गोकुलम गौरक्षण संस्था में जख्मी गायों का उपचार शुरु
बढ रही है मुंह में बम फटने की घटनाएं
* रोंगटे खडे कर देने वाले जख्म
अमरावती /दि.25– गायों के मुंह में देसी बम फटने की घटनाएं बढ रही है. समाज विघातक लोग इस प्रकार की करतूत कर रहे हैं. घायल गायों का नांदूरा बु. स्थित गोकुलम गौरक्षण में उपचार किया जा रहा है. गायों का जबडा छिन्न-भिन्न होकर उनकी जीभ और दांतों को भी पीडा पहुंच रही हैं.
बताते है कि, वन्यजीवों के शिकार हुए खेत की मेड पर देसी बम रखे जा रहे है, जो गलती से गायें चबा रही है. जिससे एक के बाद एक अनेक घटनाएं हो चुकी है. जबकि ऐसी घटना की शिकार गाय को देखते ही मानवीय हृदय रो पडे, इस प्रकार की स्थिति बनी है. ऐसे में गोकुलम में उपलब्ध उपचार सुविधा का लाभ देने का प्रयत्न हो रहा है.
फटे हुए जबडे के साथ संपूर्ण परिसर में घूम रही, पीडा सहन कर रही गाय के बारे में लोगों ने गोकुलम संस्था को सूचित किया. तुरंत संस्था का दल वहां पहुंचा और गाय को अपने विशेष वाहन से गोरक्षण में लाया गया. पशु चिकित्सकों ने गाय की मरहम पट्टी कर इंजेक्शन और अन्य दवाईयां और उपचार दो दिनों से शुरु कर रखे हैं. गोकुलम गौरक्षण संस्था के प्रबंधक ने बताया कि, घटना की शिकार गाय अथवा बछडे खा-पी नहीं सकते. बारुद से उन्हें बडी पिडा होती है. ऐसे में उन्हें अधिकाधिक मात्रा में सलाइन अर्थात ग्लूकोज दिया जाता है. उसी प्रकार आटा, ढेप, मिनरल मिक्सर का पेस्ट मुंह में डाला जाता है. पपीता, हरी सब्जियां भी बारीक कर दी जा रही है. गाय के मालक मनोज दामोधर राउत, गांव तालुका तिवसा, वेदांत अशोक भटकर, गांव नांदगांव पेठ है. गोकुलम गौरक्षण संस्था के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. राधेश्याम बहादुरे, डॉ. अशोक किनगे, डॉ. दिलीप पाटील, डॉ. अरुण इखार, डॉ. चंद्रशेखर गिरी डॉ. सुनील कुलकर्णी, डॉ. प्रकाश उंबरकर, डॉ. सुधीर जोशी व डॉ. विलास जोडपे, वीरेंद्र कोरे, आदित्य गवई आदि जख्मी गायों का उपचार का प्रयत्न कर रहे हैं.