परतवाडा / प्रतिनिधि दि.१ – पूरा विश्व कोरोना वैश्विक महामारी का सामना कर रहा है. इस महामारी का सर्वाधिक असर अमरावती व अचलपुर तहसील में देखने को मिल रहा है. यह दोनों तहसीलें कोरोना हॉटस्पॉट बन चुके है. आधे से ज्यादा परतवाड़ा शहर हॉटस्पॉट केंद्र में तब्दील हो चुका है. बहरहाल सरकार को २०२० के बाद २०२१ फरवरी से १ मार्च तक लॉकडाउन लगाना पड़ गया है. फिर भी कोरोना संक्रमण के मामले कम होने का नाम नहीं ले रहे है. एक तरफ जहां कोरोना लोगों में भय पैदा कर रहा है. वहीं दूसरी ओर कोरोना बीमा पॉलिसी को लेकर प्राईवेट पैथालॉजी लैब भी चर्चाओं में है. दैनिक अमरावती मंडल ने इन पूरे तथ्यों को खंगाला और चिकित्सा जगत के विशेषज्ञों से चर्चा कि तो मुख्य बात सामने आयी. कोरोना में दो प्रकार के टेस्ट होते है. एक एन्टीबॉडी टेस्ट और दूसरा एंटीजन टेस्ट. इसमें डाइगोनिस्ट के लिए एंटीजन टेस्ट उपयोगी है. एंटीजन टेस्ट भी दो प्रकार की होती है. पहली रैपिड एंटीजन टेस्ट व दूसरी आरटीपीसीआर टेस्ट. इसमें रैपिड एंटीजन टेस्ट के फायदे ज्यादा है, क्योंकि यह कम खर्चिला होता है. यह टेस्ट लैब में ५०० से ६०० रूपए में हो जाती है. इसकी तुलना में आरटीपीसीआर टेस्ट लैब में १२०० से १५०० रुपए में होता है. एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट एक घंटे में मिल जाती है. जबकि आरटीपीसीआर की रिपोर्ट को ४८ से ७२ घंटे मिलते है. रैपिड एंटीजन टेस्ट से कोरोना मरीज का उपचार जल्दी से शुरू होने की जानकारी औरंगाबाद के शासकीय विद्यापीठ के कोरोना लैब इंचार्ज डॉ. बजाज ने दी.
जबकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने से मरीज का उपचार शुरू होने में ७२ घंटे बाद उपचार शुरू होता है. एक्सपर्ट के अनुसार सभी प्राईवेट पैथालॉजी लैब में सरकारी अनुमति के बाद यह टेस्ट कर सकते है. आखिर विवाद कैसे उत्पन्न हुआ इस बात को समझने में कहा गलतफहमी हुई. यह जानना भी जरूरी है. सीएस के अनुसार अमरावती जिले में ११ प्राईवेट लैब को कोरोना टेस्ट की अनुमति मिली थ्थीं. २० फरवरी के बाद प्रशासन ने किन्हीं कारणों से नीति में बदलाव कर कुछ समय के लिए ११ लैब की टेस्ट अनुमति को रद्द कर दिया और २२ फरवरी को अफवाह फैली कि एंटीजन रिपोर्ट में बदलाव कर निगेटीव को पॉजीटीव किया जाता है और बीमा क्लेम के लिए उसका उपयोग किया जाता है. जबकि कई एक्सपर्ट की माने तो कोरोना का बीमा करानेवालीद कंपनियां बिना आरसीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट के क्लेम पास नहीं करती. अधूरे ज्ञान की वजह से लोगों के समझ में पूरी बात नहीं आयी और इसीलिए यह अफवाह फैलायीइ गई. अमरावती जिले की जिन ११ प्राईवेट पैथालॉजी लैब को आरएटी टेस्ट अनुमति रद्द की गई. दरअसल इन लैब में आरटीपीसीआर टेस्ट होता ही नहीं है तो रिपोर्ट बदलने का सवाल ही नहीं उठता. इस पूरे मामले में संभ्रम की स्थिति बनी हुई है. जबकि इन ११ लैब को टेस्ट अनुमति तुरंत प्रभाव से दी जाए तो कोरोना का डाईगोलिस्ट जल्द होगा. वहीं उपचार भी जल्द शुरू होगा. अमरावती जिले में कोरोना से पीडित मरीजों को भी सुविधा होगी. बहरहाल कोरोना लैब के सरकारी इंचार्ज औरंगाबाद गर्वमेंट यूनिवर्सिटी डॉ. बजाज ने दी है.