अमरावती

कोरोनाकाल के दौरान जिले में 374 कुपोषितों का इलाज

महिला व बालकल्याण विभाग की उपलब्धि

  • अंगणवाडी केंद्रों में उपलब्ध है चिकित्सा सुविधा

अमरावती प्रतिनिधि/दि.३कोरोना काल के दौरान अंगनवाडियों के कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हुए है. लेकिन इस दौरान भी कुपोषित बच्चों का नियमित उपचार और उनके लिये कल्याणकारी योजनाएं लगातार जारी थे. बीते वर्ष 2 हजार 144 कुपोषित बच्चों का इलाज किया गया. जिसमें से 2 हजार 82 बच्चों की कुपोषित श्रेणी में सुधार हुआ. इस दौरान मध्यम कुपोषित यानी मैम तथा तीव्र कुपोषित यानी सैम श्रेणी के बच्चों को 30 दिनोें तक रोजाना 7 से 8 बार पौष्टिक भोजन व औषधोपचार देते हुए उनकी श्रेणी में सुधार किया गया.
बता दें कि, आदिवासी बहुल मेलघाट के धारणी व चिखलदरा तहसीलों की कुल 479 अंगणवाडी केंद्रोें में ग्राम बालविकास केंद्र शुरू करते हुए वहां पर 2 हजार 144 बच्चों को भरती कराया गया. जिसमें से 2 हजार 82 बच्चों का श्रेणीवर्धन हुआ. साथ ही जिले में 1 हजार 37 सैम श्रेणीवाले कुपोषित बच्चों के लिए एनर्जी डेन्स न्यूट्रीशियस फूड (ईडीएआय) बालविकास केंद्र शुरू किये गये. जहां पर 633 बच्चों की श्रेणी में सुधार हुआ और ये बच्चे कोविड मुक्त हो गये. इसके अलावा ग्राम बालविकास केंद्र में भरती कराये गये बच्चों का वजन न बढने पर उन्हें सिटीसी व एनआयसी में भरती कराया जाता है. गत वर्ष 58 सैम व 6 मैम बच्चों को 15 सीटीसी केंद्रोें में भरती कराया गया था. जिसमें से 54 बच्चों का श्रेणीवर्धन हुआ. ऐसे बच्चों के लिए जिला परिषद के महिला व बालकल्याण विभाग अंतर्गत बच्चों व माताओें हेतु विभिन्न योजनाएं चलायी जा रही है.
जानकारी के मुताबिक कोरोना संक्रमण काल से पहले माताओं व बच्चों को अंगनवाडी में तैयार किया गया भोजन दिया जाता था. किंतु कोरोना संक्रमण काल के दौरान कोई भी कुपोषित बच्चा पौष्टिक आहार से वंचित न रहे, इस हेतु उन्हें घर पहुंच कच्चा अनाज पहुंचाया जा रहा है. बता देें कि, मेलघाट में भारतरत्न ए.पी.जे. अब्दुल कलाम अमृत आहार योजना शुरू है. जिसके तहत गर्भवति स्त्रियों एवं नवप्रसूता महिलाओं व अंगनवाडी सेविकाओं द्वारा भोजन के डिब्बे घर पहुंच उपलब्ध कराये जाते है. इसी तरह नवजात बालकों सहित कुपोषित बच्चोें को सप्ताह में चार दिन यानी एक माह में 16 दिन अंडे उपलब्ध कराये जाते है. कोरोना काल के दौरान भी पौष्टिक आहार का नियमित वितरण शुरू है और अंगनवाडी सेविकाओें द्वारा सभी बच्चों के वजन व उंचाई की नियमित नापजोक की जा रही है.

  • किस वर्ष कितने कुपोषितोें का इलाज

2016 – 1078
2017 – 2207
2018 – 2174
2019 – 3084
2020 – 3909

  • पांच वर्ष में 7580 बच्चे कुपोषण मुक्त

मेलघाट सहित समूचे जिले में वर्ष 2016 से 2020 तक पांच वर्ष के दौरान ग्राम विकास केंद्रों में इलाज के लिए मैम व सैम श्रेणी के कुल 11 हजार 652 कुपोषित बच्चे भरती हुए. जिसमें से 7 हजार 580 बच्चे चरणबध्द ढंग से कुपोषण मुक्त हो गये.

कोरोनाकाल के दौरान भी तीव्र कुपोषित बच्चों पर महिला व बाल कल्याण विभाग द्वारा व्यक्तिगत तौर पर ध्यान दिया जा रहा है. उन्हेें ग्राम बालविकास केंद्र तथा बाल उपचार केेंद्र के साथ ही जरूरत पडने पर एनआरसी के जरिये इलाज की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है.
– प्रशांत थोरात
उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी,
महिला व बाल कल्याण

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