑनलाईन बैंकिंग फ्रॉड के मामले बढे

अमरावती/दि.30– इन दिनों नकद व्यवहारों की तरह ऑनलाईन व्यवहार को अनन्यसाधारण महत्व प्राप्त हो गया है. इन दिनों चाय पीने और वडापाव खाने से लेकर पेट्रोल भरवाने, शॉपिंग करवाने तथा कार खरीदने जैसे सभी व्यवहार ऑनलाईन ही हो रहे है. इसके लिए युपीआय पेमेंट, डेबीट अथवा के्रडीट कार्ड से पेमेंट, ऑनलाईन बैंकिंग अथवा मोबाईल बैंकिंग ऍप जैसे व्यवहार काफी अधिक बढ गये है. किंतु डिजीटल व्यवहार किये जाते समय इसी दौरान साईबर फ्रॉड की घटनाओं में भी बडे पैमाने पर वृध्दि हुई है. इसके तहत अब तक शहर में 33 लोगों को करीब डेढ करोड रूपये का चुना लगाया जा चुका है. जिसमें कई लोगों को ऑनलाईन तरीके से बैंक अथवा एटीएम के नाम पर बेवकूफ बनाया गया.
इन दिनों डिजीटल फ्रॉड या साईबर फ्रॉड में हैकर्स द्वारा संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते की जानकारी हैक की जाती है और व्यक्तिगत जानकारी को हासिल करने के बाद बैेंक खाते से रकम चुराई जाती है. जिसके चलते बैंकिंग या सोशल मीडिया का प्रयोग कर जालसाजी होने पर तुरंत ही साईबर पुलिस से संपर्क करने आवाहन साईबर पुलिस द्वारा बार-बार किया जाता है. इसके साथ ही ऑनलाईन व्यवहार करते समय किस तरह की सावधानियां बरती जाये और अनजान नंबर से आनेवाली कॉल से किस तरह निपटा जाये, इसे लेकर भी समय-समय पर अलर्ट जारी किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद भी लोगबाग साईबर अपराधियों के जाल में फंसते ही है.

* एक साल में 1.40 करोड की जालसाजी
शहर पुलिस आयुक्तालय के साईबर पुलिस थाने में 1 जनवरी से 25 दिसंबर तक बैंकिंग फ्रॉड के 33 मामले दर्ज किये गये. जिसमें 1 करोड 40 लाख 17 हजार 612 रूपयों की जालसाजी की गई. इसमें से 35 लाख 95 हजार 801 रूपये वापिस दिलाये गये. इसके अलावा सोशल मीडिया के जरिये हुए अपराधों में विनयभंग के 5 मामले दर्ज किये गये. जिसमें से 3 मामलों को सुलझाया गया.

* थोडी सावधानी जरूरी
अनजान नंबर से आनेवाली कॉल में आपके डेबिट अथवा के्रडीट कार्ड के बंद होने की बात कहते हुए एटीएम कार्ड का नंबर मांगा जाता है और पासवर्ड भी पूछा जाता है. किंतू हकीकत यह है कि बैंक द्वारा कभी भी ऐसी कॉल नहीं कि जाती है और कोई भी बैंक अपने किसी भी ग्राहक से उसका पिन नंबर या ओटीपी नंबर भी नहीं पूछती.
– कई बार केवायसी करने के नाम पर कॉल करनेवाले व्यक्ति द्वारा किसी न किसी बात का डर दिखाते हुए ओटीपी नंबर मांगा जाता है और केवायसी करना कितना अनिवार्य है, यह समझाया जाता है. यदि एक बार ऐसे लोगों के झांसे में आ गये, तो आपके बैंक खाते से रकम कब डेबिट हो जायेगी, यह समझ में भी नहीं आता.
– किसी लिंक पर क्लिक करके पुरस्कार हासिल करने अथवा केबीसी या किसी बडी अन्य कंपनी द्वारा चयन किये जाने या फिर लॉटरी लगने जैसी बातें कहते हुए बैंक खाते में रकम क्रेडीट होने का भी झांसा दिखाया जाता है. जिसकी लालच में फंसकर लोगबाग अपना खुद का नुकसान कर बैठते है. किंतु ऐसी किसी भी बात पर कभी भी भरोसा नहीं किया जाना चाहिए. अन्यथा अपने बैंक खाते से रकम साफ होने का खतरा होता है.
– कई बार किसी व्यक्ति के फेसबुक अकाउंट को हैक करते हुए या फिर किसी व्यक्ति के नाम पर फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर उसके नाम से उसके परिचितों से पैसे मांगने के मामले भी सामने आ चुके है. इसके अलावा कई विदेशी लोगों द्वारा अपना पैसा या सामान कस्टम में अटकने का झांसा देकर उसे छूडाने की ऐवज में पैसा मांगने के मामले भी सामने आ चुके है. ऐसे मामलों में अब तक बडे पैमाने पर ऑनलाईन लूट की वारदातें घटित हो चुकी है. अत: ऐसे झांसों में भी नहीं आना चाहिए.

* तुरंत करें शिकायत
ऑनलाईन जालसाजी या ठगबाजी की घटना घटित होने पर तुरंत ही संबंधित पुलिस थाने तथा साईबर सेल से संपर्क करते हुए अपनी शिकायत दर्ज करायी जानी चाहिए. ऑनलाईन फ्रॉड की वारदात घटित होने के बाद पहले कुछ घंटे बेहद महत्वपूर्ण होते है. क्योंकि इन्हीं गोल्डन अवर के दौरान इस फ्रॉड को अंजाम देनेवाले साईबर अपराधियों को खोजा जा सकता है. वहीं सबसे जरूरी यह होता है कि, किसी भी अनजान फोन कॉल अथवा अनजान व्यक्ति के मैसेज पर भरोसा ही नहीं किया जाना चाहिए और किसी भी तरह के अपडेट अथवा बैंकिंग संबंधी काम की दिक्कत के संदर्भ में अनजान कॉल पर भरोसा करने की बजाय अपने नजदिकी बैंक शाखा में जाकर इसकी तसदीक कर लेनी चाहिए.

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