हृदय विकार पर स्टेमी प्रकल्प से उपचार
जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ईसीजी मशीन

अचलपुर /दि.11– हृदय विकास के कारण होने वाली मृत्यु का प्रतिशत दिनोंदिन बढता जा रहा है. कम आयु में इस बीमारी के कारण मृत्यु होने वालों की संख्या बढ रही है. इस मृत्यु को रोकने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग ने विविध उपक्रम शुरु किये है. स्टेमी योजना के तहत जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में तथा ग्रामीण अस्पताल में ईसीजी मशीन दी गई है. इस पर जांच करने पर केवल दो मिनट में संबंधित मरीज को जानकारी मिल रही है. यदि लक्षण दिखाई दिये, तो प्राथमिक उपचार कर उसे आगे के उपचार के लिए जिला अस्पताल भेजा जा रहा है.
हृदय की रक्त आपूर्ति कम हुई अथवा रक्त आपूर्ति करने वाली वाहिनी में दुविधा निर्माण हुई, तब दिल का दौरा पडता है. विशेष यानि दिल के दौरे से होने वाली मृत्यु का प्रमाण बढ रहा है. ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए स्टेमी प्रकल्प चलाने का निर्णय लिया गया है. इसके लिए जिले के सभी प्राथमिक केंदों व ग्रामीण अस्पतालों को ईसीजी मशीन दी गई है. इन सभी स्थानों पर नि:शुल्क जांच की जा रही है. हृदयविकार का जल्द निदान करना, मरीजों को तत्काल एन्जीओप्लास्टी जैसा उपचार उपलब्ध करना, दिल का दौरा पडने से होने वाली मृत्यु कम करना आदि योजना का उद्देश्य है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र व ग्रामीण अस्पताल में स्टेमी उपचार केंद्र स्थापित किया गया है. इन सभी केंद्रों में ईसीजी मशीन उपलब्ध कर दी गई है. ईसीजी मशीन में कुछ लक्षण दिखाई दिये, तो मरीज को आगामी उपचार के लिए जहां एन्जीओप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध है ऐसे अस्पताल में भेजा जा रहा है.
* उपचार के लिए सुविधा
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्टेमी प्रकल्प शुरु किया गया है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा ग्रामीण अस्पताल में ईसीजी मशीन की आपूर्ति की गई है. अब स्थानीय स्तर पर ही हार्ट में दर्द लेकर आये मरीजों का समय पर ईसीजी निकालकर उस पर आगे का उपचार करना संभव हो रहा है. आगामी उपचार के लिए जिले के अच्यूत महाराज तथा पंजाबराव देशमुख अस्पताल में भर्ती किया जा रहा है. इस कारण नागरिक समिप के सरकारी अस्पताल में जाकर जांच कर सकते है.
– डॉ. प्रवीण पारिसे,
अतिरिक्त जिला स्वास्थ्य अधिकारी.
* यहां होता है उपचार
जिले का पंजाबराव देशमुख अस्पताल और अच्युत महाराज अस्पताल यह स्वास्थ्य संस्था का हब माना जाता है. ईसीजी की रिपोर्ट एप पर डाउनलोड करते हुए दो से तीन मीनट में संबंधित डॉक्टरों को रिपोर्ट भेजी जाती है. पश्चात संबंधित डॉक्टर उपचार ठहराते है. आवश्यक रहने पर मरीज को तत्काल हॉस्पिटल रेफर किया जाता है. जहां महत्मा फुले जन स्वास्थ्य योजना के तहत हृदयविकार पर उपचार किया जाता है.