आदिवासी कोली महासंघ ने जलाई शासन आदेश की होली
एक करोड आदिवासियों के नामशेष करने वाला आदेश रद्द करने की मांग
अमरावती/दि.17 – राज्य में अनुसूचित जनजाति के लोगों को जाति का प्रमाणपत्र व वैधता प्रमाणपत्र हासिल करते समय आने वाली बाधाए दूर होने के लिए इसके लिए 14 जनवरी 2019 को गठित निवृत्त न्यायामूर्ति हरदास के अध्यक्षता वाली समिति ने 29 मई 2019 को अपना शासन आदेश दिया. पूरे एक साल बाद 7 जून 2021 से उस पर अमंल शुरु हुआ. आदिवासी विभाग द्बारा जारी किया गया शासन निर्णय यह समिति की ओर से अपेक्षित रहने वाले काम के लिए नहीं है. राज्य भर से अन्याय ग्रस्तों की ओर से हो रही मांग से जुडा नहीं है. इस कारण राज्यभर से करोडों आदिवासियों ने रोष व्याप्त है. यह शासन आदेश तत्काल रद्द करने की मांग के लिए आज जिलाधिकारी को निवेदन देकर शासन निर्णय की होली जलाई गई.
आदिवासी विभाग में गलत मार्ग से आदिवासियों पर अन्याय करने की नीति है. हाल ही में अधिसंख्य पद का शासन निर्णय और उससे शासन के खिलाफ आक्रोष होना चाहिए. इसके लिए आज यह आंदोलन किया गया. आंदोलन में आदिवासी कोली महासंघ के एकनाथ जुवार, भाष्कर पोलटके, गजानन कासमपुरे, गणेश बोपटे, वसंत इंगले, मनोहर बुध, रघुनाथ इंगले, वंदना जामनेकर, गजानन चुनकीकर, बालकृष्ण सारंगधर दंदे, जयश्री बालकृष्ण दंदे, प्रफुल्ल ढोरे, प्रतिभा ढोरे, एकनाथ मानकर, राजेश ढोलवाडे, अंजली ढोलवाडे, रविंद्र भांडे, नरेंद्र ढोलवाडे, सुधिर दाभाडे, नंदकिशोर रायबोले, प्रमोद खर्चान, रविंद्र भोंडे, संजय ठाकुर, संतोष राने, गजानन सुर्यवंशी, अशोक डोंगरे, राजेंद्र शेंद्रे, विजय इंगले, श्रीकृष्ण इंगले, ज्ञानेश्वर राने आदि सहभागी हुए.