अमरावतीमहाराष्ट्र

आरक्षण मुद्दा व विभिन्न मांगो को लेकर आदिवासी समाज ने कलेक्ट्रेट पर किया धरना प्रदर्शन

धनगर समाज को आदिवासी कोटे से आरक्षण दिए जाने से है नाराज

* 12500 जगह पर विशेष भरती की मांग
* शासन-प्रशासन के सामने आदिवासी आरक्षण बचाओ कृति समिति ने रखी मांग
अमरावती/दि.7– आदिवासी आरक्षण से धनगर जाती को आरक्षण ने देने व सुप्रीम कोर्ट व्दारा दिए गए पदभरती निर्णय की तुरंत अमलबजावणी करने, आदिवासी बोगस जाती प्रमाण पत्र पर नौकरी पर नियुक्त होने वालों पर एट्रासिटी एक्ट अंतर्गत कार्रवाई करने व आदिवासी की प्रलंबित भरती तुरंत करने जैसी अनेक मांगो को लेकर आज आदिवासी बचाओ कृति समिति व्दारा एक दिवसीय धरना आंदोलन जिलाधिकारी कार्यालय के सामने किया गया. मांग न पूरी होने की स्थिती में सभी आदिवासी विद्यार्थी मंत्रालय पर पहुंचकर आत्मदहन की चेतावनी भी इस समय दी गई.
विगत 40 वर्षो से धनगर जाती हमारी अनुसूचित जाती के धनगड है, ऐसा युक्तीवाद करते हुए आदिवासी होने का दावा करने का प्रयत्न किया जा रहा हैं. इस संदर्भ में विविध माध्यम से न्यायालय की लडाई, मोर्चा, धरना, आंदोलन, राजकीय दबावतंत्र जैसे विविध मार्गो से लडाई लडी जा रही हैं. मगर यह सत्य नहीं है. आदिवासियों के हक का अधिकार धनगर समाज व्दारा छिना जा रहा हैं. धनगर समाज को आदिवासी कोटे से आरक्षण न देने. आदिवासी प्रमाण पत्र पर नकली आदिवासी बनकर नौकरी पर कब्जा करने वालों पर एट्रासिटी एक्ट के तहत कार्रवाई करने, अनुसूचित क्षेत्र में (पेसा) 17 संवर्ग के लिए आरक्षित रहने वाले आदिवासी की प्रलंबित भरती तुरंत करने जैसी अनेक मांगो को लेकर आज जिलाधिकारी कार्यालय के सामने सैकडों आदिवासी नागरिकों ने धरना प्रदर्शन किया. वही इन मांगो को मान्य करने के लिए जिलाधिकारी के मार्फत राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, विधानसभा अध्यक्ष नरहरी झिरवल, उपमुख्यमंत्री, आदिवासी विकस मंत्री, मुख्य सचिव, न्याय मंत्री को ज्ञापन भेजा गया. इस समय अर्जुन युवनाते के नेतृत्व में संतोष वलके, रजनीकांत सरकुंडे, रोहीत झाकर्डे, शंकर रणमले, उत्तमराव मोडक, अतुल परतेकी, ऋषीकेश लाव्हरे, राजू काले, अजय चव्हाण, दक्ष धुर्वे, निलेश पवार, मारोती उईके, सुरज मडावी, अनिल भिलावेकर, सतिश मावसकर, उमेश सोलंके, नितीन नामुर्ते, पवन वाडवे, शंकर सिरसाम, विठ्ठल तुमडाम, कमलनारायण उईके, पवन तुमडाम, दर्शन गव्हाले, रामेश्वर तोटा, सोहम सोलंके, पिंटु सोलंके सहित सैकडों आदिवासी युवक-युवती, विद्यार्थी व नागरिक उपस्थित थे.

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