अभिनंदन पेंढारी के हाथों वृक्ष पूजन एवं निःशुल्क वृक्ष वितरण
विश्व पर्यावरण दिवस पर वृक्ष संरक्षण फाउंडेशन का उपक्रम

अमरावती/दि.6-अमरावती शहर में वृक्षारोपण एवं संरक्षण के क्षेत्र में विभिन्न गतिविधियों को सफलतापूर्वक क्रियान्वित करने वाले वृक्ष संरक्षण फाउंडेशन ने विश्व पर्यावरण दिवस की प्रासंगिकता को ध्यान में रखते हुए विविध कार्यक्रम आयोजित किए और यह दिवस उत्साह के साथ संपन्न हुआ. साईनगर क्षेत्र के नालंदा कॉलोनी स्थित वृक्ष संरक्षण नर्सरी में वृक्ष पूजन एवं वृक्षारोपण किया गया तथा घर-घर वृक्षारोपण के लिए आम, इमली, नीम, आंवला, पीपल, वटवृक्ष, जामुन जैसे अनेक उपयोगी वृक्षों के पौधे वितरित किए गए.
इस कार्यक्रम के अध्यक्ष समाजसेवी अभिनंदन पेंढारी थे, जबकि मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ समाजसेवी पुरुषोत्तमजी मुंदड़ा, दीपक हुंडीकर, अंजलि पाठक, वर्षा कडू, जगदीश सायसिकमल, हरिहर बोचरे, ज्ञानेश्वर कुर्वे उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत में मंजु वासनिक ने सभी अतिथियों का कुमकुम तिलक लगाकर एवं पर्यावरण का संदेश देने वाले बैज देकर स्वागत किया. तत्पश्चात कार्यक्रम अध्यक्ष अभिनंदन पेंढारी व अतिथियों ने नर्सरी में एक बड़े वृक्ष की विधिवत पूजा-अर्चना की तथा उद्यान में कुछ नई प्रजातियों के वृक्ष रोपे गए. इसके पश्चात कोटा से आए किंडरगार्टन के छात्र अभिमित सुमित जैन ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम की प्रस्तावना वृक्षसंरक्षण फाउंडेशन के अध्यक्ष इंजीनियर हरिहर बोचरे ने की. उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए संस्था द्वारा क्रियान्वित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी तथा कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा करना सभी की जिम्मेदारी है. इसके लिए सभी को आज संकल्प लेना चाहिए तथा आने वाली पीढ़ी को प्रकृति से अधिक लाभ कैसे मिले, इसके लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए. इसके पश्चात वर्हाडी कवि आबासाहेब कडू की दो कविताओं का वाचन किया गया, जिसमें पर्यावरण क्षति से होने वाले नुकसान तथा समाधान की योजना बनाकर पर्यावरण संरक्षण के लाभों के बारे में बताया गया है. सभी अतिथियों व अध्यक्ष अभिनंदन पेंढारी ने अपने अध्यक्षीय भाषण में वृक्ष संवर्धन फाउंडेशन के जनसेवा कार्यों के बारे में बताया तथा कहा कि आज विश्व पर्यावरणीय समस्याओं से जूझ रहा है तथा पर्यावरणीय क्षति को रोकने तथा प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए सभी को कड़ी मेहनत करनी चाहिए. सभी को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और पेड़ों का संरक्षण करना चाहिए, पेड़ों को काटने की अनुमति नहीं देनी चाहिए, पानी की बर्बादी से बचना चाहिए, ऊर्जा की बचत करनी चाहिए, प्लास्टिक का उपयोग नहीं करना चाहिए, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना चाहिए और इस संबंध में छोटे बच्चों में जागरूकता पैदा करनी चाहिए. इस अवसर पर ज्ञानेश्वर कुर्वे के जन्मदिन के उपलक्ष्य में एक पेड़ दिया गया. कार्यक्रम का संचालन वर्षा गांवडे कडू ने किया और पीयूष वासनकर ने आभार व्यक्त किया. इस अवसर पर कई नागरिकों को अपने क्षेत्रों में लगाने के लिए पेड़ दिए गए और उन्हें संरक्षित करने का आश्वासन भी दिया गया.